Pyaar ka Zeher - 32 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 32

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प्यार का ज़हर - 32

" काला पैड की जगह अब काले बादशाह आने वाला है और ये काला बादशाह बहुत ही खतरनाक है राहुल भैया हमे कुच करना चाहिये वरना देर हो जायेगी "

" ठीक है फिर तुम ही बताओ मे क्या करू जिसे इस मुसीबत का सामना कर सकते है हम "

" मुझे तुमको कुच शक्तियां देनी होगी ताकी तुम अपनी खुद्की शक्तियां पा शको तो आप सुनो आप उस गोल चित्र रेखा मे चले जाओ और जब तक मे ना कहू आप हिल्ना मत ठीक है "

" हा बिल्कुल नही हिलन्गे लेकिन एक सवाल है की क्या मे इस श्कतियां लेने के काबिल हू "

" भैया आप भले ही इसके काबिल नही हो लेकिन किसिना कीसि दिन तो बन ही जाओगे ना इस लिये बता रहे है अब चलो जाओ गोल रेखा मे "

" रुको मे दरवाजा बन्द कर लेता हू अगर कोई आ गया तो "

" अरे नही इस वक़्त कोई नही आयेगा लेकिन ये दरवाजे या खिड़कियां बंद नही होनी चाहिये है इसमे हमारी शक्तियां पाने के दौरान कोई समश्या खडी कर सकता है "

" हा तो फिर खुला रहने दो सब ऐसे ही "

《 कुच देर बाद... 》

" बस अब कुच ही देर है बटूक फिर हम चल पडेंगे अपने काम पर "

" अच्छा ऐसा क्या लेकिन मुझे तो पुरा ही दिख रहा है "

" पागल बटूक उधर मत जाओ वरना सिर्फ हड्डी रह जायेगी बाकी सब जल जायेगी "

" अरे तुम मुझे डराते क्यू हो "

" अच्छा भरोसा नही है क्या खूद देख लो "

" अरे ब बचाओ ओ ये तालाब तो इतना खतरनाक है इसकी जो गरम हवा ही इतनी गरम है तो फिर इस गरम जल का क्या कहना अगर एक बार कीसी इन्सान पे गिर जाये फिर तो उसकी मौत तय है "

" इसी लिये तो ये मोहर बनाई है मेने अब पृथ्वी वालो का विनाश होना तय है अब होगा यौध शुरु होगा शर्वनाश हाहाहाहा बहुत मज़ा आयेगा जैसे जी मे इस गरम तालाब का जल पृथ्वी पर गिराउंगा सब इस जल मे फ्राय हो जायेंगे "
" लेकिन काले बादशाह हमारा तालाब तो कितना छोटा है और पृथ्वी पर कितने सारे तालाब और नदिया है आपका तालाब कीसि एक तालाब मे जाकर ही शांत और ठंडा हो जायेगा हेहेहे फिर क्या करोगे "

" तुम अब मूर्खता की हद पार कर रहे हो मेने कहा ना ये जल कोई सादरण जल नही है जिसको तुम हल्के मे ले रहे हो ये जल आग की तराह है ये जल इन्सान को जला कर राख कर देगा भले ही ये जल है लेकिन उस इन्सान का कुच भी नही बचेगा "

" तो अब देरी क्यू कर रहे हो इसे पहले की और देरी हो जाये आप ये जल वहा पर पहुचाना शुरु करदो "

" अच्छा तो अब तुम मुझे बताओगे बटूक की मुझे क्या करना है और क्या नही "

" हेहेहे अरे नही मे तो बस पुछ रहा था की कब ये जल पृथ्वी वालो को भेजोग करोगे "

" बहुत जल्द भेजूंगा बटूक तुम फिक्र ना करो "

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़ेहेर और जुडे रहे मेरे साथ