Baba Qila in Hindi Classic Stories by Gurpreet Singh HR02 books and stories PDF | बाबा किला

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बाबा किला

बाला किला’ किला अर्थ हैं ‘नया किला’ है। यह किला समुद्र तल से 1960 फुट ऊंचाई पर स्थित हैं। जोकि 8 किमी की परिधि में फैला हुआ है। दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए खास तौर से इसे तैयार किया गया था। यह किला कायमखानी शैली में बना हुआ है। दुश्मन पर बंदूकें चलाने के लिए किले की दीवारों में करीब 500 छिद्र हैं, जिनमें से 10 फुट की बंदूक से भी गोली चलाई जा सकती थी।

बाला किला से शहर का भव्य रूप नजर आता है। यहाँ छह प्रमुख द्वार जयपोल, लक्ष्मण पोल, सूरजपोल, चांदपोल, अंधेरी द्वार और कृष्णा द्वार से बाला किला तक पहुंचा जा सकता है। दुश्मनों पर नजर रखने के लिए 15 बड़े 51 छोटे बुर्ज और 3359 कंगूरे हैं। यह स्मारक अपने चिनाई के माक और भव्य संरचनात्मक डिज़ाइन के लिए प्रसिद्द है।
बाला किले पर निकुंभ, खान जादा, मुगलों, मराठों, जाटों राजपूतों का शासन रहा हैं। हसन खान मेवाती ने 1551 ईस्वी में इस किले का निर्माण किया था। इसके बाद, अलवर किला पर मुगलों, मराठों और जाटों ने शासन किया था। अंत में 1775 में कच्छवाहा राजपूत प्रताप सिंह ने इस किले पर कब्जा कर लिया और इसी समय अलवर शहर की नींव रखी। बाबर, मुग़ल सम्राट ने किले में एक रात बिताई थी जबकि जहांगीर निर्वासन अवधि के दौरान तीन साल तक रहे और उस समय उन्होंने इसे सलीम महल के रूप में नामित किया। किले के जिस कमरे में जहांगीर ठहरा था, उसे सलीम महल के नाम से जाना जाता है।
यह किला अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। अंदर से विभिन्न भागों में बंटा हुआ है। एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए कई तरफ से सीढ़ियां हैं। अलवर किला राजस्थान में सबसे बड़े किलों में गिने जाते हैं। किले कई शैलियों में बनाया गया है और किले की दीवारों में सुंदर शास्त्र और मूर्तियां बनाई गई हैं।

इन सुंदर नक्काशीयों के अलावा किले में सूरज कुड, सलीम नगर तलाव, जल महल और निकुंभ महल पैलेस जैसे अन्य उल्लेखनीय इमारतों भी शामिल है। किले में एक मंदिर है। बाला किला क्षेत्र में कुंभ निकुंभों की कुलदेवी, करणी माता मंदिर, तोप वाले हनुमान जी, चक्रधारी हनुमान मंदिर, सीताराम मंदिर सहित अन्य मंदिर, जय आश्रम, सलीम सागर, सलीम बारादरी स्थित हैं।भारत में ऐसे कई प्राचीन किले हैं, जो अपने आप में बेहद ही खास और रहस्यों से भरे हुए हैं। एक ऐसा ही किला अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है। इस किले की दीवार पूरी पहाड़ी पर फैली हुई है जो हरे-भरे मैदानों से होकर गुजरती है। यह किला देखने में इतना खूबसूरत लगता है कि इसे देखने के लिए दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। एक समय था जब किले के अंदर प्रवेश करने के लिए इलाके के एसपी से अनुमति लेनी पड़ती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बस पर्यटकों को केवल संतरी के पास रखे रजिस्टर में अपना नाम लिखना होता है। उसके बाद वो इस भव्य किले में प्रवेश कर सकते हैं। कहते हैं कि इस किले में मुगल शासक बाबर और जहांगीर भी रुक चुके हैं। बाबर ने यहां महज एक ही रात बिताई थी। वहीं जहांगीर किले के अंदर बने जिस कमरे में ठहरे थे, उसे आज 'सलीम महल' के नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि इस किले के अंदर बेशकीमती खजाना छुपा हुआ है। माना जाता है कि वो खजाना धन के देवता कुबेर का है, लेकिन ये खजाना एक रहस्य ही है, क्योंकि आज तक कोई भी ढूंढ नहीं पाया है।