Mahila Purusho me takraav kyo ? - 24 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 24 - दामिनी की कहानी - 6

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 24 - दामिनी की कहानी - 6

दामिनी उर्फ सानिया अपने शोहर के बदले बर्ताव से दुखी थी ..उसे रातभर नींद नही आई .. उसकी आंखों से आंसू पूरी रात बहते रहे.. घर वाले फजर की नमाज पढ चुके थे ..कीचन से अदरक कूटने की आवाज आ रही थी..साथ में चाय की भीनी भीनी खुशबू भी ..आंगन मे सभी घरवाले जमा थे कुछ बैठे थे .. कुछ खड़े थे ।
मौलवी सोफे पर बैठा था .. वह कह रहा था आज चांद दिखाई दिया तो इंसा अल्लाह कल से रोजे शुरू हो जायेंगे.. बगल में इरफान के बड़े भाई का रूम था जिसमे से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी .. बच्चे के रोने की आवाज सुन दामिनी के कदम उसी ओर बढ गये ..अंदर गई तो देखा ..बच्चे को उसकी मम्मी ने ले रखा है ..बच्चे को बुखार हो रखा था .. दामिनी ने देखा की बच्चे के साथ साथ उसकी मम्मी भी रो रही है ..दामिनी ने पूछ लिया क्या बात है ? ... दामिनी के दिमाग मे कई सवाल आगये .. कोई झगड़ा तो नहीं हो गया ? इसका पति भी क्या झगड़ालू है..
कुछ नही सानिया.. अपने बच्चे को सहलाते हुए .. अपने बच्चे का नाम लेकर बोली... जावेद का कल खत्ना करवाकर लाये थे ..यह पूरी रात से सोया नही.. रात को बुखार भी आ गया था .. कुछ खाया पिया भी नही ..आज हकीम को दिखाने जाऊंगी ..
सानिया ने खत्ने के बारे मे सुना था ..पर आज देख भी लिया .. वह सोचने लगी मेरी ओलाद को भी इससे गुजरना होगा .. पर मै तो निर्णय कर चुकी मुझे यहां रहना ही नही है ।
दामिनी की जेठानी ने दामिनी के मनोभावों को पढ लिया .. और बोली ..इस्लाम मे यह जरूरी है ..इससे बच्चे को कोई बिमारी नही होती .. सेहत ठीक रहती है.. खैर छोड़ो तुम बताओ.. तुम्हारी आंखे क्यो सूजी हुई है ? आंख तो नही आ गई .. ? दामिनी ने उसे कुछ भी बताना सही नही समझा .. बोली ..मम्मी पापा की याद आरही थी.. इस लिए रात को नींद नही आई .. जेठानी मुस्कुराई..बोली यही बात है या कुछ ओर ..?
बाहर से आवाज आई ..सानिया.. सानिया !
सानिया बाहर आ गयी .. उसने बुर्का नही पहना था .. सास बोली ..तेरा बुर्का कहां है ? बाहर तेरे ससुर.. जेठ .. व मौलवी साहब बैठे हैं .. दामिनी ने कहा अमी मै बुर्का नही पहनूंगी..मुझे दिखाई नही देता .. सासू बोली ..यह क्या कह रही हो ? ..दामिनी बोली अमी आप इसके बारे मे कुछ न कहें ..
दामिनी चौक मे जा पहुंची ..वहां बैठे मौलवी साहब को हाथ से सलाम किया ..मौलवी साहब ने सलाम का जबाब तो दिया ..पर फिर चुप हो गये .. थोड़ी देर बाद बोले ..यह इरफान की बीबी है न ? दामिनी के ससुर ने गर्दन हिलाकर हां मे जबाब दिया .. मौलवी साहब आसमान की तरफ देखकर बुदबुदाये .. फिर कहा मुझे पहले ही लग रहा था .. कि यह रिश्ता गलत हो रहा है .. मैने इरफान को समझाया था .. इतने मे ही गुस्से से भरा इरफान चीखते हुए बोला .. सानिया ..! तुम्हारी इतनी हिम्मत..कि बेपर्दा सबके सामने आगयी !..तुम इतनी बे हया कैसे हो गयी ..? दामिनी रूकी..उसने पलटकर इरफान को देखा और बोली .. इरफान मुझ पर चीखो मत ..तुमने मुझे धोखा दिया है ..तुम धोखेबाज हो ..यदि तुम मुझे साफ साफ बताते तो ..मै वह सब करती ..जो शरियत मे है ..अब मै बुर्का नही पहनूंगी .. इरफान का गुस्सा सातवें आसमान पर .. वह तहस मैं आकर बोला मै तुझे तलाक दे दूंगा .. तुम क्या समझती हो अपने आपको... दामिनी उसकी तरफ देखती हुई.. बनावटी मुस्कुराहट के साथ बोली ..तुम ऐसा नही कर सकते ..तुम धोखेबाज ही नही..डरपोक भी हो..मेरे बिना तुम रह नही सकते समझे.. दामिनी ने उसे उकसाया.. वह लाल पीला होकर बोला मै रह सकता हूँ .. मै तुझे अभी तलाक देता हूँ तलाक..तलाक..तलाक .. दामिनी झट से मौलवी साहब के पास पहुंची और बोली ..मौलवी साहब सुन रहे है ..इसने मुझे तलाक दे दिया है .. आप गवाह हैं ..आपको रसूल का वास्ता ..आप अपने इमान पर रहना.. मौलवी साहब सख्त लहजे मे .. हां ..शरिया कानून से अब तुम इसकी बीबी नही रही .. मौलवी साहब अब मै आपसे पूछती हूँ ..अब मेरा क्या होगा ? मौलवी साहब बोले अब तुम जिससे निकाह करना चाहो कर सकती हो .. तुम्हारे तलाक नामा के कागजात चाहो तो ले सकती हो ..मौलवी साहब मुझे मेहर की रकम भी नही चाहिए ..मुझे इस धोखेबाज से यही उम्मीद थी .. मौलवी ने जाते वक्त कहा तुम बैठकर सुलह कर सको तो कर लो .. इरफान बोला नही इसे आज ही घर छोड़कर जाना होगा .. यह मेरी बीबी बनी ही नही ..धोखा तो मैने खाया है ..
.........
किसी ने दामिनी के कंधे को पकड़कर हिलाया ..मेडम सर ..मेडम सर.. दामिनी चौंकते हुए ..हां....
महिला लिपिक ने कहा मेडम आज घर नही जाना क्या ? किन ख्यालो मे खो गयी आप !
अपने आपको संभालते हुए ..ओह ..