……Now on……
विवेक : अदिति तुम जाओ …. अपना ध्यान रखना my sweet heart …(forehead kiss)….!
अदिति : तुम अपना ध्यान रखना ….मैं तो अब घर में ही हूं....
विवेक : (मन में) पता नही इसलिए डर है ……ok bye….!
अदिति : bye ….!
..….in aditi house …..
बबिता : अदिति दी अच्छा हुआ आप आ गई ….!
अदिति : क्या हुआ ताई.…?
बबिता : आपको एक बात बतानी है….!
अदिति : हां …. ताई बोलो (तक्ष इनकी बात सुन रहा था)...
तक्ष : अब ये क्या बताएगी ……?
बबिता : अदिति दी……(धीरे से) जब सुबह मैं आपके मेहमान के कमरे में गई थी …मैने देखा जब वो उठकर जा रहे थे तो उनके होठो के आस-पास (घबराकर )..खुन लगा था
तक्ष : ये नौकरानी…. अदिति बेहोश हो जाओ ….
बबिता : अदिति दी ….क्या हुआ आपको …उठिए ….(तक्ष उसके पास आता है ) आप ….!
तक्ष : क्या हुआ इन्हे. …!
बबिता : अभी तो ठीक थी अचानक बेहोश हो गई ….!
तक्ष : अचानक कैसे बेहोश हो गई …तुम पानी लेकर आओ .…!
बबिता : हां ……
तक्ष : और हां थोड़ा गर्म हो उसमें थोड़ी सी चीनी डाल देना ……!
बबिता : ठीक है …… (चली जाती हैं)
तक्ष : उबांक वो चाकू दो ….!
उबांक : लेकिन क्यूं दानव राज ……?
तक्ष : अब तुम मुझसे सवाल करोगे ….!
उबांक : नही दानव राज माफ करना ….लिजिए ….!
तक्ष : एक हफ्ते में मुझे इसका खुन तो चखना पड़ेगा न …मेरी ऊर्जा कम नही होनी चाहिए ….(तक्ष अदिति के हाथ पर हल्का सा cut करता है , जिसके खुन कि बुंदो को पी जाता है ……) …ये पट्टी बांध दो ….और कितना इंतजार करना पड़ेगा मैं हमेशा के लिए मुक्त होना चाहता हूं ….
उबांक : वो समय भी जल्दी आएगा दानव राज ….!
तक्ष और उबांक के चेहरे पर दानवो वाली हंसी हां जाते है
तक्ष : आएगा ….मेरे बदले का समय ….!
……बबिता आती है ……
तक्ष : तुम ले आई पानी ….जल्दी पिलाओ ….!
बबिता : इससे ठीक हो जाएंगी ….!
तक्ष : हां….
बबिता पानी पिलाती है …… इसके पांच मिनट बाद अदिति को होश आता है...
अदिति : ताई ….क्या हुआ..?
बबिता : अदिति दी आप अचानक बेहोश हो गई.. …तक्ष जी ने आपको ये पानी पिलाने के लिए कहा ……इससे आपको होश आ गया ….!
अदिति : thanks तक्ष ….आह ! ये हाथ में चोट कैसे लग गई.…
तक्ष : जब आप बेहोश हुई थी तो ये मेज का किनारा आपके हाथ पर लग गया था ……ये पट्टी मैंने ही बांधी थी ….!
अदिति : thanks again ……ताई जूस ले आना थोड़ी देर में ….!
बबिता : ठीक है ……!(अदिति कमरे में चली जाती हैं)
……in vivek ' s house ……
….in vivek room ……
मालती : किस सोच में खो गया मेरा बेटा ….!
विवेक : मां …आओ ….!
मालती : चल खाना खा ले ….(मालती जी bed पर बैठती है …… विवेक उनकी गोद में सिर रखकर ल़ेट जाता है ……
मालती : (बालो में हाथ फेरते हुए).. …क्या बात है जिसने तुझे परेशान कर रखा है...
विवेक : मां कल अदिति आई थी …
मालती : हां फिर ….!
विवेक : मां कल वो घर आई थी और आज काॅलेज में मना कर दिया मैं कब तुम्हारे घर आई ….परसो कि बात भी भूल गई ….मतलब अजीब अजीब बातें कर रही है...पता नही क्या हो गया उसे
मालती : ये कैसे हो सकता है ……?
विवेक : वही तो मां… वो कैसे भूल सकती हैं ….?
मालती : तू उससे बात कर.. …क्या पता तबियत ठीक न हो उसकी ….?
विवेक : मां ……(मन में) अघोरी कि बात बताऊं कि नही. …!
मालती : क्या हुआ विवेक ……ज्यादा मत सोच ठीक हो जाएंगी वो ….तू बहुत प्यार करता है उससे ….!
विवेक : मां आप जानती तो हो ….!
मालती : अदिति बहुत भोली भाली है …… उसका तुझे ध्यान रखना होगा ….!
विवेक : हां मैं उसका ध्यान रखूंगा कभी कुछ नही होने दूंगा...
मालती : हां …. चल खाना खा ले ….!
विवेक : हां ….
……after dinner ……
….in vivek room ….
विवेक : अदिति से बात करता हूं ….(in phone) ……सो गई क्या ….?
अदिति : नही विवेक ….
विवेक : I you ok ….
अदिति : हां ….
विवेक : भाई आ गये ….!
अदिति : हां विवेक ….!
विवेक : अदिति कल (तभी कुछ गिरने कि आवाज आती है).
अदिति : विवेक क्या हुआ ….?
विवेक : पता नही कुछ गिरा है नीचे ….मैं देखकर आता हूं …बाद में बात करता हूं तुमसे….!
अदिति : विवेक ध्यान से जाना ….!
विवेक : हां ….!
नीचे जाता है ……
विवेक : कौन है ….?..…चोर ….!
विवेक देखा है एक नकाबपोश उसकी तरफ बढ़ता है ……
विवेक : कौन हो तुम ….?
," तेरी मौत …"
विवेक : क्या बकवास कर रहा हैं ….!
" आज तुझे मारकर अपना पेट भरूंगा.. "
विवेक : नरभक्षी … तो रात को हमला करने वाला तू है …… !
" हां मैं हूं...."
विवेक और उसकी हाथापाई शुरू होती है ……विवेक उसका चेहरा देखने की कोशिश करता है …… पर वो खंजर से उसकी कमर पर वार कर देता है …… गिरने कि आवाज सुनकर सब बाहर आते हैं ….सबकी आवाज सुनकर वो नकाबपोश भाग जाता है ……
अमरनाथ : विवेक (घबरा जाते हैं) ….
विवेक : पापा ……उसे ….पकड़ो (बेहोश हो जाता है)...
अमरनाथ : कौन है ये ….गार्डस.. पकड़ो उसे …
इशान : विवू ….आंखें खोल ……कौन था चाचा ….?
अमरनाथ : पता नही. …
मालती : विवेक ….
इशान : चाचा जी इसे hospital ले चलिए जल्दी ….!
मालती : क्या हुआ मेरे बच्चे को ….!
कामनाथ : कौन घुसा घर में ….guards क्या कर रहे थे ….अमर इतना time क्यूं waste कर रहा हैं hospital ले जा जल्दी ….!
अमरनाथ : हां ….
इशान : चाचा जी ambulance आ गई …..मां चाची को संभालो ….!
सुविता : हां इशान जा ….!
मालती : पता नही कौन था मेरे बच्चे को चोट पहुंचाने वाला ….सत्यानाश हो उसका ….(रोने लगती है)
सुविता : मालती कुछ नही होगा विवू को ठीक हो जाएगा ….संभालो अपने को ….!
…….in aditi room ….
अदिति : विवेक phone क्यूं नहीं उठा रहा हैं ….मुझे इतनी घबराहट क्यूं हो रही है... विवेक ठीक तो है न….(कमरे से बाहर जाती हैं)…..भैय्या.....भैय्या.....(चिल्लाती है)
आदित्य : क्या हुआ अदि ….इतनी रात को क्यूं चिल्ला रही है...
अदिति : भैय्या..... मैं विवेक से बात कर रही थी...तभी अचानक उसके यहां कुछ गिरने कि आवाज आई जिसे सुनकर विवेक देखने गया था और उसके बाद फोन करने को कहा था पर नही करा ….और अब फोन नही. उठा रहा हैं ….!
आदित्य : तू परेशान मत हो मैं बात करता हूं ……(इशान को call करता है) ….…hello ! Ishaan
इशान : आदित्य बोल ……!
आदित्य : कहां हैं तू ….?
इशान : मैं ……hospital में हूं....!
आदित्य : क्यूं ….?
इशान : आदित्य ……अदिति को मत बताना ….!
आदित्य : हुआ क्या है ये बता ….?
इशान : विवेक पर किसी ने हमला किया है ….उसे ही लाऐ है …ध्यान रहे अदिति को मत बताना नही. तो परेशान हो जाएंगी ….!
आदित्य : ठीक है नही बताऊंगा ….मैं पहुंचता तेरे पास ….!
इशान : अरे ! नही तू परेशान मत हो हम है यहां पर ….!
आदित्य : नही
इशान : आदित्य रहने दे ….डाक्टर कह रहे है जल्दी होश आ जाएगा उसे ….!
आदित्य : ठीक है... कल सुबह मैं आता हूं ….!
अदिति : भैय्या..... क्या हुआ ….?
आदित्य : कुछ नही ……!
अदिति : भैय्या..... आप कुछ छिपा रहे है ….बताओ न विवेक phone क्यूं नहीं उठा रहा हैं ….!
आदित्य : वो …सो गया ….!
अदिति : सच पर आपका चेहरा कुछ और बता रहा हैं ….भैय्या..... बताओ न आपको मेरी कसम ……!
आदित्य : अदि …तू अपनी बात मनवा ही लेती है …उसपर किसी ने हमला किया था ……जान से मारने कि कोशिश ….उसे hospital लेकर गये है ….!
अदिति सन्न रह जाती हैं ….
आदित्य : अदि ….इसलिए मना किया था तुझे बताने के लिए..!
अदिति : भैय्या..... विवेक के पास चलो …!
आदित्य : अदि …
अदिति : मुझे कुछ नही सुनना चलो hospital ….!
………to be continued ………