The Author Queen of Night Follow Current Read Tum hi to ho - 3 By Queen of Night Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Trembling Shadows - 20 Trembling Shadows A romantic, psychological thriller Kotra S... Was it GHOST? Was it GHOST?A torch has enough light to make them reach to... HAPPINESS - 106 Dilbar He is a fool who does not understand the gestures of... Finding only You - 2 (yesterday, We read that Nivaan tell Rivaj that our work i... Trembling Shadows - 19 Trembling Shadows A romantic, psychological thriller Kotra S... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Queen of Night in Hindi Love Stories Total Episodes : 11 Share Tum hi to ho - 3 (3) 2.5k 4.7k यहां शुभम ने सब कुछ बना दिया था कि तभी निधि आयी वो भी दिखने मैं बेहद खूबसूरत थी आते ही उसने कहा,दादा क्या बनाया है बड़ी अच्छी खुशबु आ रहीं है जल्दी दीजिए ना भूख लगी है शुभम ने उसे खाना दिया और खुद भी बेठ गया तभी निधि ने कहा , भैया दिग्विजय अंकल कैसे है दिग्विजय शुभम के पापा के दोस्त थे उसके माता-पिता के एक्सीडेंट मैं जाने के बाद वो अनाथ आश्रम गया था पर वहीं उसे दिग्विजय अंकल मिलने आये थे उन्होंने कहा था की वो उसके पापा के दोस्त है .अपना और पापा का सपना पूरा करने के लिए उसने दिग्विजय अंकल के कहने पर उनकी कंपनी जॉइन की ताकी वो बहोत कुछ सीख पाए जब उसने कंपनी जॉइन की तब वो 14 साल का था अपनी पढ़ाई के साथ वो काम भी करता उसके पापा हमेशा कहते थे की खुद के पैरों पर चलना सिखों. आगे बढ़ना है तो मेहनत भी करनी चाहिए हार के भी जो चलता है वहीं जीत हासिल करता है दिग्विजय जी बहोत अच्छे थे वो अपनी फॅमिली के साथ आउट ऑफ इंडिया रहते थे यहाँ आने पर उन्हे पता चला की उनका दोस्त अब नहीं रहा . दिग्विजय जी का बेटा था समीर जो शुभम का बेस्ट फ्रेंड और भाई दोनों था वो अभी अपनी पढ़ाई के चलते बाहर था दिग्विजय जी खुद चाहते थे कि शुभम खुद कि कंपनी खोले अपने दम पर हर मुकाम हासिल करे इसलिए वो तो बहोत खुश थे इसके चलते उसने बहोत मेहनत की और खुद के दम पर एक कंपनी खोली उसने अभी तक खुद को सबके सामने अपने आप को नहीं लाया था इसलिए वो हमेशा मास्क पेहन के सबके सामने आता शुभम ने अमायरा नाम की डायमंड की कंपनी शुरु की थी उसकी डिजाइन और मेहनत के चलते बहुत से लोग जुड़ गये थे पहले तो बेहद छोटी कंपनी थी पर उसके काम की वजहों से दिन बर दिन बढती जाती इसलिए वो आगे बढता गया अभी उसके कंपनी को एक मैनेजर की जरूरत थी जो सब कुछ सम्भाल सके उसकी गैर मौजदूगी मैं उसकी मदत कर सके पहले तो उसने अपनी बहन निधि के लिये ही सोचा था पर वो उसकी पढ़ाई मै कोई परेशानी लाना नहीं चाहता था. उसे कोई ऐसा इंसान चाहिए था जिसे अपने काम के प्रति लगन हो जो ईमानदारी से अपना काम पूरा करे यही सब सोच रहा था कि ,निधि ने कहा दादा कहा खो गये आप ठीक है ना शुभम हा कुछ नहीं क्या हुआ निधि ने कहा मैं कब से आपको आवाज लगा रहीं थी आप सुन hi नहीं रहें सब ठीक है ना शुभम ने कहा हा बोल ना क्या बोल रहीं थी निधि ने खाते हुए कहा दिग्विजय अंकल कैसे है और आंटी और समीर भाई भी शुभम ने कहा सब ठीक है कल ही बात हुई थी वो जल्दी ही आयेंगे निधि ने कहा ओके दादा शुभम ने कहा चल तुझे छोड दु फिर मुझे भी ऑफिस जाना है निधि ने कहा ओके. okay guys byy aage ki kahani baad main ‹ Previous ChapterTum hi to ho - 2 › Next Chapter Tum hi to ho - 4 Download Our App