The New Moon - 2 in Hindi Horror Stories by karan kumar books and stories PDF | The New Moon - 2

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The New Moon - 2

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था की कैसे नए घर में आने के बाद साहिल के साथ कुछ अजीब अजीब घटना होने लगती है
पहले उसकी मम्मी इन बातों पर विश्वास नही करती पर बाद में उन्हें भी घर में किसी अजीब शक्ति का एहसास होता है।।
जिससे साहिल और उसकी मम्मी को डर लगने लगता है।
और उसकी मम्मी ये सब उसके पापा को बताती है।।।

अब आगे.....
जब साहिल की मम्मी साहिल के पापा को ये सब बताती है तो
उसके पापा को ये वहम लगता है कहते है " अरे निशा जी
शायद अँधेरे में किसी और चीज को देख साहिल को वहम हुआ होगा । और ये भूत वूत कुछ नही होते सब वहम होता है।
शायद साहिल को अकेले होने के कारण ऐसे ख्याल आ रहे होंगे ।
ऐसे करते है कल इसको किसी अच्छे डॉ के पास ले जाएंगे। और हाँ वो गाड़ी भी शायद अंदरे कहीं गिर कर टूट गयी होगी। कल इसको नई ला दूँगा।
यार अभी मुझे भूख लगी है चलो सब डीनर करते है

और सब डिनर करने लगते है साहिल अभी भी कहीं खोया और डरा हुआ था। हल्की सी आवाज से भी वो डर रहा था।
उसके पापा को भी ये थोडा अजीब लग रहा था।

अगले दिन तीनो डॉ के पास जाते है।

डॉ साहिल को देखने के बाद " आपका बच्चा थोडा डरा हुआ है शायद नया माहौल और घर इसको पसन्द नही आया ।मेने दवा लिख दी है इसको दे देना "

घर लौटते वक्त साहिल के पापा ",चलो आज हम लंच बाहर करेंगे और साहिल की फेवरट आइस क्रीम भी खाएगे।"

खाना खाने के बाद निशा जी " मुझे थोडा घर का सामान भी लेना है तो आप गाड़ी को अपने घर के पास वाले जनरल स्टोर पर रोक लेना में उन्हें लिस्ट दे दूँ गई वो घर पे सामान पहुंच देंगे।

और वो जनरल स्टोर की तरफ चल पड़ते है।

सामान की लिस्ट देने के बाद जेसे ही वो घर का पता देते है। स्टोर मालिक उनको देखने लगता है और उस पते पर सामान देने से मना कर देता है। और इतना कहता है वो घर सही नही है।
वजह पूछने पर कुछ नही बताता है
वो सामान ले घर आ जाते है

आज उसकी मम्मी और पापा दोनों को स्टोर वाली घटना अजीब लगी ।

साहिल "मम्मी आज मुझे आपके साथ ही सोना है अकेले में मुझे डर लगता है। वो फिर आए गई बोली थी।"

मम्मी " ठीक है बेटा सो जाना "

इसी तरह रात हो जाती है डिनर कर साहिल के पापा को काम होता है तो वो बाहर सोफे पर बैठ काम कर रहे होते है।

निशा और उनका बेटा साहिल कमरे में सो रहे होते है
साहिल सो जाता है और निशा जी साहिल को सुला कर बाहर उसके पापा के पास आती है।

वहां अंदर सहिल अकेला सो रहा होता है तभी उसको एहसास होता है की जैसे उसके हाथों पैरों को किसी ने रस्सी से बांद रखा वह जमींन पर लेटा हुआ है बहुत कोशिशों के बाद भी बिल्कुल हिल डुल नही पा रहा है तभी उसको महसूस होता है की कोई उसकी छाती के ऊपर से चेहरे से होते हुए सर के ऊपर हाथ फेर रहा है ।
वो पूरी ताकत से चीखने की कोशिश कर रहा था ।
पर उसके हलक से बिल्कुल भी आवाज़ नही निकल पा रही थी। तभी उसे सामने वही औरत दिखाई देती है ।

आज वो और भी ज्यादा डरावनी लग रही थी। जिसके बाल बिखरे हुई चेहरे पर चोट के निशान थे। आँखों पर काजल फ़ैला हुआ था। एक हाथ में चाक़ू लिया हुआ जो खून से सना हुआ था । और साहिल के पास आ रही थी तभी साहिल ने महसूस किया उसका मुँह उसके चहरे के बिल्कुल पास है जो उसकी खुशबू को लेते हुए बोल रही थी बस अमावस्या की रात का इन्तजार करो फिर तुम मेरे। और में पहले से भी खूबसूरत हो जाऊंगी ।

तभी साहिल के मम्मी पापा कमरे में आते है ।
और साहिल को इस तरह से बिस्तर पर पुरे पसीने लीन झटपटाते देख।
उसकी मम्मी साहिल को उठाती है।
साहिल के पापा साहिल से "क्या हुआ बेटा शायद तुमने कोई बुरा सपना देखा है "
साहिल " पापा नही ये कोई सपना नही था वो फिर से आए गी और मुझे मार डालेगी
इस अमावस्या की रात वो मुझे मार डालेगी।
बार बार बस वह यही बोल रहा था।
निशा जी " आप देख रहे है ना ये कोई बीमारी नही है हमारे बेटे पर किसी बुरी आत्मा का साया है। इसलिए में बोल रही हूँ हमे किसी बाबा के पास ले जाना चाहिए।"
अभी निशा जी अपनी बात पूरी भी नही कर पाई की

तभी साहिल " माँ वो अभी भी यहीं है उस परदे के पास और हंस रही है"

अब उसके पापा को भी यकीन होने लगा था। और बोले
हम सुबह ही किसी बाबा के पास चलेगे।

वो जब घर से जाने लगते है तभी उसके पापा का पैर फिसल जाता है और वो गिर जाते है
जेसे तैसे वो गाडी में बैठ चलते है थोड़ी दू जाने पर साहिल चिल्लाता है " पापा वो सामने खड़ीे है गाडी के "
पापा हड़बड़ाहट में जैसे ही ब्रेक मारते है ब्रेक नही लगती और गाड़ी सामने पेड़ से टकरा जाती है।
ये जगह उस जरनल स्टोर के नजदीक थी।
जहाँ से वह समान लेते थे।
उसकी मम्मी को उस स्टोर मालिक बात याद आ जाती है। तभी वह उसके पास जाती है और साहिल का पूरा सपना बता कर उनसे सहायता मांगती है।

तब स्टोर मालिक बताता है की
आज से 10 साल पहले उस घर में एक औरत रहती थी उसका पति उसको मरता पिटता था एक दिन
उसके पति ने उसको छोड़ दूसरे शहर में किसी और लड़की के साथ रहने चला गया क्योंकि वो ज्यादा खूबसूरत नही थी ।
पूरी जिंदगी उसने खूबसूरत ना होने की वजह से बहुत दुःख देखे थे। इस लिए उसके बाद ज्यादा तर वो अपने घर में ही रहने लगी। अचानक धीरे धीरे और खूबसूरत दिखने लगी ।उसकी खूबसूरती के चर्चे होने लगी। इधर हमारे क़स्बे से हर महीने एक 1 बच्चा गायब होने लगा था।

फिर किसी ने देखा की एक रात एक बच्चा चिलाते हुए उस घर से बाहर भाग कर आ रहा था ये वही बच्चा था जो 5 दिन पहले गायब हुआ था ।
फिर पता चला की वो औरत काला जादू जानती थी और हर अमावस् की रात खुद को खुबसूरत और जवान रखने के लिए वह एक बच्चे की बलि दिया करती थी।

उसके बाद जब कस्बे वालों को पता चला उस औरत को घर में घुस मार दिया था।

बाद में उसकी आत्मा लोगो को परेशान करने लगीऔर बहुत लोगो ने कस्बे में उसको देखा था।
तब सबने तांत्रिक को बुलाकर उस उस घर में ही कैद करवा दिया था। तब से वही है वो आत्मा ।

और तब से उस घर में कोई नही रहता है।
इतने सालों बाद आप ही यहां रहने आए हो।

अब इसका एक ही इलाज है आप उस तांत्रिक के पास जाएये वही आपके बच्चे को बच्चा सकता है।
वही उस प्रेत आत्मा को वापस बांद सकता है।

ये सब सुनकर साहिल के मम्मी पापा घबरा जाते है
और उस तांत्रिक का पता ले उसके पास चले जाते है।

और उस बाबा को सारी बात बता देते है।
पूरी बात सुनने के बाद बाबा बेटा वो आत्मा बहुत ही सकती शाक्ति शाली है।

हमे जल्दी से कुछ करना होगा वरना बहुत देर हो जाएगी।
हमे उसे वही उसी घर में खत्म करना होगा क्योंकि उस घर में उसके कुछ अंश अभी बाकी है।
जिनकी वजह से वो अभी भी भटक रही है।

बाबा को ले कर वो उसी घर में आ जाते है ।
बाबा घर में आते ही उस आत्मा को महसूस कर लेता है।
और ध्यान लगाता है ।

थोड़ी देर बाद इस आत्मा ने मरने से पहले अपना अंश इस घर में कही छुपा दिया था।
अगर हमे इस आत्मा को ख़त्म करना है तो उससे ढूंढना होगा।

बाबा एक कागज पर कुछ लिख उस कागज को रख देते है। वो कागज हवा में उड़ता हुआ नीचे वाले कमरे के आखिर में दिवार के पास जाता है।
बाबा और सभी जब वहां जाते है और उस दिवार पर लगी पेंटिंग के हटाते है तो उसके पीछे दो ईंटे थोड़ी बाहर की तरफ निकली हुई थी। जब बाबा उस ईट को हाथ लगाने लगते है पास में रखा गुलदस्ता उनके सर पर लगता है जिससे खून आने लगता है।
बाकि सब डर जाते है ।
बाबा अपनी पोटली में से भभूति निकाल खुद पर और बाकि सब पर लगा देते है ।
जिससे वो आत्मा उन्हें छु ना पाए।

जब बाबा ईंट हटाते है तो उस ईंट के पीछे उन्हें एक शीशी मिलती है जिसमे खून होता है जो उस औरत का होता है
और एक लाल साड़ी जिसे पहन वो बच्चों की बलि दिया करती थी।

बाबा उस खून और उस लाल साड़ी को जला उसकी राख को पानी में बहा देता है जिससे उस औरत को मुक्ति मिल जाती है और वो साहिल को छोड़ उससे दूर चली जाती है।

बाबा " अब ये घर उस चुड़ैल और बुरी आत्मा से मुक्त है आप यहां अच्छे से रह सकते हो अब डरने की कोई जरूरत नही है वो यहां से हमेशा हमेशके लिए चली गयी है।


बाबा का धन्यवाद कर साहिल और उसके मम्मी पापा भी उस घर को छोड़ किसी दूसरे घर में चले जाते है।

आज इस बात को 10 साल हो गए है
जब भी अमावस आती है साहिल को वो आत्मा और उसकी बातें याद आ जाती है।
और वो सोचता है अगर बाबा ना होते तो शायद वो ज़िंदा नही होता ।


तो दोस्तों कैसी लगी आपको साहिल और उस आत्मा की ये कहानी जरूर बताए।
""ये कहानी पूर्णतय काल्पनिक है""
धन्यवाद।



From :- Karan Mahich