विमला की बात सुनकर राजन बोला,"इसमें मे क्या कर सकता हूँ।तुम्हारे पति ने गलती की है तो उसे सजा तो मिलेगी ही।"
"महेश ने गलती की है पर उसकी सजा सिर्फ उसे ही नही मुझे भी मिलेगी"राजन की बात सुनकर विमला बोली,"अगर महेश को फांसी हो गयी तो मैं विधवा हो जाऊंगी।'
"तो तुम चाहती हो मैं अपने इकलौते बेटे के हत्यारे को माफ कर दूं?"
"मेरे पति को फांसी होने से आपका बबलू तो वापस आ नही जाएगा,"विमला झोली फैलाकर बोली,"तुम मेरा सुहाग मत छीनो इसके बदले मे मैं धन दौलत सब कुछ देने के लिए तैयार हूँ।"
"क्या तुम्हारी धन दौलत मेरे बेटे को वापस ला सकती है?"राजन की आंखों में प्रश्न था।
"बबलू तो अब वापस नही आ सकता।पर दूसरा बच्चा हो सकता है।'
"दूसरा बच्चा?"राजन बोला," दूसरा बच्चा कहां से आएगा?"
'आप जवान है।आपकी पत्नी भी जवान है
और बच्चे तो होंगे ही।"
"मेरी पत्नी अब कभी माँ नही बन सकती।"विमला की बात सुनकर राजन बोला।
"क्यो?"
"केंसर की वजह से मेरी पत्नी का गर्भाशय निकाला जा चुका है।वह अब कभी भी माँ नही बन सकती।'
"ओ हो ---अफसोस जाहिर करते हुए बिमला बोली,"आप किसी बच्चे को गोद ले सकते है।"
"हरगिज नही।मैं किसी दूसरे के बच्चे को अपना नही बना सकता।मुझे अपना बच्चा चाहिए।अपने शरीर का अंश।'
'अब यह कैसे हो सकता है?"राजन की बात सुनकर विमला बोली,"आपकी पत्नी मा नही बन सकती।फिर कैसे?"
"हो सकता है अगर तुम चाहो तो"राजन बोला।
"मैं चाहूं तो यह कैसे हो सकता है?"राजन की बात विमला के समझ मे नही आयी थी।
"एक बच्चे के लिए अपनी कोख मुझे दे दो।'
"यह आप क्या कह रहे है?"
"अगर तुम अपनी कोख से मेरे शरीर का अंश मेरा बच्चा पैदा करने के लिए तैयार हो तो मैं भी तुम्हारा सुहाग नही उजड़ने दूंगा।"
"तुम्हारे कहने का मतलब है मैं पतिव्रता से पतित हो जाऊं ,"राजन की बात का आशय समझ मे आने पर विमला बोली,"मुझे द्रोपदी बनाना चाहते हो?"
"मैं अपना बच्चा चाहता हूँ।और तुम अपने सुहाग को बचाना चाहती हो।हम दोनों की अपनी अपनी मजबूरी है।खूब अच्छी तरह सोच लेना।अगर तुम्हें मेरा प्रस्ताव मंजूर है तो मैं भी तुम्हारी बात मान लूंगा।'
विमला लौट आयी थीं।उसने रमेश को सारी बात बताई थी।उसकी बात सुनकर रमेश बोला,"सौदा अटपटा जरूर है लेकिन अगर तुम्हारा सुहाग इससे बचता है तो बुरा नही है।"
'तो तुम भी मुझे पतिता बनने की सलाह दे रहे हो?'
"भाभी दुनिया बहुत बदल गयी है।आजकल पेसो के लिए औरते अपनी कोख उधार दे रही है।फिर आप तो नेक काम के लिए यह सौदा कर रही है।"
विमला अजीब धर्म संकट में फस गयी थी।अगर राजन का प्रस्ताव स्वीकार नही करती तो उसका सुहाग उजड़ जाएगा।और अगर राजन की बात मान लेती है तो पतिता बन जाएगी।
अगर पति नही रहा तो?सारी जिंदगी विधवा रहना होगा।अगर औरत रुपयों के लिए अपनी कोख दे सकती है तो वह पति की जान बचाने के लिए ऐसा क्यों नही कर सकती?
विमला ने सुहाग बचाने का फैसला किया
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बेटी की औलाद
रचना डॉक्टर के पास से लौटते समय उदास और चुप थी।घर आकर भी वह पति से कुछ नही बोली।रात को बेडरूम में पत्नी को खोई खोई और चिंतित देखकर महेश बोला,"क्या सोच रही हो रचना।किस सोच में डूबी हो?"