Takdeer ka khel - 10 in Hindi Fiction Stories by Aarushi Varma books and stories PDF | तक़दीर का खेल - 10

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तक़दीर का खेल - 10

Recap of chapter - 9

तो FSL की टीम से मिलके नील को तो अपना पुराना रूम मेट मिल गया हर्ष। और विक्रम बुलाना चाहता था श्रेया को डिनर पे पर वो कह नहीं पाया। और फिर अब देखते है आगे की विक्रम, नील को किस काम के लिए भेजना चाहता था? 🌻

Let's go 👇🏻👇🏻🌻


कुंज विला

नील और विक्की, विक्की के कमरे की बालकनी में बैठे थे।

नील: भाई पर आप मुझे क्यों भेजना चाहते है?

विक्रम : अरे मेरी इच्छा है के तू जाए और वहा पे हमारी नई जो ब्रांच ओपन हम करने वाले है उसके भूमि पूजन में जाए।

नील: भाई, वहा पर तो आप बड़े पापा या पापा को जाना चाहिए ना? उनके हाथों से भूमि पूजन करवाना चाहिए।

विक्रम : उन्हिको तो बताना नही है, मैने अभी उन्हें इस बारे में नहीं बताया है। उन्हें सब तैयार होने के बाद बताना है। और मुझे तो इस हाल में कोई जाने नही देगा तो तू जाएगा।

नील: अच्छा पर भाई अगर ब्रांच ही खोलनी है तो फिर उसमे सरप्राइज़ क्यों?

विक्रम: अरे क्योंकि इस बार मैने कुछ अलग सोचा है।

नील: क्या?

विक्रम : देख फिलहाल हमारी कंपनी क्या करती है ? एंड्रॉयड, लैपटॉप एंड ऑल इन सब की ही manufacturing का काम करती है। पर इस बार मैंने वहा पर टू विलर के एक ब्रांड की फ्रेंचाइजी ली है और mr Roy को भी ये डील पसंद आई है तो ऐसा कुछ प्लान है।

नील: वाह आप का कॉन्सेप्ट तो अच्छा है।

विक्रम: तो बस तू जा रहा है ना गोवा? कल?

नील: अच्छा है चलो मैं जाऊंगा। पर भाई कल नही जा सकता अभी तो मेने join किया है और अभी से छुट्टी नहीं यार...

विक्रम: हा ठीक है तो परसों जायेगा? Sunday है।

नील: हा। अरे ये ठीक है। पर भाई हम घर में क्या कहेंगे के में क्यों जा रहा हु?

विक्रम : अरे don't worry about it, वो मैं संभाल लूंगा।

नील: ठीक है फिर तो sunday,, Goa is on 😁 ok so भाई गुड नाइट...और हां मैं और निशु दोनो जायेंगे। Ok?

विक्रम : yaa done okay, Very good night छोटे...



*********


सुभा....
आरोही का घर..

(हर्ष घर के बाहर अपनी कार में बैठा आरोही की राह देख रहा है)

हर्ष:(हॉर्न बजा के) अरे चल अभी स्वीटी तेरी फ्लाइट वरना मिस हो जायेगी...

आरोही : अरे हां आ रही हू यार।

(फिर वो घर को लोक कर के फिर आती है फिर दोनो निकलते है एयरपोर्ट के लिए)

******

Mumbai airport

हर्ष: देख स्वीटी ध्यान रख ना ok?

आरोही: हां।

हर्ष : और say hello to uncle from me...

आरोही: ok.

हर्ष: और तूने वो वॉच ले ली है न?

आरोही : हां बाबा...

हर्ष : और हां have a safe journey.

आरोही: और कुछ?

हर्ष : हां (वो आरोही को हग करता है और कहता है) take care...

आरोही: अब में जाऊ?

हर्ष : हां अब तू जा सकती है।

आरोही : thank you..ok so see you two days later Mr Agraval 😁

हर्ष: हां चल बाय।

आरोही : अरे इतना दुखी दुखी बाय क्यों?

हर्ष : यार मुझे भी आना था 🥺तेरे साथ।

आरोही : तो चल ना अभी तो उन सब से भी मिल चुका है तू।

हर्ष : अरे पर राजीव अंकल?

आरोही : अच्छा तुजे कोई खास काम नहीं है न? डिपार्टमेंट का?

हर्ष : नही तो।

आरोही : तो चल अभी राजीव अंकल से में बात कर लूंगी। वैसे भी it's weekend yaar 😁 वो क्या कहते है मोका मौसम ऐसा कुछ

हर्ष : मौका भी है मौसम भी है और दस्तूर भी।

आरोही : हां you got me right..

हर्ष : पर मेरे पास न तो समान है और न ही टिकिट।

आरोही : That's it? This is your problem? Then there is no problem..

हर्ष: क्या? मतलब?

आरोही : कुछ नही टिकिट तो अभी ले लेते है और रही बात सामान की तो सिर्फ दो दिन जाना है तो चल में तुझे गोवा से कपड़े दिला दूंगी, खुश? 😁

हर्ष : तू मुझे शॉपिंग करवाएगी गोवा में? पागल है?

आरोही : हां अभी चल तू यार 30 मिनट में फ्लाइट का टेक ऑफ है और हमे टिकिट भी लेनी है चल।

(आरोही जा रही होती है और हर्ष अभी खड़ा सोच रहा है तो फिर पीछे आके आरोही हर्ष का हाथ पकड़के)

आरोही : अरे चल तेरी इस गहन चिंतन के लिए फ्लाइट में तुझे पूरा वक्त मिलेगा।

फिर वो दोनो ही जाते है।


*********

कुंज विला....
सभी नाश्ता कर रहे थे,

अनिल: अरे लेकिन क्यों सब को जाना है उनके वहा? किसीको भी नही जाना चाहिए।

सावित्री : क्योंकि हम सब का जाना जरूरी है।

भावना : लेकिन भाभी आप भी जानती है की हम दो परिवारों के बीच कोई खास नही बनती।

(तभी नील और विक्की नीचे आते है)

नील: अरे किनसे हमारी नहीं बनती है?

सुरेखा : अरे बेटा हम तुम्हारे बड़े पापा के पुराने दोस्त mr shrinath के परिवार की बात कर रहे है।

विक्की : श्रीनाथ अंकल, ये तो वही है न जिनकी वजह से बड़े पापा को बिजनेस में लॉस हुआ था?

नील: और फिर हमारा उनसे संपर्क विच्छेद हो गया था? 🤣

अनिल : देखो इस लड़के को यहां भी मस्ती सूज रही है।

नील: ok okay continue, sorry पर एक बात कहूं? उस रुट की सारी लाइनें व्यस्त है।😁

विक्की: नील..अब चुप रहेगा तू?

नील: ok ok 😁

विक्की: तो क्या उनकी बात अचानक?

जगदीश : कुछ नही आज कही साल बाद अचानक ही सुभे mr shrinath का कॉल आया और उन्होंने कहा कि उनके बेटे की शादी है और हम सब को जाना है।

अनिल: (वो बोल पड़ता है) और पता नही क्यों पर भाभी कह रही है की हमे सब को गोवा उनके वहा, जाना चाहिए रविवार को। पता नही क्यों ही जाना है?

(ये सुन के नील को खासी आ जाती है नील और विक्की दोनो एक दूसरे की तरफ देखते है और सभी उन दोनो की तरफ)

जगदीश : hello, तुम दोनो को क्या हुआ?

नील: अ😲... मे, अरे,, पापा सही कह रहे है आप सब को i mean हम सब को नहीं जाना चाहिए....

विकी: हा,,😵 हा सही है अब क्या इतने सालो बाद क्यों उन्होंने बुलाया है आप को पता है? बड़ी मां?

सावित्री: शायद उसे अपने किए का अफसोस हो?

विकी : अरे? अरे नही, नहीं वो इसलिए क्योंकि वो जानते है की हमारी वहा ब्रांच...(तभी नील विक्की बोले उस से पहले बोल जाता है)

नील: अ..ब्रांच हमारी जो यहा है...मुंबई में वो बिजनेस World में टॉप पर है तो हमारे साथ बनाए रखने में उनका फायदा है, हैना भाई आप यही कह रहे थे न??

विक्की : हा हा यही....

जगदीश : हां बात तो सही है।


नील, विक्की दोनो साथ में : हां तो हमे नही जाना चाहिए।


अनिल : देखा ये दोनो भी समझ गए।

सावित्री: ठीक है तो,

नील: हां बस तो मैं ही जा रहा हु बाकी कोई नही। (और बोलने के बाद उसे लगता है कि गलत वक्त पर बोल गया और विकी भी उसके सामने देखता है)

सुरेखा : क्या? अभी तो माना किया न तुम दोनो ने ही तो फिर तू? तुझे क्यों जाना है?

विकी: अ, अरे वो वो तो ऐसा कह रहा है की वो जायेगा अभी ऑफिस...

नील: हां हा वही। Ok so I am done with my breakfast, ok so में चलता हु।

सभी: ठीक है बेटा।

विक्की: मैं उसे बाहर सी ऑफ करके आते हूं।

दोनो जाते है बाहर

नील: भाई बार बार बचे😪

विकी: हां यार छोटे....

नील: पर अब मेरा क्या कहेंगे आप?

विकी : मैं तो घर पर ही हूं। You know work from home? 😁 कुछ न कुछ सोच लूंगा।

नील: ok bro see you मैं चलता हूं।





**********


That's it for this chapter 😜


See you in the next one 😁


- Aarushi

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To be continued....🌼🌻