ziddi ishq - 4 in Hindi Anything by Sabreen FA books and stories PDF | ज़िद्दी इश्क़ - 4

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ज़िद्दी इश्क़ - 4

माहेरा को जब होश आया तो उसने खुद को एक अनजान जगह पाया। वोह जितनी भी बहादुर थी पर अब उसे इस जगह से डर लग रहा था।

कमरे में बिल्कुल अंधेरा था।

अचानक कमरे का दरवाजा खुला और रामिश अंदर आया।

रामिश ने उसे इशारा करके अपने साथ चलने के लिए कहा।

उसका इशारा समझ कर माहेरा जल्दी से खड़ी हुई और उसके पीछे चलने लगी।

बाहर जाते हुए उसे अचानक सोफ़िया का खयाल आया।

"मेरी दोस्त कहा है?" माहेरा ने इटेलियन लैंग्वेज में कहा।

"वोह ठीक है तुम फिक्र मत करो।" रामिश ने मुड़ते हुए उसे जवाब दिया।

"अब मैं अपने दोस्त की फिक्र भी नही कर सकती गधे।" माहेरा ने हिंदी में कहा।

लेकिन रामिश उसके मुंह से खुद के लिए गधा वर्ड सुन कर अपना गुस्सा कंट्रोल कर गया और माज़ के बारे में सोचने लगा कि जब यह लड़की माज़ से बात करेगी तो पता नही क्या होगा।

"क्या कहा तुमने?" रामिश ने इटेलियन में पूछा।

"कुछ नही।" माहेरा ने अपना सिर हिला कर कहा।

रामिश एक कमरे के सामने रुक गया और उसे अंदर आने के लिए कहा।

माहेरा चुप चाप उसके पीछे चली गयी।

"माज़ उस लड़की को होश आ गया है, तुमने कहा था तुम खुद उससे बात करोगे।"

रामिश ने माज़ के पास जा कर धीरे आवाज़ में कहा जो माहेरा की तरफ पीठ करके खड़ा था।

"हम्म।" माज़ ने उसकी तरफ देखते हुए कहा।

उसका इशारा समझ कर रामिश कमरे से बाहर चला गया।

"तुम्हारा नाम क्या है?" माज़ ने उसकी तरफ मुड़ते हुए कहा।

"मेरा नाम माहेरा है।" माहेरा ने उसे देखते हुए कहा।

माज़ ने उसका नाम सुना तो उसके करीब जा कर उसके बाल को खींच कर और गन उसकी गर्दन पर रखते हुए कहा।
"मुझसे दोबारा अब झूठ बोलने की कोशिश भी मत करना, चलो अब जल्दी से अपना असली नाम बताओ।"

"मैं सच कह रही हु मेरा नाम माहेरा है।" माहेरा ने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा।

"तुम्हारा नाम क्या है?" माहेरा जवाब देते ही उससे सवाल पूछा।

"तुम मुझे सर कहोगी।" माज़ ने उसे जवाब देते ही आगे सवाल किया।

"तुमने केफे में क्या देखा?"

"मैं ने तुम्हे मर्डर करते देखा।" माहेरा ने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा जहाँ अब इतनी वहशत और कोल्डनेस नही थी जितनी केफे में थी।

"तुमने क्या देखा?" उसने कोल्ड आवाज़ में दोबारा सवाल किया।

"में तुम्हे मर्डर करते हुए देखा है।" माहेरा ने चिल्ला कर कहा।

माज़ ने दोबारा उसके बालो में हाथ डाला और उसे और ज़ोर से खींचा।

"मुझे तेज़ आवाज़ में बात करने वाले लोग नही पसंद है यह बात याद रखना।" माज़ ने उसका गाल थपथपाते हुए कहा और उसके बालो को छोड़ दिया।

माहेरा ने उसकी आँखों मे देखा लेकिन कोई जवाब नही दिया।

"तुमने केफे में कुछ नही देखा यह बात याद रखना।" माज़ ने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा।

उसकी बात के जवाब में माहेरा ने बस अपना सिर हिला दिया।

उसके बाद माज़ ने उसे जाने का इशारा किया।

"गधे कहि के कैसे भूल जाउंगी की तुमने एक आदमी का मर्डर किया।"

माहेरा ने चेयर से उठते ही हिंदी में कहा जो उसे लगा कि माज़ को समझ नही आया।

उसके मुंह से खुद के लिए गधा सुनकर माज़ गुस्से से लाल पीला हो गया।

वोह तेज़ी से उसके करीब जा कर माहेरा का मुंह दबोचते हुए बोला।

"अगर दोबारा तुम्हारे मुंह से मैं ने अपने लिए यह शब्द सुना तो तुम्हारी ज़ुबान काट कर कुत्तों को खिला दूंगा।"

अपनी बात पूरी करते ही उसने झटके से उसका मुंह छोड़ दिया।

माहेरा जो अभी तक उसके हिंदी बोलने से शॉक में थी उसकी बात सुनकर जल्दी से अपना सिर हाँ में हिलाया।

..................

सोफ़िया को जब होश आया तो उसने खुद को एक खूबसूरत कमरे में पाया, वोह नीले और सिल्वर कलर का कमरा था जिसमे हर चीज़ बेहद महेंगी और खूबसूरती से सजाई गई थी।

उसने आस पास अपनी नज़रे घुमाई सोफे पर रामिश को बैठे देख उसकी चीख निकल गयी।

केफे का सारा वाकिया उसके सामने किसी फिल्म की तरह चलने लगा।

रामिश जो उसे लेटे हुए देख कर यह सोच रहा था कि इस लड़की को उसने पहले कहा देखा है उसकी चीख सुन कर होश में आया।

"ऐ लड़की अपना नाम बताओ?" रामिश ने कोल्ड आवाज़ में कहा।

"स,,,,स,,,,सोफ़िया।" सोफ़िया ने जल्दी से खुद को कंट्रोल करते हुए उसे जवाब दिया।

"हम्म, मेरी बात ध्यान से सुनो तुमने केफे में जो कुछ भी देखा अगर उसके बारे में तुमने या तुम्हरी उस दोस्त ने पुलिस या किसी और को बताने की कोशिश की तो हम तुम्हे ऐसा गायब करेंगे जैसे तुम दोनों कभी इस दुनिया मे थे ही नही।"

रामिश ने उसके चेहरे पर झूठे एक्सप्रेशन न पा कर कोल्ड आवाज़ में कहा।

उसकी आवाज़ सुनकर सोफ़िया डर से कांप ने लगी।

"मैं और माहेरा हम किसी को कुछ नही बताएंगे........प्लीज हमे जाने दो.......माहेरा कहा है वोह ठीक तो है?"

सोफ़िया ने अटकते हुए उसे जवाब दिया और माहेरा के बारे में याद आने पर अचानक पूछा।

"वोह ठीक है, हम तुम दोनों को अभी छोड़ रहे है लेकिन अगर यह बात किसी को पता चली तो तुम्हे और तुम्हरी दोस्त को हमारे कहर से कोई नही बचा पायेगा।"

रामिश ने उसे एक बार फिर धमकी देते हुए कहा।

उसी बात सुनकर कर सोफ़िया ने जल्दी से अपनी गर्दन हाँ में होलाई।

"तुम्हारा नाम क्या है?" सोफ़िया ने डरते हुए पूछा।

"मेरा नाम जानना तुम्हारे लिए ज़रूरी नही है।" रामिश ने उसे जवाब दिया और कमरे से बाहर निकल कर उसे चलने के लिए कहा।

सोफ़िया तेज़ी से उसके पीछे चलने लगी।

एक कमरे के पास पहोंचा कर रामिश ने दरवाज़ा नॉक किया और अंदर चला गया।

महेरा जो अभी भी उसके हिंदी बोलने पर शॉक में थी।

क्योंकि वोह देखने मे इटेलियन लगता था और कहि से भी ऐसा नही लगता था की वोह एक इंडियन है।

अभी वोह अपनी सोचो में गुम थी कि रामिश सोफ़िया के साथ अंदर आया और उसे चलने के लिए कहा।

जबकि माज़ उसकी तरफ पीठ करके खड़ा था।

सोफ़िया को सही सलामत देख कर माहेरा जल्दी से उसके पास गई और उसके गले लग गयी।

"अगर यह जगह इतनी ही पसंद आ गयी है तो बता दो तुम दोनों का रहने का इंतेज़ाम यही कर देता हूं नही तो फिर जल्दी चलो।"

रामिश उन्हें एक दूसरे के गले लगे देख कर चिढ़ कर बोला।

रामिश की बात सुनकर वोह दोनो जल्दी से अलग हुई और रामिश क पीछे चलने लगी।

...........

एक घण्टे बाद रामिश उन दोनों को छोड़ कर वापस माज़ के पास आया।

"माज़ उन्हें केफे के करीब ही उतार दिया है और आखिरी बार उन्हें वार्निंग भी देदी है, और सारी वीडियो फोटज भी मैं ने डिलीट करवा दी है।"

रामिश ने अपनी बात पूरी की और माज़ कि तरफ देखा जो उसे ही देख रहा था।

"क्या हुआ?" माज़ ने उसके परेशान चेहरे को देखे हुए कहा।

"मुझे लगता है मैं ने उस लड़की सोफ़िया को कहि देखा है लेकिन मुझे याद नही आ रहा है मैं ने उसे कहा देखा है।"

"तुमने उस लड़की को किसी होटल में देखा होगा, अगर तुम्हें उस पर शक है तो उसका बैकग्राउंड चेक करवालो फिर देखते है वोह कौन है और तुमने लुएक को डेरिक के बॉडी का गिफ्ट भेजवा दिया है।"

माज़ ने उसकी परेशानी का हल बताते हुए लुएक के बारे में पूछा।

"हम्म तुम ठीक कह रहे हो असल बैकग्राउंड चेक करवाता हु। "
"हाँ अब तक तो लुएक को उसका गिफ्ट मिल चुका होगा।"

रामिश ने उसे जवाब दिया।

"ठीक है अपने आदमियों से कहो जैक की शिपमेंट पर हमला करके उसे मेरे पास लाये।"

माज़ ने अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए कहा।

"अच्छा ठीक है मैं देखता हूं, फिर मिलते है।"
रामिश कहते हुए वहां से चला गया।

पिछले दो साल से उन्होमे उस आदमी को ढूंढने की बहोत कोशिश की जिसने उसके खिलाफ अल्बर्टो को सबूत दिए थे लेकिन वोह ऐसा गायब हो गया जैसे कभी इस दुनिया मे था ही नही।

.............

"हाये,,,,माहेरा शुक्र है हम बच गए, देखो मेरे हाथ अभी भी कांप रहे है।"

सोफ़िया ने अपने कंपते हुए हाथो को दिखाते हुए माहेरा से कहा।

"हु।" माहेरा ने बेड पर लेटते हुए बस इतना ही कहा।

"अच्छा महेरा डैड को किसी काम की वजह से शहर से बाहर जाना है इसीलिए आज मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी।"

सोफ़िया ने याद आने पर माहेरा से कहा।

"अच्छा हुआ, वैसे भी मैं आज अकेली नही रहना चाहती थी, मुझे तो बार बार उस आदमी की आंखे याद आ रही है कितनी दहशत थी उसकी आँखों मे।" महेरा ने खुश होते हुए कहा।

"अच्छा हुआ उन्होंने हमें छोड़ दिया, वरना यह गैंग वाले किसी को नही छोड़ते है।" सोफ़िया ने हैरान हो कर कहा।

"मुझे भूख लगी तुम भी कुछ खाओगी?" माहेरा ने बेड से उठते हुए उसकी बात काटते हुए कहा।

"हाँ।" सोफ़िया ने कहा।

"ठीक है फिर मैं पिज़्ज़ा आर्डर कर देती हूं।"

माहेरा ने अपने फ़ोन में देखते हुए कहा।

"तुम आर्डर करो मैं फ्रेश हो कर आती हु।" सोफ़िया ने सोफे से उठते हुए कहा।

"हम्म ठीक है तुम जल्दी से फ्रेश हो जाओ।" माहेरा ने उसे देखते हुए कहा।

..............

एक आलीशान से कमरे में एक आदमी खिड़की के पास खड़ा बाहर की ओर देख रहा था।

कमरे में बिल्कुल शांति थी।

उस शांति को दरवाज़े पर होने वाली नॉक ने तोड़ा।

"अंदर आ जाओ।" वो आदमी अपनी कड़क आवाज़ में बोला।

एक आदमी अंदर आया और दरवाज़ा लॉक करके उस आदमी के पास गया जो अभी भी खिड़की की तरफ मुंह करके खड़ा था।

बॉस.......माज़ को हमारे बारे में अभी कुछ भी पता नही चला है, जबकि अल्बर्टो को मारने के बाद से ही अंडरवर्ड में उसकी दहशत और बढ़ गयी। आज कल खबर मिलाई है कि वोह जैक की गैंग को खत्म करने की कोशिश कर रहा है, उसने ज़बरदस्ती उसकी शिपमेंट भी हासिल कर ली है।

उस आदमी ने सिर झुकाए हुए कहा।

"हम्म मैं उसे तड़पा तड़पा कर मरना चाहता हु तभी तो मैं ने उसकी माँ को मरवाया था और इल्ज़ाम किस पर लगा उस बेवकूफ अल्बर्टो पर.....अभी हम उसे कुछ नही करेंगे पहले उसे दूसरी गैंग से लड़ने दो जब उसे लगेगा उसका कोई दुश्मन नही बचा तब हम उस पर हमला करेंगे। तब तक के लिए थोड़ा सा इंतेज़ार करो।"

उस आदमी ने हस्ते हुए कहा।

.........

"माज़ हमारे आदमियों ने जैक की शिपमेंट को अपने कब्जे में ले लिया है और माल इस वक़्त बेसमेंट में है सारे हथिया बिल्कुल नए है क्या तुम देखना चाहोगे।"

रामिश ने अपने फ़ोन में देखते हुए कहा।
उस अभी ही जैकसन का मैसेज आया था जिसने उसे मिशन कम्पलीट होने के बारे मे बताया था।

"हम्म ठीक है... रहने दो मैं बाद में देख लुंगा और लुएक कि तरफ से कोई खबर आई। उसकी तरफ से शांति मुझे किसी तूफान के आने का संकेत दे रही है। अपने आदमियों को हाइ अलर्ट पर लगा दो, मैं चाहता हु पहले वोह हम पर हमला कर फिर इस मौके का फायदा उठा कर हम उसका सफाया कर दे। जिससे कभी किसी को हम पर उंगली उठाने से पहले दस बार सोचना पड़े।"

माज़ ने सिगरेट का कश लेते हुए कहा।

"तुम ठीक कह रहे हो मुझे भी ऐसा ही लगता है। मैं तो उसका ऐसा हशर करूँगा की दोबारा कोई हमें डबल क्रोस करने की हिम्मत न करे।"

रामिश ने अपनी सिगरेट सुलगाते हुए कहा।

..........

केफे वाले हादसे को गुज़रे एक हफ्ता हो गया था। उस दिन के बाद से उन लोगो ने माहेरा और सोफ़िया से कोई कांटेक्ट नही किया था और ना ही उन्हें कोई नुकसान पहुचाया था।

वो दोनों अब उस बात को भूल कर आगे बढ़ गयी थी।

लेकिन उनको यह नही पता था यह सुकून उनकी ज़िंदगी मे बस कुछ ही पल के लिए रहेगा।

कहानी जारी है..............