Sapne - 23 in Hindi Fiction Stories by सीमा बी. books and stories PDF | सपने - (भाग-23)

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सपने - (भाग-23)

सपने----- (भाग-23)

आदित्य आस्था को घर छोड़ कर ऑफिस चला गया......रेलवे स्टेशन से ले कर घर पहुँचने तक वैसे भी आस्था बहुत कुछ बता चुकी थी और दोनो से पूछ भी चुकी थी.......!
नवीन को नचिकेत ने अपनी दीदी से मिलवा दिया था, और एक - दो दूसरे मयूजिक डायरेक्टर्स से वो मिल चुका था.......सबसे पहला ब्रेक उसे अरूणा दत्ता ने दिया है.....!
अपनी एक शार्ट मूवी में उसे गाना गाने का....इस वजह से वो बहुत खुश था कि चलो कहीं तो काम मिला.......कुछ दिनो में उसका गाना रिकार्ड होने वाला है......नचिकेत का तो वो फैन ही हो गया है.......आस्था नवीन के लिए बहुत खुश थी..... नवीन ने बताया कि 2 दिन से वो शाम को सोफिया की मॉम ने 2 लड़कियों को उनके घर जा कर म्यूजिक सिखाने के लिए कहा था तो वो ट्रायल क्लॉस दे ही चुका है.....अगर उन्हें सीखना होगा तो वो कॉल कर देंगी"!......इसके उसे 15 हजार मिलने वाले हैं......हफ्ते में 5 दिन सीखाने जाना है.......आने जाने के लिए भी खर्च होगा सोच कर 15 हजार उतने भी बुरे तो नहीं लग रहे थे.....पर अभी तो पैसे चाहिए थे उसको आने जाने के किराए के लिए.......! सविता ताई ने आस्था को बताया सब उसे बहुत मिस कर रहे थे........आस्था सुन कर मुस्कुरा दी!
"सविता ताई मैंने भी तो सबको बहुत मिस किया"। आस्था नाश्ता करके अपने कमरे मैं आरां करने चली गयी.....और नवीन टीवी देखने बैठ गया........आराम करने गयी तो घर पर उसे फोन करना था, याद आ गया.....सुबह पहले जब निखिल और उसके बाद मम्मी का फोन आया तो उसने घर पहुँच कर बात करूँगी कह कर काट दिया था.....उसने झट से मम्मी को फोन मिला कर बात की फिर उसके बाद उसने नचिकेत को अपने वापिस आने का बता दिया.....! नचिकेत ने उसे बताया, "मेरी अरूणा दी तुमसे मिलना चाहती है, अगर कोई प्लान नही है तो कल डिनर करते हैं, हम तीनों साथ"! "ठीक है, आप मुझे एड्रेस बता देना, मैं टाइम पर पहुँच जाऊँगी"......! "डोंटवरी आस्था तुम कल शाम को 7 बजे तक रेडी रहना, मैंने कल उसी साइड ही किसी से मिलने जाना है तो मैं तुम्हें तुम्हारे घर से ले लूँगा"! "ओ के, मैं रेडी रहूँगी".....! नचिकेत को "हाँ" बोल कर आस्था सोच रही थी कि उसकी दीदी मुझे पता नहीं क्यों मिलना चाहती हैं? फिर उसने अपने सारे ख्यालो को झटक दिया, "कल मिलूँगी तो पता चल जाएगा, अभी से टैंशन क्यों लेनी", सोच कर वो सोने की कोशिश करने लगी....... ! जब दिमाग में बहुत कुछ चल रहा होता है तो नींद भी भाग जाती है......बहुत देर तक करवटे बदलती रही, न कुछ सोचने की कोशिश करती रही.....पर दिमाग भी तो कहाँ कहना मानता है, फिर आस्था के दिमाग में तो नचिकेत, उसकी दीदी और स्नेहा की बातों ने इतनी भगदड़ सी मचा रखी थी कि सोने की कोशिश करते करते उसके सिर में दर्द होने लगा.......जब नींद ने आने से मना कर दिया और सिरदर्द ने दवाई और चाय की डिमांड कर दी तो वो उठ बैठी और किचन में चाय बनाने चली गयी........! किचन में सविता नवीन और अपने लिए खाना बना रही थी...आस्था को देख उससे खाने का पूछा तो उसने मना कर दिया ......और चाय बनाने के लिए पानी चढा दिया......चाय का पानी देख सविता ने उसे बाहर बैठने को कहा और खुद उसके लिए चाय बनाने लगी......आस्था बाहर नवीन के लिए खाना लगा कर ले आयी।
सविता आस्था के लिए चाय ले आयी.......!
आस्था ने चाय पी कर सोफिया को फोन करके बुला लिया......घर में सब के बीच रह कर आयी है तो उसको बोरियत तो हो ही रही थी, साथ ही वो सोफिया से कल के डिनर के बारे में बात भी करना चाहती थी.......! तकरीबन दो घंटे के बाद सोफिया आयी और साथ में वड़ा पाव भी ले कर आयी......उसे पता है कि आस्था को वड़ा पाव बहुत पसंद है......। सोफिया के आने से आस्था खुश हो गयी। नवीन के पास सोफिया की मॉम का फोन पहले ही आ चुका था कि वो दोनो लड़कियाँ नवीन से क्लासेज लेंगी......नवीन बहुत खुश था और उसे लग रहा था कि अब उसके दिन बदलने वाले हैं!......वो अपने कमरे में तैयार होने चला गया......सोफिया और आस्था बहुत दैर तक बातें करते रहे.........!आस्था सोफिया के लिए एक सुंदर सा चिकनकारी वाला कुरता लायी थी, जिसे देख कर वो सोफिया बहुत खुश हो गयी....!
आस्था ने सोफिया को नचिकेत के साथ उसकी बहन के घर डिनर पर जाने की बात बतायी.......जिसे सुन कर सोफिया तो बहुत खुश हो गयी और बोली, " यार मुझे लगता है वो अपनी सिस्टर से मिलवा कर उसका एप्रूवल लेना चाहता होगा.....कुछ भी कहो पर वो नचिकेत बहुत ही हैंडसम और वेल बिहैवड आदमी है.....तुम उसके साथ जाने से डरो मत.... बिंदास हो कर जाओ और अगर वो भी तुम्हे शादी के लिए पूछे तो साफ साफ अपने दिल की बात बोल देना"! आस्था को सोफिया की बात से थोड़ी तसल्ली मिली। अब दूसरा सवाल था, "कल वो क्या पहन कर जाए? वेस्टर्न और ट्रैडिशनल"?" तुम कल कुछ वेस्टर्न पहन जाओ".....! आस्था के अगले सवाल का जवाब तो उसे मिल गया था.....पर वेस्टर्न ड्रैस के नाम पर कुछ खास क्लेक्शन ही कहाँ थी आस्था के पास.....1-2 वन पीस थे वो भी कैचुअल......हम लडकियों की ये बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाती है...हमसे अच्छा तो लड़के हैं .....गिने चुने आप्शन्स के साथ खुश रहते हैं.......आस्था ने मुँह बिगाड़ कर ऐसे कहा कि सोफिया और सविता दोनो हँस दी.......सोफिया ने उसकी ये परेशानी भी दूर कर दी," आस्था तुम उसकी चिंता मत करो.....मैं कल सुबह घर से आते हुए 2-3 ड्रैसेज लेती आऊँगी, उनमें से कोई भी पहन लेना.....साइज तो हमारा वैसे भी सेम ही है"।आस्था के मिशन डिनर की सारी तैयारी हो गयी थी...... सोफिया ने फिर भी जाते जाते शगूफा छोड़ ही दिया, " आस्था तुम्हें नचिकेत के प्रपोजल पर सोचना चाहिए, Name, fame and money सब है उसके पास"! आस्था मुस्कुरा दी..........एक तरफ स्नेहा और दूसरी तरफ सोफिया और बीच में उसका दिल और दिमाग........जो कंफ्यूजन में था, कि उसे वाकई कोई चाहिए भी या नहीं? सोफिया चली गयी थी.....सविता ताई रात की तैयारी कर रही थी और आस्था सोफे पर बैठे बैठे ही सो गयी थी........धीरे धीरे सब अपने टाइम से आ रहे थे....सबसे पहले राजशेखर आया, वो आस्था को देख कर खिल गया.....फ्रेश हो कर आस्था के पास ही सोफे पर आ कर बैठ गया......" कुछ देर बात करते करते राजशेखर को लगा कि ये टाइम आस्था से बात करने का बिल्कुल ठीक है, अभी कोई और आया भी नहीं है.....ऐसा मौका जल्दी मिलेगा भी नहीं, यही सोच उसने अपना गला साफ किया और बोला, "आस्था मुझे तुमसे बहुत जरूरी बात करनी है"! " हाँ बोलो न क्या बात है? मैं सुन रही हूँ"....कह कर आस्था ने टी वी से नजरे हटा राजशेखर की तरफ देखते हुए पूछा......"आस्था I love you....मैं तुम्हें बहुत पहले से कहना चाहता था ,पर कह नहीं पाया"!.......आस्था का चेहरा गुस्से से लाल हो गया...पर वे जानती थी कि जैसे राजशेखर की लाइफ रही है.....ऐसे में राजशेखर को रहने के लिए ऑफर करना और दोस्त बनाना से वो कुछ और ही समझ गया है जबकि आस्था ने उसे एक अच्छा दोस्त ही समझा है...........!राजशेखर उसके जवाब का इंतजार कर रहा था। "राजशेखर तुम मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो और हमेशा रहोगे.....उससे ज्यादा कभी हो नहीं सकते.......और तुम इस बात को समझो"। आस्था की बात सुन कर उसका दिल टूट गया, पर वो कुछ कह नहीं पाया। आस्था उसको ठीक से समझाने की कोशिश कर रही थी जिससे वो उसकी बात को वैसे ही समझे जैसे वो कहना चाह रही थी, क्योंकि कई बार सही बात में भी सही शब्दों को ठीक से और सही जगह पर इस्तेमाल न किया जाए तो अक्सर गलतफहमियाँ हो जाती हैं और रिश्ते टूट जाते हैं। "राज शायद तुम्हारी लाइफ में मैं इस टाइम आयी जब तुम माया आँटी को ले कर परेशान थे और इस शहर में भी नए थे तो मुझसे जान पहचान हुई और हम सब मिल कर रहने लगे......पर वो हमारी दोस्ती है, मुझे तो ऐसा लगता है कि तुम भी हमारी अच्छी दोस्ती को प्यार समझ बैठो हो, मैं तुम्हारे जैसा अच्छा दोस्त खोना नहीं चाहती, इसलिए हम हमेशा दोस्त बने रहे, इसके लिए अपने दिमाग से ये प्यार वाली बात निकाल देना.....तुम इतने अच्छे लड़के हो....बहुत अच्छी लड़की से तुम्हारी शादी करवाएँगे......पर प्लीज तुम प्रॉमिस करो कि चाहे कुछ भी हो, हमारी दोस्ती कभी नहीं टूटेगी। राजशेखर उसकी सारी बातें ध्यान से सुन रहा था और समझ भी रहा था कि आस्था उसे बस अच्छा दोस्त मानती है तो यही सही......"ठीक है आस्था, तुम भी ये बात भूल जाना कि मैंने तुम्हें कुछ कहा और मैं भी भूलने की कोशिश करूँगा और प्रॉमिस करता हूँ कि जिंदगी भर दोस्ती निभाऊँगा"।
आस्था ने राजशेखर की बात सुन कर राहत की साँस ली.....तभी घंटी बजी,देखा तो श्रीकांत और नवीन आ गए थे....! श्रीकांत ने देखा कि राजशेखर किसी गहरी सेच में हैं तो वो समझ गया कि आस्था से उसकी बात हुई होगी, पर वो सब रात को सोते टाइम पूछेगा।
कुछ ही देर में आदित्य भी आ गया तो सविता ताई और आस्था ने खाना लगा दिया.......!
डिनर करते हुए आस्था ने बताया कि, "कल वो नचिकेत की बहन के घर डिनर पर जा रही है"! "ये तो अच्छी बात है", नवीन ने कहा। "इसमें अच्छी बात क्या है? तुमने उसका प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया है क्या"? आदित्य ने पूछा तो आस्था ने कहा, "नहीं, पर उनकी बड़ी बहन मुझसे मिलना चाहती हैं, फिर उन्होंने नवीन को भी चांस दिया है तो सही टाइम है थैंक्स कहने का, बस इसलिए डिनर के लिए हाँ कर दी"....."वो तो ठीक है, कल मैं तुम्हें छोड़ दूंगा.....और आस पास ही रहूँगा जब तुम फ्री हो जाओगी तो कॉल कर देना मैं लेने आ जाऊँगा, रात को कैब से आना जाना मत करना"! आस्था उसकी बात सुन कर बोली, " आदित्य नचिकेत मुझे लेने आएगा और वो या उसका ड्राइवर मुझे ड्रॉप भी कर देगा तो तुम चिंता मत करो.....पूरे दिन की थकान फिर तुम मेरे साथ जाओगे तो और बुरी तरह से थक जाओगे"! आदित्य आस्था की बात सुन कर "ठीक है" बोल कर अपने कमरे में चला गया.....!
क्रमश: