FIKAR - तेरे इश्क़ की - 1 in Hindi Fiction Stories by Hiral Zala books and stories PDF | FIKAR - तेरे इश्क़ की - 1

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FIKAR - तेरे इश्क़ की - 1

(Year 2043 , 4 September
Place : Akota bridge , Vadodara , Gujarat )
Vadodara, मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी दौलत । जहां प्यार है,परवाह है, आशिक़ी है, जुनून है,ओर सबसे बड़ा स्वाभिमान है। आज पूरे २२ साल बीत चुके हैं मेरे यहां , लेकिन लगाऊ आज भी उतना ही है इस शहेर से। पता नहीं ऐसा क्या जादू है यहां,जो हमे बांधे रखता है।

लेकिन आप जानते हैं यहां की सबसे प्यारी ख़ासीयत क्या है? वोह है प्यार। आज शायद मुझसे ज्यादा खुश इस दुनिया में कोई नहीं होगा। अरे..अपने जन्मदिन की वजह से नहीं... बल्कि आज वह दिन है जब मेरी दो आत्माएं एक हुई थी। हां.. दो आत्माएं
MY MOM AND MY DED
25 ANNIVERSARY है आज उनकी।
और वोह है
MR AND MRS. ANANT GOHIL
पर कहते है ना की इतना आसान नहीं होता सब कुछ।बोहोत कुछ बदल चुका है इन 25 सालो मे। फिर वोह चाहे रिश्ते हो या फिर उन रिश्तों का भरोसा,सब कुछ।
बोहोत हो गया बस अब ओर नहीं
मै आलोक अनंत गोहिल ,वादा करता हूं अपने आप से 24 घंटों के अंदर अंदर MR.AND MRS.GOHIL को फिर से एक करूंगा।
ALOK: तोह चलिए देखते हैं क्या प्लान्स है मेरे जन्मदिन के।
(आलोक अपने घर के लिए निकलता है। आलोक की बाइक गोहिल विला के गेट के पास पहुंचती हैं। सिक्योरिटी वाला गेट खोलता है।आलोक बाइक पार्क करके घर के दरवाजे पर पहुंचता है ओर देखता है।)
(आर्यन ओर शनाया खड़े हैं और आर्यन शनाया के हाथ में जो फूलों की थाली है उन फूलों को शनाया पर डाल रहा है।)
ALOK: O DDLJ (आर्यन मुड़ता है और शनाया का चेहरा दिखता है। आर्यन थोड़े फूल आलोक पर डालता है)
ALOK: O KAKA
ARYAN: एक मिनट एक मिनट... ओ क्या हुआ तुझे ? (आर्यन आलोक के कंधे पर हाथ रखकर उसको घर के और अंदर ले जाता है। और शनाया अपने काम में व्यस्त हो जाती हैं।)
ARYAN: ये काका वाका सब छोड़ इतना अच्छा सा नाम है मेरा आर्यन । ARY बुला ले।
ALOK: (हंसता है और कहता है) OK..OK... कैसी चल रही है तैयारियां?
ARYAN: (उसके चेहरे की तरफ बहुत ही प्यार से देखता है और कहता है) HAPPY BIRTHDAY
ALOK: (आर्यन के पैर पढ़ कर)THANK YOU
(आर्यन और आलोक दोनों बात कर रहे होते हैं। इतने में ही दीक्षा सीढ़ियों पर चढ़कर लाइट लगा रही होती है और उसका पांव फिसलता है और युग आकर उसे अपनी बाहों में संभाल कर दीक्षा को बचा लेता है) (आर्यन आलोक से कहता है)
ARYAN: (हंसते हुए) अब इस फिल्म को क्या नाम देगा?
(दीक्षा और युग एक दूसरे की आंखों में मुस्कुराते हुए प्यार से देख रहे होते हैं। और आलोक और आर्यन उनके पास आते हैं। और आर्यन कहता है..)
ARYAN: अरे... ओ भैया जी नजर लग जाएगी भाभी जी को (और आलोक की तरफ देख कर हंसता है ) (युग दीक्षा को नीचे उतरता है)
ARYAN : तो हमारी आदरणीय भाभी जी कहे तो कुछ मदद कर दे आपकी।
DIXA : (मुस्कुराते हुए)नहीं देवर जी जितनी आपने मदद कर दी उतना बोहोत है।
ARYAN : बहुत-बहुत शुक्रिया आपका।
DIXA : युग में आती हूं अभी
YUG : HMM (दीक्षा अंदर कमरे में चली जाती है) (आलोक युग के पास जाता है और उसके पैर पड़ता है)
YUG : HAPPY BIRTHDAY SAHEB. खुश रहो।
ALOK: THANK YOU
YUG: कहिए क्या करना है हमें? (आलोक से)
ALOK: यह बात शायद मुझसे ज्यादा आप जानते हैं।
YUG : ARYAN कहा रह गई सब। अभी तक कोई क्यों नहीं आया।
ARYAN : आ जाएंगे कुछ देर मे।
YUG: ( आलोक से) तुम फ्रेश हो जाओ।हम संभाल लेंगे सब। (आलोक अपने कमरे में जाता है)
( कमरे में यशवी(आलोक की बहेन) अपने लैपटॉप में काम कर रही होती है।आलोक उसको पीछे से डराता है)
(यशवी दर कर पीछे देखती है)
YASHVI: भाई.... (आलोक हस्ता है)
YASHVI: HAPPY BIRTHDAY BHAI
आप जिओ MILLIONS MILLIONS YEAR) AND GIVE ME BIG BIG CHOCOLATES ALOK: THANKS MY BEAUTIFUL PRINCESS.
YASHVI: भाई ये क्या है?
ALOK: क्या?
YASHVI: BIRTHDAY BOY ऐसे..पुराने कपड़ों में
थोड़ी तोह मेरी इज्ज़त रख लो।
ALOK: अरे हा....मेरी डायन
(यशवी गुस्से से आलोक की तरफ देखती है)
ALOK: I MEAN dear बोलने वाला था,गलती से डायन निकाल गयाI OK में फटाफट READY होता हूं बाय।
( ALOK हस्ते हुए नाहने जाता है।ओर यशवी नीचे हॉल में सबके पास जाती है)
(YUG,ARYAN ओर SANAYA बात कर रहे होते है) YASHVI: ( आर्यन को देख कर)आर्यन चाचू....(चिलाती है) ARYAN: HYYYYYY.... आजा मेरे बच्चू.. (आर्यन यशवी को गले लगा लेता है)
( SANAYA ,YASHVI से कहती है) SANAYA: YASHU केसा है मेरा बच्चा। YASHVI : बिलकुल आप की तरह..PARFECTI
ARYAN: वोह तोह है।आखिर बिविजी किसकी है।
YUG: YASHU....
YASHVI : आप तोह बात ही मत करिए।
ARYAN: क्यो भई...अब क्या कर दिया आपके MR.YOO ने..
YASHVI: महीने में सिर्फ दो बार बड़ौदा आते है।ओर हमसे नही मिलते... जाते ही अपनी...
ARYAN : अपनी....आगे बोलो
YASHVI: वैसे कहा है आपकी...
YUG: जान...(हस कर)
( यशवी युग को आंखे दिखाती है)
YASHVI: हा... हा...कोई बात नहीं
YUG: YASHU वैसे इतनी बुरी बी नहीं है वोह।कभी प्यार से बैठो उसके पास।
YASHVI :( युग को) दिन में कितनी बार बैठते हो। ARYAN: ( सनाया से)ये कही ओर जाता ही कहा है। ( सनाया हस्ती है)
YASHVI: (युग से) अब मुजसे बात मत करिए आप।
(DIXA आती है,ओर यशवी के कंधे पर हाथ रख कर कहती हैं)
DIXA: WHY?... ऐशा क्या कर दिया आपने MR.YOOO ARYAN: भई...दिल दुखाया है..मेरी बच्ची का
DIXA: अरे...अरे...ऐशा नहीं चलेगा जी। अब मनाना तोह पड़ेगा। (युग से)
SANAYA: YUG... चलो मनाओ।
YASHVI: ऐसे नहीं मानूंगी में।
YUG: तोह???
YASHVI : जो में कहूं वोह करना पड़ेगा।
SANAYAE: क्या???
YASHVI: पूरे 10 दिन(DIXA की ओर इशारा करके) इनसे दूर रहना पड़ेगा।
(युग ओर DIXA एक दूसरे की तरफ़ देखते हैं) (सब हस्ते है)🤣🤣
(युग DIXA की तरफ़ देख कर थोड़ा EMOTIONALLY REACT करता है)
YASHVI: ( हस्ते हुए) रहने दीजिए आप। कहीं देवदास हो गए तोह संभालना मुश्किल हो जाएगा
(सब हस्ते है) ( पीछे दरवाज़े से जोर आवाज़ आती है।)
Sanjay sir : क्या मुश्किल हो जाएगा। (सब उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं)
DIXA: DED... ( उनके पास जा कर गले मिलती है)
SANJEEV: ( DIXA से)केसा है मेरा बिट्टू?
DIXA: बिलकुल ठीक...
YUG: SIR....
SANJAY SIR : कहा घूमते हो साहब। कभी दिखते ही नहीं।
( SANJAY हस्ते है)
SANJAY SIR : (ARYAN or SANAYA से) अरे ओ...मेरे LELA MAJNU पास आओ जरा। (सब हस्ते है)
ARYAN: ( पैर पढ़ कर) कैसे हो आप?
SANJAY SIR: में एक दम ठीक.. तू बोल।
SANAYA : SIR....
SANJAY SIR : अरे... बापरे ये DIET WIET सब बंध करो..फिर शरीर में कुछ बचे गा नई।🤣🤣
SANAYA: हम से मिलने का तोह वक्त ही नहीं है ना आपके पास।
SANJAY: बेटा... तू तोह जानता है...तोह फिर ये सवाल ही नहीं उठता।
(ऊपर से आलोक आता है ओर कहता है )
ALOK: पर जवाब मेरे पास है।
(सब आलोक की ओर देखते हैं)

( Next Day )
( आस्था और बाकी सब मिलते हैं और आलोक के कहने पर युग 25 साल पहले की वो कहानी दोहराता है जिसे ना कभी किसी ने देखी और ना सुनी...वो कहानी जो बनी fikar - tere ishq ki)
BE BACK IN NEXT EPISODE ❤️