Tum hi to ho - 5 in Hindi Love Stories by Queen of Night books and stories PDF | Tum hi to ho - 5

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Tum hi to ho - 5

चलो शुरू करते हैं,

शुभ निधि के अलावा किसी से भी फ्री होके बात नहीं करता था वो हमेशा arrogant rude होके ही बात करता उसका ऑफिस और बाहर वो strict behavior के लिए जाना जाता. वो अच्छे के लिए अच्छा और बुरे के लिए बुरा होता वो मदत करने से भी पीछे नहीं हटता था बस उसे नफरत थी तो झूट बोलने वालों से और धोका देने वालो से.

यही अब सिद्धि थक चुकी थी उसने दो तीन जगह पर इंटरव्यू दिया पर कोई experience ना होने की वज़ह से उसे जॉब नहीं मिली शाम हो चुकी थी वो रस्ते पे चली जा रही थी की तभी उसका फोन बजा उसने उठाया तो क्रिश का कॉल था उसने उठाया
क्रिश ने सामने से कैसा गया दिन जॉब मिली क्या
सिद्धि ने उदासी से कहा नहीं
क्रिश ने कहा क्यु
सिद्धि ने कहा उनको experience वाले चाहिए मैंने इस फील्ड मैं कोई काम नहीं किया तो मैं कैसे कर सकती हूं
क्रिश ने कहा अरे जब तक काम नहीं देंगे तो experience कहा से आएगा
सिद्धि ने कहा पता नहीं कैसे मिलेगी जॉब
वो अब बहोत परेशान हो चुकी थी उसे कुछ समज नहीं आरहा था
क्रिश ने कहा अरे सिद्धि परेशान मत हो मिल जाएगी जॉब ठीक है
सिद्धि ने कहा हम्म by अब घर जा रहीं हू
फोन कट हो जाता है
वो आगे रिक्शा ढूंढ ही रहीं होती है कि वो देखती है 9
एक 45 50 साल का इंसान रोड पार कर रहा था
उसका ध्यान नहीं था वहीं एक ट्रक उन्हीं की तरफ आ रही थी
सिद्धि दौड़ती हुई आयी और उन्हें रास्ते के एक तरफ कर दिया इसके चक्कर में उसे थोड़ा बहुत लग चुका था
जिस आदमी को बचाये था वो और कोई नहीं दिग्विजय अंकल थे जो कुछ लाने के लिए गए थे और वो रोड पार करते हुए फोन पर बात कर रहे थे इसलिए उनका ध्यान नहीं था की एक ट्रक उन्हीं की तरफ आ रही थी
जब दिग्विजय अंकल ने देखा की वो बच गए है पर जिसने उनकी जान बचाई उस ल़डकि को चोट आई है
तभी सिद्धि उनके पास आयी और कहने लगी अंकल आप ठीक तो हो ना आपको लगी तो नहीं
दिग्विजय अंकल ने देखा की जिस ल़डकि ने उन्हें बचाया था उसे चोट आयी है और शायद खून भी बेह रहा है
दिग्विजय अंकल ने कहा बेटा मुझे बचाने के चक्कर मैं तुम्हें लग गयी है चलो पहले इसे पट्टी बांधलो
सिद्धि ने कहा कोई बात नहीं ठीक है ज्यादा लगा नहीं चलिए पहले आप बैठ जाए वो उन्हें पास वाले एक कैफ मैं लेक जाती है वेटर से पानी लाने को बोल खुद उनके पास जाती है
दिग्विजय अंकल खुद की सोच मैं डूबे थे
अब बात ये है कि हमारी हिरोइन वैसे तो दिखने मैं बढ़िया है पर दिल से भी अच्छी है उन्हें वो पसंद आगयी थी अरे भाई हमारे हीरो के लिए
बात ऐसी है की दिग्विजय अंकल चाहते थे कि अब शुभ की शादी हो जाए उसका कंपनी का काम तो चल ही रहा था समय के साथ वो बढ़ भी रहा था इसलिए वो चाहते थे की शुभ अब शादी कर.
Byy guys
आगे की कहानी बाद मैं