Rest of Life(Stories Part 19) in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | शेष जीवन(कहानियां पार्ट 19)

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शेष जीवन(कहानियां पार्ट 19)

"तुम दूसरी शादी कर लो"पति की बात सुनकर रचना बोली
"मैं दूसरी शादी कर लो"पत्नी की बात सुनकर महेश बोला,'तुम ऐसा क्यों कह रही हो"।
"हर मर्द चाहता है उसकी पत्नी वंश को आगे बढ़ाने वाली औलाद पैदा करके दे।डॉक्टर ने तुम्हारे सामने ही कहा है कि मैं माँ नही बन सकती।मैं नही चाहती तुम मेरी शारीरिक कमी की वजह से संतान सुख से वंचित रहो।"रचना महेश से बोली थी।
'रचना अभी हम एक ही डॉक्टर से मिले है।"
"तो क्या हुआ।डॉक्टर ने मेरी कमी बता तो दी।"
"रचना अब पहले वाली बात नही रही।विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली है।हम दूसरे डॉक्टर के पास चलेंगे,"पत्नी को बाहों में भरते हुए महेश बोला,"डार्लिंग तुम चिंता करना छोड़ दो।चिंता से किसी समस्या का हल नही निकलता।अभी तुम आंखे बंद करके सो जाओ।"
एक दिन महेश पत्नी को लेकर मशहूर डॉक्टर हेलन के अस्पताल में पहुंचा था।डॉक्टर हेलन स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ ही टेस्ट ट्यूब बेबी की भी डॉक्टर थी।वह रचना की जांच रिपोर्ट देखने के बाद बोली,"नो चांस।"
"तो हमारे खानदान की वंश बेल को बढ़ाने वाला नही हो सकता?"डॉक्टर की बात सुनकर महेश बोला था।
"मैने यह कब कहा,"महेश की बात सुनकर डॉक्टर बोली,"मिस्टर महेश साइंस ने बहुत उन्नति कर ली है।आप दोनों अपने खानदान को आगे बढ़ाने वाली सन्तान पैदा कर सकते है।"
"डॉक्टर अभी तो आपने कहा था।मेरी पत्नी रचना माँ नही बन सकती।अब आप कह रही है।हम खानदान का चिराग पैदा कर सकते है।"
"मिस्टर महेश आपकी पत्नी अपने गर्भ से सन्तान पैदा नही कर सकती।लेकिन अगर कोई औरत अपनी कोख देने के लिए तैयार हो जाये तो आप अपनी संतान पैदा कर सकते है।"डॉक्टर हेलन ने महेश और रचना को सब कुछ समझा दिया था।
ऐसा करने में कई कानूनी पेचीदगी थी।इसलिए महेश ने पहले अपने मित्र वकील सौरभ से सलाह ली और उसके बाद अखबार में विज्ञापन दे दिया।पर व्यर्थ।पैसे लेकर अपनी कोख देने के लिए कोई औरत आगे नही आयी।
और एक दिन फिर रचना पति से बोली,"अब तो विज्ञापन देकर भी देख लिया।मेरी राय मानो और दूसरी शादी कर लो।'"
"रचना अगर दूसरी औरत से भी अगर सन्तान नही हुई तो क्या फिर तुम मुझसे तीसरी शादी करने के लिए कहोगी?"पत्नी की बात सुनकर महेश बोला।
"महेश मेरे में तो शारीरिक कमी है।जरूरी नही है दसरी औरत में भी यही कमी हो,"रचना पति को समझाते हुए बोली,"मैं इतनी स्वार्थी नही हूँ जो अपनी कमी जानकर भी तुम्हारे रास्ते मे आऊं।मैं तुम्हे तलाक देने के लिये तैयार हूँ।"
"रचना तुम भी मेरी बात सुन लो।मैं बच्चे के लिए तुम्हे तलाक नही दूंगा।"
और महेश ने भी दृढ़ता से अपना निर्णय सुना दिया था।महेश,रचना को त्यागकर दूसरी शादी करने के लिए तैयार नही हुआ।लेकिन रचना सन्तान के लिए चिंतित रहने लगी।और एक दिन रचना ने एक मैगजीन में पढ़ा।एक औरत ने अपनी सौतली बेटी की संतान को जन्म दिया।यह समाचार पढ़कर रचना को अपनी माँ का ख्याल आया।
रचना की माँ उर्मिला मुम्बई में रहती थी।रचना ने मां को वह समाचार बताकर अपनी संतान के लिए आग्रह किया।बेटी की बात सुनकर उर्मिला बोली,"पागल हो गयी है।जानती है तू क्या कह रही है"
उर्मिला ने बेटी को कोख उधार देने से मना कर दिया था