दामिनी अपने अतीत मे खोयी हुई थी उसका मन बहुत उदास हो गया था । महिला लिपिक ने दामिनी को अतीत से बाहर निकाला , वह चौंक कर अतीत से बाहर आई ..
उधर केतकी व अभय का घूमने जाने का प्लान बन गया था .. सुबह चाय की चुस्की लेते हुए अभय ने पूछा .. हम कहां जा रहे हैं ..केतकी ने सिर हिलाया अपने होठ मचकाते हुए बोली ..पता नही.. कजरी का बनाया प्रोग्राम टॉप सीक्रेट होता है .. वह किसी को भी नही बताती .. तभी बाहर से कजरी की आवाज आती है ..जीजू तैयार हो गये क्या ..? केतकी बोली आजाओ आजाओ ..हम सब तैयार ही.. हो रहे हैं । अब कजरी अंदर आगयी थी ..उल्हाने भरे लहजे में ..जीजू आप तैयार नही हुए .? मैने कहा था न .. हम जल्दी निकलेंगे .. हां एक बात ओर है.. हम एक रात रूकेंगे भी..यदि आप सबको अच्छा लगा तो ..? अभय बोला .. मै तैयार हूँ .. कौन कौन चल रहा है ? .. अरे जीजू ..आप अपना दिमाग मत लगाइए.. सब तय है कौन कौन चल रहा है .. अगले 15 मिनट में हम निकल न वाले हैं ठीक ? ..बाहर गाड़ी लगी है आप जाकर बैठिए ...
15 मिनट बाद सभी गाड़ी से रवाना हो गये .. कजरी की पूरी टीम जिन्हें वह कराटे की ट्रेनिंग देती थी वे सब भी गाड़ी मे बैठे थे ..केतकी व केतकी का भाई..केतकी के भाई का दोस्त, कजरी की बहिन बदली भी गाड़ी मे बैठी थी । बदली पर नजर पड़ते ही अभय मुस्कुराकर बोला ..बिजली नही आई .. पास बैठी केतकी बड़ी खुश थी ..हां वह नही आई .. बुलाएं क्या उसे भी ..कजरी बोली ..हां उसे भी कह देते हैं .. केतकी ने उसी समय फोन लगाया ..हेलो ..उधर से दामिनी ने फोन रिसीव किया .. हां बोलो केतकी ..तेरा गुस्सा शांत हो गया .. वह तू छोड़ ..तू घर पर है या ड्यूटी पर ..? इस समय तो मै घर पर ही होऊंगी न ..हां बोल ..केतकी ने उसे अपने साथ चलने के लिए कहा .. प्लीज मना मत करना .. तेरे बिना मजा नही आयेगा.. दामिनी बोली मै सोच के बताती हूँ ..
दामिनी सोचने लगी चलूं या नही ..इसका कोई भरोसा नही ..यह फिर झगड़ेगी.. फिर अपने आप से बोली.. इसका तो स्वभाव ही है ..यह मुझसे झगड़ती भी है और मेरे बिना रह भी नहीं सकती ..
दामिनी ने थाने मे अपने सीनीयर को फोन करके छुट्टी मांगी ..कहा सर ..मेरी सहेली व उसका हसबैंड आया हुआ है ...मैं उनको पास का आदर्श गांव दिखाकर लाना चाहती हूँ ..ओके दामिनी.. अपनी छुट्टी के लिए मेल भेज दो ..अपना चार्ज अपने जूनियर को समझा दो .. दामिनी ने अपनी ऑफिशयल कार्रवाई पूरी कर ..केतकी को फोन किया ..हेलो केतकी ..डन ..मैं चल रही हूँ । 20 मिनट मे तैयार मिलूंगी .. नही दामिनी ..थोड़ा जल्दी करो ..तुम तो सुबह जल्दी ही तैयार हो जाती हो .. हां मैं नास्ता तो कर लूं.. नही ..तुम्हे नास्ता गाड़ी में ही करवा देंगे .. ओके मै बेग तैयार कर लेती हूं ..ठीक है दामिनी..गाड़ी आपके घर की तरफ से आयेगी .. 10 मिनट मे हम पहुंच रहे हैं .. फोन कट करते हुए ..केतकी ने कजरी को डन का सिंबल दिखाते हुए कहा ..गाड़ी दामिनी के घर लेकर चलो ..कजरी ने अपनी बहिन बदली को ईशारा किया वह केबिन मे जाकर ड्राईवर को रास्ता बताने लगी
आदर्श गांव ही क्यों चुना ..ऐसा क्या है वहां.. क्या केतकी फिर से दामिनी से झगड़ेगी ..कजरी ने अपने साथ अपनी पूरी टीम क्यों ली है ..वहां ऐसा क्या होने वाला है ..पढे अगले अध्याय में ....