Tadap Ishq ki - 12 in Hindi Love Stories by Miss Thinker books and stories PDF | तड़प इश्क की - 12

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तड़प इश्क की - 12

अब आगे.................

किरन और एकांक्षी पीछे मुड़कर देखते हैं ,

" विक्रम मल्होत्रा...." किरन उसे गुस्से में घूरती हुई कहती हैं....

विक्रम एकांक्षी के करीब जाकर कहता है....." वैसे एकांक्षी मानना पड़ेगा तुम्हें बहुत जल्दी एहसास हो गया तुम्हें मेरे करीब आने का.....by the way बहुत जल्द तुम फिर वही होगी जहां तुम्हें होना चाहिए....."

किरन गुस्से में दांत भींचकर एकांक्षी को कवर करके आगे आकर कहती हैं....." वो गलती दोहराने की कोशिश भी मत करना नहीं तो क्या पता इस बार हमेशा के लिए ऊपर निकल लो....."

विक्रम मुठ्ठी भींचकर एकांक्षी से कहता है....." अपने इस तोते से बोलो हमारे रास्ते में न आए वरना इसके लिए भी अंजाम वहीं हो सकता है और हां तुम्हारा वो‌ शाॅक वैव का तरीका हर बार success नहीं होगा , so be careful...."

विक्रम स्टाइल में अपने गोगल्स को लगाते हुए वहां से चला जाता है लेकिन एकांक्षी के आंखों से आंसू की बूंद गिरने लगती है,,, किरन से उसे रिलेक्स रहने के लिए कहती हैं....

अधिराज जो वहीं पर छिपे हुए सब सुन चुका था , एकांक्षी की आंखों में आए आंसू को देखकर गुस्से में कहता है..." ये कौन है जो हमारी वैदेही को पीड़ा पहुंचा रहा है , इसके लिए इस सजा जरूर मिलेगी , हम इस इसके किए की सजा अवश्य देंगे...."

अधिराज वहां से चला जाता है और एकांक्षी और किरन केंटिन में पहुंचती है.....

उधर विक्रम अपने दोस्तों के साथ आती जाती लड़कीयों को देखकर उन्हें कमेंट करने में बीजी था तभी उसके पास से एक तेज हवा के झौंके के साथ गाल पर तेज जलन के साथ खून बहने लगता है,, विक्रम अपने गाल पर हाथ लगाकर उस खून को देखकर गुस्से में इधर उधर देखने लगता है लेकिन तभी फिर से एक और झौंके के साथ उसकी गर्दन जख्मी हो जाती है और उसके कानों में आवाज गूंजती है.." एकांक्षी से दूर रह .."

विक्रम बौखलाते हुए अपने दोस्तों को इधर उधर किसी को ढूंढ़ने के लिए कहता है लेकिन उसके दोस्त तो इस बात से हैरान थे अचानक हवा के झौंके के साथ उसपर ये खूनी हमला कैसे हुआ....सब विक्रम के कहने पर किसी को ढूंढ रहे थे लेकिन उनको क्या पता ये सब अधिराज ने किया है .. अधिराज एकांक्षी की आंखों में आंसू देखकर काफी गुस्से में था इसलिए उसने बिना देर किए विक्रम को जख्मी कर दिया ......

विक्रम एकांक्षी का नाम सुनकर सोचने लगता है जरुर ये सब एकांक्षी ने करवाया होगा.... इसलिए अपने खून को पोछते हुए, सीधा कैंटीन में पहुंचता है लेकिन बहुत देर हो चुकी थी एकांक्षी वहां से किरन के साथ जा चुकी थी इसलिए वो बिना देर किए अपनी कार से उसे ढूंढने के लिए चला जाता है....

इधर किरन एकांक्षी को को समझाते हुए कहती हुई चल रही थी....." एकांक्षी तूझे उस विक्रम के आगे कमजोर नहीं पड़ना , उसे फिर से एक बार सबक सिखाना होगा तूझे...."

एकांक्षी झिल्लाते हुए कहती हैं....." बस कर ,,, मैं उससे डरती नहीं हूं, मुझे सिर्फ भाई की जान की फ़िक्र है ‌‌ , मैं नहीं चाहती उन्हें मेरी वजह से कोई प्रोब्लम हो , उन्होंने इतनी मेहनत करके यहां तक पहुंचे हैं...."

किरन कोल्ड वाॅइस में कहती हैं...." देख तेरा भाई कोई नार्मल तो है नहीं वो एक ACP है माना थोड़ा रूड है लेकिन तेरी कितनी केयर करता है तो तू उससे सब बता दें न..."

" तू अभी जानती नहीं उस विक्रम को MLA का बेटा है इसी बात की धमकी वो देता है और मैं नहीं चाहती भाई की जाॅब पर कोई प्रोब्लम हो, , मैं अपनी प्रोब्लम खुद सोल्व कर लूंगी..." एकांक्षी किरन को उसके घर पर ड्राप करके आगे चली जाती हैं......

एकांक्षी अभी आधे रास्ते में ही पहुंची थी तभी उसके सामने एक कार आकर रूकती है , जिसे देखकर एकांक्षी समझ जाती है ये विक्रम है और चुपचाप साइड से जाने लगती है लेकिन विक्रम तुरंत कार से बाहर आकर उसे कलाई से पकड़कर अपनी तरफ खींचता है...... एकांक्षी अचानक उसके पास आने से उसे धक्का देती हुई कहती हैं....." how dare you touch me..."

विक्रम दोबारा उसके हाथ को मोड़ते हुए उसकी कमर पर रखते हुए उसके कानों के पास उसके बालों को हटाते हुए कहता है....." I don't need any courage to touch you, you are my love...."

एकांक्षी झटके से उससे दूर होती हुई कहती हैं...." तुम्हारे प्यार को गले लगाने से अच्छा है मैं मौत को गले लगा लूं..", ,

" तुम्हें मरने का इतना ही शौक है तो ठीक है जो तुम मेरे इस खूबसूरत से चेहरे का हुलिया बिगड़वाया है उसका हिसाब देकर ....."

" मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हारी शक्ल बिगड़वाने का..." इतना कहकर एकांक्षी वहां से जाने लगती है लेकिन विक्रम दोबारा उसे खींचकर कार से टिका कर उसके हाथ से कवर करते हुए कहता है....." ठीक है माना तुमने ये सब नहीं करवाया , ..." विक्रम उसे हवस भरी नजरों से घूरते हुए देखकर कहता है...." लेकिन इतने दिनों तक तो मुझे उस हाॅस्पिटल में पहुंचाया , उसका क्या...?..."

एकांक्षी उससे दूर जाने के लिए धक्का देती है लेकिन विक्रम उसके दोनों कंधों से उसे पकड़कर कार से ही टिका देता है और हंसते हुए कहता है...." देखा एकांक्षी मैं चाहूं तो कुछ भी कर सकता हूं और तुम इस तरह मेरे क़ब्जे में बिन पानी की मछली की तरह तड़पती रहोगी , मैंने तुम्हें कितना समझाया एकांक्षी हमेशा के लिए मेरी हो जाओ लेकिन तुम्हें ही दूर रहने का शौक है...."

" मैं तुम जैसे अय्याश को अच्छे से जानती हूं इसलिए दूर रहो मुझसे...कहीं इस बार भी तुम उसी हाॅस्पिटल में न पहुंच जाओ....."

विक्रम एकांक्षी की बात सुनकर गुस्से में उसे एक तमाचा मार देता है जिससे एकांक्षी के होंठों के साइड से खून निकलने लगता है और विक्रम जबरदस्ती उसे किस करने के लिए आगे बढ़ता है......

......…........to be continued.........

किस से वजह से एकांक्षी विक्रम से नफ़रत करती है....?.

क्या अधिराज एकांक्षी को बचाने आएगा..?.

जानने के लिए जुड़े रहिए