Indian couple - last part in Hindi Love Stories by PARIKH MAULIK books and stories PDF | इंडियन कपल - अंतिम भाग

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इंडियन कपल - अंतिम भाग


Volume 7





अगले भाग मे देखा कि सुनिता सूरज से बात कर रही है और उसे माफी मांग रही हैं। अब देखते है आगे।


अब आपको तो पताही है की लड़के केसे होते है। लड़की रोई तो पिगल जाते है। लेकिन यह ऐसा नहीं था। वह उसे बताता है की अब कुछ नही हो सकता, तुम उसके बेटी की माँ हो अब उसे नही छोड़ सकती। दोनो एक दूसरे को देखते हुए पूरी रात निकल देते है। दोनो में से कोई भी नहीं सोया था। अगली सुबह जब जाने का वक्त हुआ तो दोनो सबको अलविदा कह कर निकल पड़े मगर इस बार हवाई जहाज में दोनो की सीट आस पास ही थी। हवाई जहाज को ऊपर उठाने का समय आ चुका था। पायलट सबको सूचित करता है की कृपया अपना सीट बेल्ट बंद करे हवाई जहाज उड़ान भरने कि तैयारी में है। यह सुनीता को सीट बेल्ट लगाना नही आता था। तो वहां मौजूदा कर्मचारी उसकी मदद करते है। इतने में हवाई जहाज उड़ान भर कर ऊंचाई पर पहुंच जाता है और पायलट वापस सूचित करता है की कृपया अपना सीट बेल्ट खोल दीजिए। अब आप आराम से बैठ सकते है। अब इस बार सूरज उसे सीट बेल्ट खोल कर देता है। इतने सालों में सूरज उसके इतने करीब कभी नही आया था। सुनीता के चहरे पर अलग ही मुस्कान थी। मानो बरसों का खोया मिल गया हो! मगर ये खुशी कुछ ही पल के लिए थी। और यही सबमें वह रह नही पाती और तब सुनीता सूरज से पूछती है की तुमने अभी तक दूसरी शादी क्यों नही की? ये सुनकर सूरज एकदम चुप रहकर बैठा रहता है। कुछ जवाब ना आने पर सुनीता वापस पूछती है। तब सूरज थोड़ा गुस्सा होकर बोलता है। मुझे नही चाहिए कोई और। ये सुनकर सुनीता मानो शौक में पड़ गई हो वे सूरज के सामने ही देख रही थी और सोच रही थी कि ये इंसान ऐसा क्यों है। मेने इसके साथ इतना बुरा किया मगर फिर भी वे मुझे इतना चाहता है? मुझे सिर्फ इसने वक्त नहीं दिया तो में गुस्से में इतनी गलती या कर बैठी। और ये इतना शांत है। ये सोच कर सुनीता अब सूरज की जिंदगी में वापस आने का ठान लेती हैं।

थोड़ी देर बाद पायलट सबको सूचना देता है की कृपिया अपना सीट बेल्ट बंद करे हवाई जहाज नीचे उतरने वाला है। उतरे ही सुनीता सूरज को कहती है की मेरा सीट बेल्ट खोल दो सूरज उसका सीट बेल्ट खोल देता है दोनो बाहर निकल जाते हैं वही उनको लेने के लिए जेनी भी आई हुई थी। जेनी उन दोनों को साथ देख कर मन ही मन मुस्काती है और सोचती है की मुझे इन दोनो को मिलाना चाहिए। ये कैसे होगा? एक उतर में है और दूसरा दक्षिण में। चलिए देखते है

जेनी सुनीता के साथ चली जाती है। और सूरज अपने घर। कुछ दिनों बाद सूरज के मोबाइल फोन पर जेनी का कॉल आता है, वो कहती है की में आपका पार्क में इंतजार कर रही हू, सूरज पार्क में जाता है। वहा जेनी के साथ सुनीता भी मौजूद थी। सूरज सुनीता को देखता है और मन ही मन ये सोचता है, की ये क्या चल रहा है? जेनी ने मुझे यह क्यों बुलाया है? ये सारे प्रश्नों के उतर तो वह जा कर पता चलेगा। सूरज धीरे धीरे अपने कदम उनकी ओर बढ़ता है। जैसे ही वे वहा पहुंचता है, जेनी उसको बैंच पर बैठने को कहती है। सूरज बिना कुछ बोले वहा बैठ जाता है। थोड़ी देर बात होती है और जेनी कुछ लेने के बहाने से वहा से दूर हो जाती है। सूरज अब समज गया था की ये सब क्या चल रहा है। थोड़ी देर दोनो मौन रहते है। सुनीता पहले करती है और पूछती है की केसे हो , सूरज जरा सा हस कर कहता है जैसा था वैसा ही हूं। सूरज पूछता है कि तुम कैसी हो? बस वही जवाब ठीक हूं। वापस दोनो मौन हो जाते है। ये सब देख रही जेनी वापस आती है और सूरज से कहती है की मेरी मां से बात हुई थी की तुम इंडिया वापस जाने वाले हो ये सुनकर सूरज हा में जवाब देता है। जेनी तुरंत बोल देती है की मां और में आपके साथ आना चाहते है ये सुनकर सूरज थोड़ी देर मौन रहता है। जेनी ये देखकर पूछती है की क्या हुआ तुम नही चाहते की में वहा इंडिया आऊ? सूरज की आंखे साफ बता रही थी, वह भी चाहता है की सुनीता उसकी जिंदगी में वापस आ जाए। मगर उतर में कहता है की ऐसा नहीं है। पर सुनीता क्या चाहती है उस पर निर्भर करता है। ये सुनकर जेनी बहुत खुश होती है क्योंकि जेनी को तो पता ही था की सुनीता क्या चाहती है। मगर सुनीता सोचमे पड़ जाती है। ये देखकर जेनी पूछती है की क्या हुआ मां तुम किस सोच में डूबी हुई हो। सुनीता सूरज से कहती की क्या तुम मुझे वापस अपना पाओगे? सूरज मौन था उसकी आंखे बता रही थी की वो क्या चाहता है। जेनी तुरंत बोल पड़ी की मां सूरज के लिए आपका महत्व तब जितना था उतना अब भी है। सूरज और सुनीता एकदूसरे की ओर देखते है। थोड़ी देर बाद सूरज कहता है बेकरी में कोई नहीं है, मुझे अब जाना चाहिए। और वह मन ही मन मुस्काता हुआ निकल जाता है।

कुछ दिन बाद सूरज जेनी को कॉल करके बताता है की में इस हफ्ते जाने की तैयारी कर रहा हु। जेनी ये सब सुनीता को बता रही थी और डेनिम सुन लेता है उस रात सुनीता और डेनिम के बिच में लड़ाई हो गई जेनी ये बर्दास्त नही कर पाती और सुबह उठकर सुनीता को साथ ले कर सूरज के घर चली जाती है। सूरज भी उनको आवकर देता है। कुछ दिन बाद बेकरी को किसी और के हवाले कर देता है। उसने सब तैयारी करली थी। वह इंडिया की ओर निकल पड़ते है।।

प्लीज मुझे आपकी समहती प्रदान करे और बताएं कि मुझसे क्या क्या गलतियां हुई है, जिसे मैं सुधार सकू, आपकी सलाह की आवश्यकता है।।
लि.
मौलिक परीख



समाप्त