Tere Ishq me Pagal - 23 in Hindi Love Stories by Sabreen FA books and stories PDF | तेरे इश्क़ में पागल - 23

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तेरे इश्क़ में पागल - 23





दिल्ली के एक मेशन के बड़े से हाल में एक आदमी बैठ कर इमरान की मौत की वीडियो को देख रहा था। जो उसके एक बंदे ने उसे आज ही ला कर दी थी।

वीडियो देखते साथ ही उसकी आँखों मे गुस्सा उतरने लगा।

"शाह मैं तुझे ज़िंदा नही छोडूंगा।" कहते साथ उसकी उसकी आँखों मे खून उतर आया था।

"पता करो ज़ैन शाह की फैमिली में कौन कौन है।" उसने अपने पास खड़े आदमी से कहा।

"ओके बॉस।" वोह आदमी सिर झुका कर वहां से चला गया।

"ज़ैन शाह तेरी उल्टी गिनती अब शुरू हो गयी है, जिस तरह तुमने मेरे पापा को मारा है उसी तरह तुम भी तड़पोगे बल्कि मैं तुम्हे उससे कहि गुना ज्यादा तड़पा कर मरूँगा।"

पूरे मेंशन में उसकी गुस्से से भरी आवाज़ गूंज रही थी।

.......

ज़ैन ज़ैनब को होस्टल छोड़ कर जा चुका था।

ज़ैनब ने अपने रूम में सब समान सेट किया, सब कुछ सेट करने में उसे शाम हो गयी थी और अब वोह बहोत थक चुकी थी। ज़ैनब बेड पर जा कर लेट गयी और थकान की वजह से उसे नींद आ गयी।

उसका फ़ोन बार बार रिंग कर रहा था। नींद में ही ज़ैनब इधर उधर हाथ मरते हुए फ़ोन ढूढ़ने लगी। उसे जैसे से ही फ़ोन मिला उसने बिना देखे ही उसने उठा ली।

"हेलो।" ज़ैनब नींद भरी आवाज में बोली।

"मेरी जान तुमने पहले ही दिन अपना वादा तोड़ दिया।" ज़ैन ने नाराज़ होते हुए कहा।

ज़ैन की आवाज़ सुनकर ज़ैनब की नींद फट से उड़ गई। वोह जल्दी से बेड पर बैठते हुए बोली:"नही,नही,वो मेरी आँख लग गयी थी।" ज़ैनब जल्दी से सफाई देते हुए बोली।

"अच्छा कोई बात नही मैं तो बस मज़ाक़ कर रहा था। तुमने खाना खाया।" ज़ैन ने मुस्कुराते हुए कहा।

"नही, अभी जा रही हु।" ज़ैनब मुंह बनाते हुए बोली।

"ठीक है अपना ख्याल रखो और खाना टाइम पर खा लेना।" ज़ैन ने ज़ैनब की फ़ोटो फ्रेम को देखते कहा।

"ओके।" ज़ैनब ने मुस्कुराते हुए कहा।

उसके बाद उन दोनों ने थोड़ी देर बाते की और फ़ोन रख दिया।

.........

ज़ैन आफिस में बैठा सिगरेट पी रहा था। रात के तीन बज रहे थे।

कासिम भागते हुए ज़ैन के आफिस में आया भागने की वजह से उसकी सांसे फूल रही थी।

"बॉस....वोह इमरान का बेटा दिल्ली से मुम्बई आ गया है। हमारे आदमियों ने उसे मुम्बई एयरपोर्ट पर देखा है।" कासिम लम्बी लम्बी सांसे लेते हुए बोला।

उसकी बात सुनकर ज़ैन के एक्सप्रेशन बदल गए।

कुछ देर तक सोचने के बाद ज़ैन कासिम से बोला:"तुम दूर से ही ज़ैनब के आस पास के लोगो पर नज़र रखो।"

"ओके बॉस।" कासिम सिर झुका कर वहां से चला गया।

उसके जाने के बाद ज़ैन किसी गहरी सोच में डूब गया।

..........

सानिया अपना काम कर रही थी जब उसकी फ्रेंड उसके पास आ कर बोली:"यार डीम के साथ मैं ने अभी एक हैंडसम लड़के को जाते देखा है। उफ्फ!!!! यार वोह कितना हैंडसम था।"

"तो मैं क्या करूँ।" सानिया फ़ाइल देखते हुए बोली।

"अरे यार अगर तू उस बंदे को एक नज़र देख तो ले फिर कहना की मैं क्या करूँ।" उसकी फ्रेंड अपना मोबाइल उसके सामने करते हुए बोली।

सानिया की नज़र जैसे ही उसकी स्क्रीन पर पड़ी उसकी आंखें हैरानी से फैल गयी।

"अहमद....." सानिया के मुंह से बस इतना ही निकला था कि अहमद उसके सामने खड़ा उसे मुस्कुराते हुए देख रहा था।

उसके साथ हॉस्पिटल का एक डॉक्टर मौजूद था।

"हेलो एवरीवन, आज आपकी इंटरशिप का फर्स्ट डे है आप लोग डॉक्टर आसिम को फॉलो करें।"

उन सबसे कहने के बाद हारिस ने अहमद से कहा:"अहमद तू मेरे साथ चल।"

अहमद ने एक नज़र सानिया को देख और फिर हारिस के साथ चला गया।

"ओह तो इस हैंडसम का नाम अहमद है।" सानिया के पीछे से एक लड़की बोली।

अहमद का नाम उस लड़की के मुंह से सुनकर कर सानिया को बहोत गुस्सा आ रहा था।

"जब मैं डॉक्टर हारिस के साथ लिफ्ट में थी तो यह भी उनके ही साथ था और अपनी फ़ियानसे के बारे में बात कर रहा था।" एक ओर लड़की बोली।

"ओह तो यह एंगेजड है।" उसका लड़की ने ऐसा कहा जैसे उसका दिल ही टूट गया हो।

उन लोगों की बात सुनकर पहले सानिया जो गुस्से में थी अब मुस्कुरा रही थी।

........

"हाँ अहमद अब बता तू यहां क्यों आया है।" हारिस अपने आफिस का दरवाजा खोलते हुए बोला।

"मुझे किसी के बारे में इनफार्मेशन निकालनी है।" अहमद ने उसके सामने बैठते हुए कहा।

"अहमद तुझे पता है अब मैं हैकिंग छोड़ चुका हूं।" हारिस ने कॉफी का कप नीचे रखते हुए कहा।

"यह शाह का ऑर्डर है और तुझे पता अगर तूने यह काम नही किया तो शाह क्या करेगा।" अहमद ने उसे घूरते हुए कहा।

"अहमद मैं यह काम नही कर सकता हु लेकिन मैं किसी को जनता हु जो तेरी इस काम मे मदद कर सकता है।" हारिस टेबल पर हाथ रखते हुए बोला।

"कौन है?" अहमद ने पूछा।

अहमद की बात सुनकर हारिस के चेहरे पर एक स्माइल आ गयी।

.........

"क्या तुमने ज़ैन शाह के बारे पता किया।" वोह आदमी गुस्से से अपने सामने आदमी पर चिल्लाते हुए बोला।

"बॉस वोह नैना मैम का फ्रेंड है।"

नैना का नाम सुनकर जैसे उस आदमी का गुस्सा पानी हो गया और उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गयी।

"अब मेरी बहेन ही मुझे उस तक पहुचायेगी।" वोह ज़ोर ज़ोर से हस्ते हुए बोला।

"नैना को फ़ोन करके घर आने के लिए कहो।" वोह आदमी अपने अस्सिस्टेंट से बोला।

........

"तुम चाहते हो मैं नैना के करीब जाऊं,नो वे।" ज़ैन चिल्लाते हुए बोला।

"ज़ैन हमारे पास इसके इलावा कोई रास्ता नही है। हारिस से मुझे पता चला है नैना इमरान की नाजायज़ बेटी है और हम उसके ज़रिये उसके भाई तक पहोंच सकते है।" अहमद उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला।

"अगर ज़ैनब को पता चल गया तो...." ज़ैन परेशान होते हुए बोला।

"मैं उसे समझा दूंगा।" अहमद मुस्कुराते हुए बोला।

"हाँ और वोह इतनी आसानी से इन सबके लिए मान जाएगी।" ज़ैन उसे घूरते हुए बोला।

"हाहाहा मुझे आज एक राज़ की बात पता चल गया।" अहमद ने उसे घूरते हुए कहा।

"कौन सा राज़!" ज़ैन ने चिढ़ कर पूछा।

"यही की ज़ैन शाह अपनी बीवी से डरता है" अहमद हस्ते हुए बोला।

"सानिया तुम यहा क्या कर रही हो?" ज़ैन दरवाज़े पर देखते हुए बोला।

"तुझे क्या लगता है तू मुझे सानिया का नाम ले कर डरा सकता है, मैं तेरी तरह बीवी का गुलाम नही हु।" अहमद बिना दरवाज़े की तरफ देखे हस्ते हुए कह रहा था।

"ओह अच्छा हुआ तुमने मुझे पहले ही बता दिया, वरना तो मुझे पता भी नही चलता कि मेरा प्यार मिस्टर अहमद को गुलाम बना देगा।" पीछे से सानिया बोली।

"तुम" अहमद झटके से पीछे देखते हुए बोला।

"क्यों तुम किसी और के आने का ख्याल कर रहे थे।"सानिया गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए बोली।

"अहमद मुझे ज़ैनब को कॉल करना है तो तुम दोनों बात करो मैं चलता हूं।" ज़ैन अपनी हंसी छुपाते हुए वहां से चला गया।

उसके जाने के बाद सानिया भी गुस्से से बाहर निकल गयी।

अहमद भागते हुए उसके पीछे आया।

"तुम कही जा रही हो?" अहमद ने उसके साथ चलते हुए कहा।

"हाँ, तुम क्यों पूछ रहे हो।" सानिया ने गुस्से से कहा।

"अरे यार नाराज़ क्यों हो।" अहमद ने उसका हाथ पकड़ कर रोकते हुए कहा।

"मैं भला आपसे क्यों नाराज़ होने लगी मिस्टर।" सानिया उसे घूरते हुए बोली।

"अरे मैं तो बस मज़ाक़ कर रहा था यार।" अहमद उसे पीछे से गले लगाते हुए बोला।

"तुम आज हॉस्पिटल क्यों आये थे?" सानिया उसकी बात काटते हुए बोली।

"वोह मुझे डॉक्टर हारिस से कुछ काम था।" अहमद उसे एक्सप्लेन कर ही रहा था कि तभी उसका फोन रिंग होने लगा।

"हेलो।" अहमद फ़ोन उठा कर बोला।

"सर हमारे अड्डे पर अटैक हुआ है।" कासिम परेशान होते हुए बोला।

"ठीक है मैं अभी पहुचता हु।" अहमद ने कहा और फ़ोन कट कर के सानिया से बोला:"तुम गाड़ी में बैठो मैं तुम्हे घर ड्राप कर देता हूं।"

उसके परेशानी से भरे चेहरे को देखते हुए सानिया बिना कुछ बोले ही जल्दी से कार में बैठ गयी।

अहमद ने कार स्टार्ट की और गाड़ी तेज़ी से सड़क पर दौड़ा दी।

...........

ज़ैनब हॉस्पिटल के कॉरिडोर में चल रही थी उसे बार बार ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है।

ज़ैनब ने पीछे मुड़ कर देखा लेकिन वहां कोई नही था। उसने फिर से चलना शुरू किया सब फिर से लगा जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है। वो स्टाफ रूम के पास खड़ी थी तभी किसी ने उसे पीछे से धक्का दिया वोह सीधा जा कर स्टाफ रूम के टेबल पर गिरी।

धीरे धीरे कोई उसके करीब आ रहा था।

तभी उसके फ़ोन की बेल बजी।

ज़ैनब जल्दी से फ़ोन उठा कर कपकपाती आवाज़ में बोली:"हेलो।"

"ज़ैनब तुम ठीक हो!" ज़ैन परेशान होते हुए बोला।

"शाह........"

इससे पहले ज़ैनब कुछ बोली उस आदमी ने ज़ैनब से फ़ोन छीन लिया।

"हेलो ज़ैन शाह बचा सकता है तो बचा ले अपनी बीवी को।" वोह आदमी हस्ते हुए बोला।

ज़ैनब उस आदमी की आवाज़ सुनकर हैरान हो गयी।

ज़ैनब उठ कर उससे फ़ोन छीनते हुए बोली:"हामिद मैं तुम्हे छोडूंगी नही तुम्हारी हिम्मत कैसे हुए मुझे डराने की।"

हामिद हस्ते हुए बोला:"अब मुझे क्या पता था चुड़ैल को भी डर लगता होगा।"

फ़ोन से आने वाली हसी की आवाज़ सुनकर ज़ैनब का ध्यान फ़ोन पर गया।

"शाह आप भी इसके साथ मिल हुए थे।" ज़ैनब गुस्से से ज़ैन से बोली।

"आज मैं अली के घर गया था वहां मुझे पता चला सानिया के भाई हामिद से तुम्हारी बहोत बनती है इसीलिए हम दोनों ने तुम्हे डराने का प्लान बनाया।" ज़ैन हस्ते हुए उसे सारी बातें बता रहा था।

"शाह आपको तो मैं बाद में देखती हूं।" ज़ैनब चिढ़ कर बोली।

"मेरा जान तुम्हारा ही जब चाहो तब देख सकती हो।" ज़ैन ने शरारत से उसे छेड़ते हुए कहा।

उसकी मीनिंगफुल बातों को सुनकर ज़ैनब ने गुस्से से फ़ोन काट दिया।

हामिद उसका गुस्सा से लाल चेहरा देखते हुए ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा।

कहानी जारी है.......
©"साबरीन"