…Now on ………
….…in collage ……….
आदित्य : अदि ….ध्यान से जाना ……मुझे आने में लेट नही. होगा....!
अदिति : ok भैय्या... वैसे विवेक मुझे drop कर देगा ……!
आदित्य : ठीक है....!
आदित्य चला जाता है....
अदिति : Hy ...shruti ....!
श्रुति : hy ! कहां चली गई थी इतने दिन ……!
अदिति : अरे ..यार ... मां से मिलने गये थे....!
श्रुति : कहां ....?
अदिति : पैहरगढ़.....सब कहां हैं...?
श्रुति : सब कैंटिन में है... मैं भी वही जा रही हूं... चल ..!
दोनों कैंटिन में पहुंचती है ………
अदिति विवेक की आंखें बंद कर देती है.....
श्रुति : बताओ कौन ....?
अदिति : हां ....(हल्के से हंसती है)...!
विवेक : और कौन हो सकता है...my sweet heart...!
अदिति : कौन sweet heart...?
विवेक : एक ही तो मेरी जान ....!
अदिति : पहेलियां बंद करो विवेक.....(होठ दबाकर हंसती है)....!
विवेक : ओह (हंसकर)... मेरी अदिति है......!
अदिति आंखों पर से हाथ हटा देती है... विवेक उसे गले लगा लेता है......
अदिति : पहचान लिया मुझे...!
विवेक : तुम्हें क्यूं नहीं पहचानूंगा.....!
अदिति : विवेक हद है तुम्हारी भी ....120 काॅल इतनी काॅल कौन करता है..…!
विवेक : तुम्हारी हद नही है ..बिना बताए कौन जाता है....!
अदिति : क्या बताऊं... तुम्हें मैं बहुत excited थी जाने के लिए तो बता नही पायी....!
कविता : कहां गई थी अदिति....?
अदिति : पांच साल बाद मां का letter आया था.. मां ने बुलाया ..मैं उनसे मिलने के लिए exide थी इसलिए वो night packing में चली गई और next morning हम चले गए....sorry बताने का time नही. मिला ....!
कंचन : letter....अदिति ...तुम्हारी मम्मा के पास phone नही है......!
अदिति : नही ऐसी बात नही है , वहां network problem है..... इसलिए मां letter send करती है....हम भी अपना phone घर ही छोड़कर गये थे....!
कंचन : अच्छा ………!
विवेक : अदिति ...Aunty तुमसे दूर क्यूं रहती है ……!
अदिति : I don't know विवेक.....मैने मां से कहा था हमारे साथ चलो पर मां ने मना कर दिया... क्या reason है मुझे भी नही पता …….!
विवेक : तुम्हें अच्छा लगा वहां.....!
अदिति : हां (उसकी आंखों के सामने गांव की घटनाएं सामने आती है )....!
विवेक : अदिति (चुटकी बजाता है)...!
अदिति : हां....!
विवेक : कहां खो गई....?
अदिति : कुछ नहीं.....!
विवेक : कुछ incident create हो गया था क्या वहां....?
अदिति : अ ..कुछ नही.... तुम बताओ...!
श्रुति : अदिति तेरे village का नाम बड़ा अजीब है. ……!
हितेन : क्या नाम है....?
श्रुति : पता नही पैरह..
अदिति : पैहरगढ़.....I know बहुत अजीब है... पर नाम से क्या होता है....!
विवेक : हां....!
कंचन : चलो क्लास का time हो गया ......!
अदिति : हां चलो ……!
हितेन : guys ...class off होने के बाद यही मिलेंगे.....!
All : ok ....!
विवेक की class पहले खत्म हो गई थी इसलिए वो पहले है कैंटिन में चला गया था... इसे बाद श्रुति और अदिति पहुंचती हैं....
श्रुति : विवेक ..आज तुम पहले....!
विवेक : हां ....आज class जल्दी off हो गई थी...(विवेक अदिति को message करता है..)..अदिति तुम्हारे phone पर message आया है देखो....!
अदिति message पढ़ती है ...
( In message : my sweet heart.. looking fairy ...please give me one kiss)
अदिति प्यारे गुस्से से विवेक को देखती है...विवेक भी शरारती नजरों से अदिति को देखता है..
श्रुति : क्या है अदिति ....?
अदिति : कुछ नहीं ..ये विवेक पागल है....!
विवेक : हां ...!
श्रुति दोनों को देखकर मुस्कुरा देती है.....कंचन और हितेन आते है...
हितेन : और भई हो गई बातें....!
श्रुति : हां... चलो कुछ snacks हो जाए ....!
कंचन : हां भुक्कड़....!
श्रुति तिरछी नजरों से कंचन को घूरती है....
चारो हंस जाते है ....
अदिति : विवेक... घर drop कर दोगे मुझे.....(विवेक गुस्से में अदिति को देखता है..)... क्या हुआ...?
विवेक : तुम्हें पुछने की जरुरत है.....!
अदिति हंस जाती है....!
After snacks.....
श्रुति : ok guys ...see u tomorrow... Bye...!
अदिति : ok bye....!
विवेक : हम भी चलते है.....!
अदिति : हां...!
*************
अदिति : विवेक ...कहां ले जा रहे हो ...?
विवेक : तुम चुप नही रह सकती..!
अदिति : विवेक ...रुको भाई का call ...!
विवेक : ओहो ...
अदिति : हां.. भैय्या..!
आदित्य : अदि college off हो गया...!
अदिति : हां भैय्या... क्या हुआ....?
आदित्य : अदि बबिता का call आया था.. वो कुछ घबराई सी लग रही थी.. पता नही क्या हुआ हैं , मैं उसकी पूरी बात नही सुन पाया...कही तक्ष को कोई परेशानी तो नही है..
अदिति : भाई ! उन्होने मुझे call नही किया....!
आदित्य : हां मैंने मना किया था...!
अदिति : अच्छा... मैं जाती हूं....!
आदित्य : हां मैं भी आधे एक घंटे में पहुंच जाऊंगा...!
अदिति : ok भाई.....विवेक.. (टोकते हुऐ)..
विवेक : हां पता ..भाई का call आया है घर जाना जरुरी है.. यही न...!
अदिति : हां.. वि
विवेक : चल रहे हैं.. (Rudely )...!
अदिति : तुम तो नाराज हो गये....!
कुछ नहीं बोलता....
विवेक : लो पहुंंच गये....!
अदिति : विवेक ..sorry..!
No reply.....
विवेक : जाओ..... ( bike start करके चला जाता है....)
अदिति मायुस सी अंदर जाती हैं.... अंदर जाते ही हैरान रह जाती हैं.....
अदिति : ताई क्या हुआ....?... इस तरह घबराई हुई क्यूं बैठी हो.....!
बबिता : अदिति दी. अच्छा हुआ आप आ गई... वो आपके मेहमान...को पता नही क्या हो गया...?
अदिति : क्या हुआ तक्ष को....?
बबिता : आप खुद देख लो....!
अदिति तक्ष के कमरे की तरफ बढ़ती है.... देखते ही घबरा जाती हैं....
अदिति : तक्ष ....ये क्या खुन खुन कर रखा है (लम्बी लम्बी सांसे लेने लगती है...)... तक्ष उठो...!
तक्ष : कौन है...?.... तुम मुझे मार दोगे.....!
अदिति : तक्ष कौन मार देगा तुम्हें.... ये क्या किया ..सब जगह कांच क्यूं फैला रखा है...!
तक्ष : वो मुझे मार देगा....!
अदिति : पर कौन तुम्हें मार देगा...?
तक्ष : वो अमोघनाथ.... अदिति बचा लो मुझे....!
अदिति : तक्ष शांत हो जाओ कोई नहीं यहां पर... और वो अमोघनाथ यहां नही आ सकता... उठो...ताई first aid box लेकर आओ .....तक्ष शांत हो जाओ... तुम न हाथ में ही कांच मार लिया...(.in phone) ...भैय्या जल्दी आओ ...तक्ष की तबीयत ठीक नही है....तक्ष हिलो नही तुम्हारे हाथ से कांच का टुकड़ा निकालने दो....!
अदिति जैसे कांच के टुकड़े को निकालती है ..तक्ष जानबूझ कर हाथ को हिला देता है.. जिसके कारण कांच का नुकिला हिस्से अदिति की हथेली को काट देता है.... अदिति दर्द से चिल्ला जाती....
अदिति : तक्ष हिलना बंद करो....!
तक्ष : मुझे माफ कर दीजिए....
अदिति के हाथ से बह रहे खुन को तक्ष अपने होठो से लगा लेता है....
अदिति : ये क्या कर रहे हो तक्ष ...खुन नही पीना चाहिए...!
तक्ष : मुझे माफ करना मेरे कारण आपको परेशानी हुई... मैंने मां से सुना था अगर बहते खुन को जल्दी रोकना है तो पी लेना चाहिए....!
अदिति : तुम अभी भी बच्चों कि तरह सोचते हो ...(तभी आदित्य आता है)...
आदित्य : अदि....!
…….to be continued ………