a love letter that makes you beat in Hindi Comedy stories by Megha Rathi books and stories PDF | एक लव लैटर जो धड़कन बढ़ा दे

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एक लव लैटर जो धड़कन बढ़ा दे

एक लव लैटर, जो धड़कन बढ़ा दे

सुनो न मेरी ओरिजनल पत्नी,
कितने दिनों से नाराज हो तुम... अभी जाने कब तक रहने का इरादा है तुम्हारा,ये तुमको ही पता होगा लेकिन हमसे अब यह नाराजगी सहन नहीं होती। कब तक हम खुद ही खाना बनाए दोनो टाइम और तुमको भी खिलाएं ऊपर से तुम्हारे ताने भी सुनें कि दाल कच्ची है, रोटी जली है, नमक तेज है मीठा कम है... अरे कुछ तो है न पर नहीं... फिर रसोई गंदी देखकर अलग भाषण चालू हो जाता है तुम्हारा!
अच्छा – अच्छा याद आ गया हमको तुमको मनाने के लिए लेटरवा लिख रहे हैं और गुस्साने को नहीं तो हम एक गिलास ठंडा पानी पी कर फिर से लिख रहे हैं।
वैसे तुम गुस्सा किस बात पे थीं? ... याद आया, उस दिन टीवी पर फिल्म देखते हुए जिसमे गाना था– कबूतर जा जा जा! तुम नाराज हो गई कि हम तुमको काहे नहीं मना कर चिठिया नहीं लिखते। अरे पगली, पुरानी फिल्म थी वो, तब मोबाइल का जमाना नहीं था हालांकि टाइम तो कबूतर को पोस्टमैन बनाने का भी नहीं था पर ये फिल्म वाले कुछ भी कर के फिर है जैसे दीन हीन पतियों के लिए मुसीबत कर देते हैं।
अब शादी के पूरे दो महीने बाद हम तुम्हारी क्या तारीफ करें पर नहीं तुमको तो चाहिए ही ,पार्लर में पैसे लगे हमारे और तारीफ करें हम तुम्हारी!... जे का बात हुई!
पर अभी तो करबे पड़ी, नहीं दिल से करेंगे तुम्हारी तारीफ, "व्हाट्स अप के इनबॉक्स को कागज समझ लेना ,
जो समझ में न आए गूगल पे सर्च कर लेना।"
तुमसे इतना प्यार करते है कि जब भी तुम्हारी ये मोटी– मोटी बड़ी –बड़ी आंखो को गौर से देखते हैं तो कसम से डर ही जाते हैं। तुम्हारी गहरी आंखों में जो कीचड़ है वह अब दलदल बन चुका है और मैं उस दलदल में बहुत गहराई तक डूब चुका हूं, मैं जितनी कोशिश करता हूं निकलने की इन आंखों की दलदल में उतना ही ज्यादा धंसता जाता हूं।
तुम्हारी नाक ...मुझे एक तोते की तरह लगती है , जब तुम नाक चढ़ाती हो तो लगता है कि तोता गर्दन मटका रहा हो, मेरा दिल करता है कि इस तोते को अपने दिल के पिंजड़े में कैद कर लूं लेकिन तुम्हारी नाक इतनी तीखी है कि पिंजड़े को तोड़ने पर उतारू रहती है लेकिन तुम्हारी नाक का यही तीखापन मेरे दिल को बेध गया है, अब इस दिल में तुम्हारे सिवा कोई नहीं आ सकता तुम्हारी नाक की पैनी धार के कारण.... तलवार की धार से कम थोड़े ही हो( वैसे तो जुबान भी इतनी ही तेज है।)
तुम्हारे हाइलाइट किए बालों में अब तो लीखें ( जूं के अंडे) आसानी से नहीं दिखाई देती, बड़े अच्छे लगते हैं बाल तुम्हारे जब मेरी पीठ पर लहराने लग जाते हैं, पीठ की खुजली दूर हो जाती है तुम्हारे बालों की रुखाई के कारण, बस खाना बनाते हुए बांध लिया करो बालों को ताकि कौन सी सब्जी बनी है ,पता तो चल सके।
तुम्हारी तारीफ में और क्या –क्या बोल दें ,समझ नहीं आ रहा। गूगल पर सर्च किया तो वह तो शायरियां दिखाने लगा और तुम्हारा नाम सुनते ही उसका सर्वर ही डाउन हो गया, वैसे भी तुम हमारी जान हो और हमारी जान का नाम गूगल पे आए या कहीं भी ऑप्शन भले दिखा दे पर तुमको तो नहीं न खोज पाएगा! काहे से कि तुम तो मुंह फूला कर हमरे दिल और कमरे दोनों पर कब्जा करे बैठी हो।
अरे हमरी जान, इतनी तारीफ के बाद अब तो मान जाना वर्ना कल को हम तुमको कड़क चाय नहीं बना कर पिलाने वाले और न ही कपड़ो को मोगरी से कूट कर धोएंगे।
मान जाओ जानू, लभ यू।
अभी तिलकवा लिट्टी चोखा लेकर आने वाला है ,जल्दी से बाहर आ जाओ और प्लेट निकाल लो, मिल कर खाएंगे। आवा जल्दी।
तुम्हारे ओरिजनल पति

(लिखी तो मैने ही है लेकिन पति के नाम के नीचे अपना नाम कैसे लिखें।)