Tum hi to ho - 2 in Hindi Love Stories by Queen of Night books and stories PDF | Tum hi to ho - 2

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

Categories
Share

Tum hi to ho - 2

शुरू करते हैं,

सुबह के 7 बज रहे होगे.
वहीं एक छोटे पर आलीशान दो मंजिल घर मैं
एक लड़का अपनी छत पर कसरत कर रहा था जिसका पूरा शरीर पसीने से भीग चुका था.
उन बिखरे बालों मैं भी वो dashing और handsome लग रहा था.
5'6 हाइट, अच्छी ख़ासी बॉडी, एकदम हीरो टाइप ये हैं हमारे हीरो शुभम सिंघ.
उसने पास रखी अपनी पानी की बॉटल को उठाए और पीने लगा.
फिर वहां से निचे अपने कमरे मैं आया औऱ तैयार होने चला गया कुछ आधे घंटे मैं वो कमरे से बाहर आया व्हाइट शर्ट औऱ ब्लू जीन्स ब्लैक बेल्ट और tie के साथ वो dashing दिख रहा था.
वो रेडी हो उसके पास वाले कमरे आया जहा बिस्तर पर एक प्यारी सी खूबसूरत ल़डकि जो सो रहीं थी वो उसके पास आय़ा और बेड के एक सिरहाने पर बैठ उसके माथे पर हाथ फेरते हुए कहने लगा
बच्चा , उठ जाओ सुबह होगई है आपको कॉलेज भी जाना है लेट हो जायेगा तो ये है उनकी बहन निधि सिंघ.
वो ल़डकि नींद मैं ही बोल उठी, भाई सोने दोना थोड़ी देर प्लीज.
वो लडका बोला, निधि बच्चा उठ जाओ वर्ना मैं आपके उपर पानी डालूंगा फिर मत कहना की मैंने कुछ किया जल्दी उठो
उस ल़डकि ने जैसे ही सुना वो झटके से उठी और बोली नहीं भैया देखो मैं जाग गयी और वहां से भाग तैयार होने चली गयी
वो लडका उसे देख मुस्कराने लगा और फिर नीचे किचन की और चला गया
उसने अपने लिए चाय और निधि के लिए दुध और नास्ता बनाने लगा

वहीं दूसरी और
एक लड़की जो 7 बजे उठ कर तैयार होने चली गयी.
क्रीम कलर की कॉलर की कुरती और ग्रीन कलर कि पॅन्ट पहनी बालों को सलीके से बांधा हुआ था माथे पे चोटी सी बिंदी आखों मैं काजल.
सादगी मैं भी परी लग रहीं थी ....तो ये है सिद्धि राउत हमारी कहानी की हिरोइन
रेडी होकर उसने पुजा की नास्ता और चाय बनाने लगी.
उसकी माँ की तबीयत खराब होने के कारण सारा काम वहीं करती .
नास्ता बनाने के बाद वो कमरे मैं गयी जहा उसकी माँ आराम कर रहीं थीं
उसकी माँ ने उसे देखा तो कहा ,बेटा क्यु कर रहीं है ये सब मैं कर लुंगी .
सिद्धि ने नास्ता टेबल पर रख माँ के पास आयी उसका हाथ पकड़ कर कहा ,
माँ आपने बहुत कुछ किया है बचपन से कोई कमी नहीं करी अब मुझे भी मौका दीजिए अपनी प्यारी सी माँ की सेवा करने का फिर थोडा सख्त होकर वो बोली और ये हमारा हक है तो आप कुछ केह नहीं सकती.
चलिये अब आप नास्ता करिए फिर आपको आपकी दवाई भी तो देनी है देखिये आपके पसन्दीदा पोहा बनाया है खाए और बताये कैसे बने है.
केह उसने अपने हाथों से माँ को खिलाया
माँ ने कहा, बहोत अच्छा फिर
सिद्धि ने कहा, माँ हम सोच रहे थे की जॉब के के लिए अप्लाई कर ले क्युकी अब आप को आराम करना है और आपकी जॉब भी छूट गयी है
माँ ने कहा, सिद्धि आप तो कुछ सुनने से रहीं बस आप अपना ध्यान रखियेगा
सिद्धि ने कहा ,ओके माँ अब हम चलते अब आप आराम कीजिए कुछ भी जरूरत हो फोन करियेगा ओके byy