Hudson tat ka aira gaira - 17 in Hindi Fiction Stories by Prabodh Kumar Govil books and stories PDF | हडसन तट का ऐरा गैरा - 17

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हडसन तट का ऐरा गैरा - 17

लोग कहते हैं कि इंसान सोचता कुछ है और होता कुछ और है। लेकिन सिर्फ़ इंसान ही क्यों, इन परिंदों के साथ भी तो ऐसा ही हुआ।
और तो और, सपनों में डूबे डॉगी तथा ख्याली पुलाव पकाती कैटी के प्लान पर भी पानी फिर गया। सबकी शादी रुक गई।
हुआ यूं कि एक सुबह अपने- अपने घर से निकल कर ये सारी मित्र मंडली बाहर खुली हवा और गमकती धूप में आई ही थी कि सभी ने हडसन तट पर बड़े - बड़े रंग- बिरंगे पोस्टर लगे देखे।
झटपट सब पोस्टरों की ओर दौड़े कि देखें, इनमें क्या लिखा है!
ओ हो, लेकिन ये तो सौतेला व्यवहार निकला। किसी ने इन परिंदों और चौपायों की बस्ती में पोस्टर चिपकाते हुए ये भी नहीं सोचा कि ये जीव बेचारे इन पोस्टरों को पढ़ेंगे कैसे?
ऐश, रॉकी, डॉगी, कैटी और उनके दूसरे दोस्त एक बड़े से पोस्टर को घेर कर बैठ गए। उन्हें इंतज़ार था कि कोई न कोई पढ़ा - लिखा इंसान वहां आयेगा और उन्हें बताएगा कि इस पोस्टर में लिखा क्या है?
लेकिन तभी उनकी समस्या ख़ुद- ब- ख़ुद हल हो गई। पास के एक स्विमिंग पूल में नहाता हुआ एक लड़का ठंडे पानी से बचने के लिए पूल के किनारे आ बैठा और कुछ दूर लगे हुए उस पोस्टर को ज़ोर - ज़ोर से पढ़ने लगा।
"सुनिए सुनिए... आने वाले वैलेंटाइन दिवस पर हडसन तट का सबसे खूबसूरत, सबसे प्यारा, सबसे शानदार जोड़ा चुना जायेगा। ऐसा प्रेमीयुगल जो एक दूसरे के लिए ही बना हो, एक दूसरे पर मरता हो, एक दूसरे के दिल से दिल तक जिसकी पहुंच हो।"
इतना बोलकर वह लड़का ज़ोर - ज़ोर से हंसने लगा।

उस अकेले बैठे लड़के को इस तरह हंसता हुआ देख कर वहां कई लड़के- लड़कियां इकट्ठे हो गए। उस पोस्टर को पढ़ कर सबको समझ में आया कि लड़का क्यों हंस रहा है! क्योंकि उस पोस्टर में नीचे लिखा था- "जरूरी नहीं कि इस प्रेमी जोड़े में केवल युवक और युवती ही हों। ये जोड़ी किन्हीं भी दो जीवित जिस्मों की हो सकती है"


नीचे अलग - अलग गोलों में कुछ फ़ोटो बने हुए थे - एक लड़का- लड़की, एक बूढ़ा- बुढ़िया, एक युवती और बूढ़ा, एक प्रौढ़ा और नवयुवक, दो युवक, दो युवतियां, एक इंसान और एक परिंदा, एक श्वान और लड़की, एक परिंदा और एक चौपाया, एक मछली और एक युवक, एक खरगोश और एक युवती... इन्हीं चित्रों को देख- देख कर वो युवा लोग हंस रहे थे।
लेकिन ऐश और उसकी मित्र- मंडली को ये सब सुनकर ख़ूब मज़ा आया।
सब आपस में चर्चा करने लगे - लो, अपना हडसन तट अब प्यार करने वालों से गुलज़ार हो जायेगा। यहां प्यार ही प्यार फैल जाएगा।
रॉकी और ऐश ने अपनी - अपनी शादी का प्लान कैंसिल कर दिया। वो इस मौके को छोड़ना नहीं चाहते थे। उन्हें पूरा यकीन था कि इस अवसर पर दिए जाने वाले बड़े ईनाम से सारे शहर में जीतने वाले का ख़ूब नाम हो जायेगा। हीरो या हीरोइन बन जाएंगे वो।
लेकिन एक समस्या अब भी थी।
इन लोगों ने इतनी बड़ी स्पर्धा की घोषणा कर तो दी पर ये नहीं सोचा कि इनका चयन होगा कैसे???
पता कैसे चलेगा कि आप अपने साथी से कितना प्यार करते हैं? प्यार कैसे मापा जाएगा?
हो सकता है कि कोई सजीला खूबसूरत लड़का अपने साथ कोई सजीली सुंदर सोन मछली को ले तो आए, पर प्रतियोगिता जीतने के बाद शाम को ही उसे पका कर खा डाले।
- सच है। इन आयोजकों को बताना तो चाहिए कि वो प्यार को नापेंगे कैसे?
चर्चा छिड़ गई। उधर लड़के- लड़कियां और दूसरे इंसान बहस पर उतर आए और इधर जीव- जंतुओं में भी हलचल शुरू हो गई।
सबका असमंजस एक ही बात को लेकर था कि आखिर प्यार है क्या? ये किसी को दिखेगा कैसे? कोई कैसे आंकेगा कि दो जीवित जिस्मों के बीच कितना प्यार या आकर्षण है!
- अरे, कुत्ता अगर भूखा होगा तो किसी के भी सामने दुम हिलाएगा ही। ये प्यार तो नहीं है। हो सकता है कि पेट भरने के बाद वह अपने खाना देने वाले को ही काट ले।
- बिल्कुल, बिल्ली अगर किसी बात से डरी हुई हो तो दूसरे से चिपक ही जायेगी। क्या इसे प्यार माना जाए?
- साथ रहने वाले लड़का- लड़की भी कभी आपस में लड़ते - झगड़ते ही हैं। केवल स्टेज पर अच्छे कपड़े पहन कर एक दूसरे को प्यार से चूम लेने से क्या होता है? ये प्यार का दिखावा भी तो हो सकता है। ये प्यार ही हो, ऐसा कौन तय करेगा।
हडसन तट पर बहस - मुबाहिसों का माहौल ही बन गया। तितली- मछली से लेकर बॉडी - बिल्डर पहलवान तक एक ही चर्चा!