Monster the risky love - 6 in Hindi Horror Stories by Pooja Singh books and stories PDF | दानव द रिस्की लव - 6

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दानव द रिस्की लव - 6

अदिति : भैय्या फिर तो मां भी उसके डर से free हो जाएंगी..!

आदित्य : हां अदि....!

तक्ष : आप दोनों शहर में अकेले रहते है....!

आदित्य : हां...!

तक्ष : अच्छी बात है मैं अपना काम बिना डरे कर सकता हूं.. (मन में)....!

अदिति : क्या सोच रहे हो तक्ष ...!

तक्ष : कुछ नहीं...!

अदिति : तक्ष हम तुम्हारा साथ देंगे...क्यूं भैय्या....!

आदित्य : हां अदि....! (मन में.).. पता नही मुझे इस पर भरोसा क्यूं नहीं हो रहा है.. अदि तू इसका साथ तो दे रही हैं पर तेरी मासुमियत का ये गलत फायदा न उठा ले... मुझे डर है पर मैं तुझे कुछ नहीं होने दूंगा....!

तक्ष : (मन में)...इसे अभी भी मुझ-पर शक है ..इसे तो मैं अपने हिसाब से नहीं चला सकता... पर अदिति को कर लूंगा अपने वश में बस एक बार इसका विश्वास जीत लूं ..!

अदिति : भैय्या क्या सोच रहे हो हम पहुंंच तो गये....!

आदित्य : हां अदि....!

अदिति : क्या हुआ भैय्या...?

आदित्य : कुछ नहीं अदि.. वही कल से आॅफिस जाना है....!

अदिति : हां भैय्या मुझे भी तो काॅलेज जाना है...!

आदित्य : हां चल उतर अब ....!

Door bell ring ..

अदिति : तक्ष चलो ....!

तक्ष : हां ...!

आदित्य : बबिता....ऊपर वाला Room साफ कर दो ये हमारा मेहमान है ...ये वही रहेगा...!

बबिता : जी ...रुको अदिति दी मैं आपका सामान ले जाऊंगी...!

अदिति : thanks ... ..भैय्या मैं जा रही हो सोने ..!

आदित्य : रुक ... अदि तू भूल तक्ष को चोट लगी है ..!

अदिति : अरे हां भैय्या मैं तो भूल गई ...ताई first aid box दो ....!

बबिता : अभी लाई ....!

बबिता first aid box लाती है... अदिति तक्ष के माथे और हाथ पर bandages करती है...

अदिति : तक्ष तुम जल्दी ठीक हो जाओगे... और इसे अपना ही घर समझना....!

आदित्य : हां ज़रूर.... जाओ अदि अब सो जाओ कल काॅलेज जाना है तुझे... तक्ष तुम भी सो जाओ... जब तक ऊपर का Room सही होता है तब तक तुम guest room में सो जाओ बबिता इसे रुम दिखा दो ....किसी चीज की जरुरत हो तो बबिता से कह देना.....!

तक्ष : ठीक है....!

.....अदिति का रुम.....

अदिति : इतनी call ये विवेक भी न ...अब call करुंगी तो सो गया होगा.... कल ही बात करती हूं....!

………अगले दिन …………

आदित्य : बबिता ...अदि उठ गई क्या....?

बबिता : अभी नही.. ……!

आदित्य : अच्छा ठीक है तुम breakfast लगाओ मैं उसे उठाता हूं.. ……!

बबिता : जी ………!

आदित्य : तक्ष तुम उठ गये ....अब कैसा लग रहा है..!

तक्ष : हां अब ठीक लग रहा है.. आप कहां जा रहे हैं....!

आदित्य : तुम मुझे मेरे नाम से बुला सकते हो.... वैसे अदि को उठाने जा रहा हूं उसके बाद आॅफिस जाऊंगा... तुम जाओ नाश्ता कर लो.....!

तक्ष : हां....!

………अदिति का कमरा ………
आदित्य : अदि.......ये लड़की भी न सारे हाथी घोड़े बेचकर सोती है ….…अदि (चिल्लाता है पर अदिति नही उठती )..... ओहो ...!

अदिति : क्या हुआ भैय्या....?

आदित्य : oo madam come on wake ....!

अदिति : थोड़ी देर और न भैय्या ...अभी उठ जाऊंगी...!

आदित्य : नही अदि कोई बहाना नही जल्दी उठो...देखो आठ बज गये है.... मुझे आॅफिस जाना है , तुझे काॅलेज नही जाना क्या.....!

अदिति : हां जाना है.... चलो मैं fresh होकर आती हूं ....!

आदित्य : ये हुई good girl वाली बात (दोनों हाथो से अदिति के सिर को पकड़कर माथे को चुमता है..).. चल जल्दी आ जा....!

अदिति : हां भैय्या....!

अदिति fresh होकर dinning table पर जाती है..

……… Dinning table ………

आदित्य : अदि.. मैं तुझे काॅलेज drop कर दुंगा ....!

अदिति : ok भैय्या....... ताई तुमने फिर से आलू fry बना दिया... तुम्हें पता है ये मुझे बिल्कुल पसंद नही. ……!

आदित्य : you know i like it ....!

अदिति : I know but daily daily ………!

बबिता : अरे दीदी आपके लिए ……ये सफड.(अदिति टोकती है).....

अदिति : stuffed apple.....!

बबिता : हां ...!

अदिति : thnx.……!

तक्ष : आप यही सब खाते है ………!

आदिराज : हां ……तुम क्या खाओगे बताओ ………!

तक्ष : अ अ कुछ नहीं ……यही खा लूंगा ….(मेरा खाना तो तुम क्या दोगे……)……मैं आपको किसी से मिलवाना चाहता हूं , डरना मत ………!

आदित्य : क्या ………?

तक्ष : ये मेरा तोता है ……उबांक ……!

अदिति : तो इसमें डरने कि क्या बात है ……!

तक्ष : ये बोल सकता है ……!

अदिति : ये बोल सकता है... बुलवाओ.....!

तक्ष : हां .....उबांक ...अदिति बोलो ……!

उबांक : अदिति आप कैसे हो....!

अदिति : wow nice...!

आदित्य : अदि जल्दी नाश्ता करो देर हो रही हैं …!

अदिति : हां ..!

तक्ष : (मन में) ……उबांक बहुत कमजोरी महसूस हो रही हैं.. एक बार के खुन से कुछ नहीं होता ……!

उबांक : दानव राज मैं तो असली रुप में नहीं हूं कैसे इस बार काटू ….!

तक्ष : उबांक देख उस गिलास को गिरा दे ……!

उबांक : इससे क्या होगा....!

तक्ष : तू ऐसा ही कर …….!

उबांक : ठीक है....!

इन दोनों कि बातें आदित्य अदिति को पता नही चली ….उबांक उड़कर table पर गिलास गिरा देता है , गिलास स्टेंड के चाकू, चम्मच सीधा अदिति के पास गिरते हैं.... अदिति चाकू उठाती है वैसे ही उसकी उंगली पर हल्का सा कट जाता है....

तक्ष : ओह आपके चोट लग गई ……(ये खुन की बूंद तक्ष अपने हाथ में ले लेता है......)...!

अदिति : कोई बात नही....!

आदित्य : बबिता ..bandage दो ….!

अदिति : भैय्या ....ठीक हो जाएगा.....!

आदित्य : बबिता आगे से table पर ये stand मत रखना....!

बबिता : जी मालिक …….!

आदित्य अदिति के bandage लगाता है.....

आदित्य : अदि.. चल …….!

अदिति : हां भैय्या …….!

इस घटना को दोनों ने serious नही लिया...

आदित्य : तक्ष किसी चीज की जरुरत हो तो बबिता से कह देना.....बबिता इसका ध्यान रखना.....!

बबिता : जी....!

आदित्य : चल अदि ………!

दोनों चले जाते है.....

उबांक : आपका उपाये कारगर रहा दानव राज....!

तक्ष : हां उबांक ....सिर्फ एक बूंद तो मिला.....अभी तो बहुत कुछ बाकि है उबांक.....!

उबांक : आप क्या करेंगे दानव राज....!

तक्ष : देखते जाओ.....!