Ek Bevkuf - 11 in Hindi Detective stories by Priyansu Jain books and stories PDF | एक बेवकूफ - 11

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एक बेवकूफ - 11

मेजर कार्तिक आगे कहते हैं -"चीख की आवाज़ सुनकर मैं काफी घबरा गया था। मैं जैसे-तैसे टटोल-टटोल कर अंदर गया और उस लड़की को ढूंढने लगा। अंदर जाने के बाद कुछ आवाज़ें ऊपर से आती हुई महसूस हुई। मैं जितना जल्दी कर सकता था, उतना जल्दी उस लड़की को ढूँढना चाहता था। मुझे उसकी फिक्र हो रही थी। मैं पहले फ्लोर पर पहुंचा। पर वहांँ कोई न था। आवाजें और ऊपर से आ रही थी। मैं दूसरे फ्लोर पर पहुंँचा। आवाजें वहीं से आ रही थी। आवाजों से साफ पता चल रहा था कि वहांँ दो जने गुथमगुथा हो रहे हैं। झगड़े के बीच-बीच में चीखों की आवाजें भी आ रही थी जिस से पता चल रहा था कि लड़ने वाली दोनों लड़कियां ही थी। तभी तथाकथित मानसी ने चिल्ला कर कहा अंकल उसे पकड़िए वो भाग रही है। मैं उस फ्लोर से निकलने वाले इकलौते गेट पर मजबूती से खड़ा था। जैसे ही दूसरी वाली लड़की वहांँ आयी और उसने मुझे धक्का देकर भागने की कोशिश की मैंने उसे पकड़ लिया। परन्तु वो काबू मैं ही न आ रही थी और अपने हाथ-पैर चला रही थी। वो काबू में आनी मुश्किल लगी तो मैंने एक विशेष नस दबा कर उसे बेहोश कर दिया।

फिर हम दोनों ने सोचा कि इसे पुलिस में दे देते है सारे सबूतों के साथ। ताकि वो इस लड़की से सारे गैंग की जानकारी निकलवा ले और ड्रग्स जैसी बुराई समाज में फैलाने वालों का खात्मा हो। वो(मानसी) भी इस बात से सहमत हुई। हम जैसे-तैसे उस लड़की को नीचे लाये। मेरा अँधा होना यहाँ बड़ी मुश्किल कर गया पर एक ट्रेंड कमांडो होना मेरे अंधेपन को हावी न होने दे रहा था। हम उसे लेकर कार तक आये, उसे कार में डाले, फिर मानसी कार में बैठी और जैसे ही मैं कार में बैठने लगा कार स्टार्ट हुई। मेरे दिमाग ने खतरे की घंटी बजायी पर मैं कुछ कर पता उससे पहले ही कार दौड़ने लगी। एक पैर मैं अंदर डाल ही रहा था, उसकी वजह से मेरा संतुलन बिगड़ा और मैं सड़क पर गिर पड़ा। बस बेबसी के साथ उस कार की आवाज़ दूर जाते हुए सुन रहा था।

इतना बेवकूफ कैसे हो सकता था मैं, जो खुद को फौजी कहता हूँ? जबकि हर वक़्त मुझे लग रहा था कि कुछ गड़बड़ है। पहले ड्रग्स में मेरा इस्तेमाल हो गया और फिर एक लड़की को काबू में करने के लिए मेरा इस्तेमाल कर लिया गया था।

विक्रम-" यानी कि प्लानिंग पर प्लानिंग की गयी, पर एक अंधे आदमी के जरिये इतना सब कराने कि जरुरत ही क्या थी?? इतनी सफाई से काम करने वाला तो कोई सुपर से भी ऊपरवाला दिमाग हो सकता है। वो लड़की तो बड़ी खतरनाक निकली। एक मिनट!!!! फिर आपको कैसेपता चला कि वो मानसी न थी, और मानसी कहाँ गयी??
मेजर कार्तिक-" मानसी वही लड़की थी जिसे मैंनें बेहोश किया था।"

विक्रम (बेचैन होते हुए)-" सर, आप तो धमाके पे धमाके किये जा रहे है। अब तो सस्पेंस बर्दास्त ही नहीं हो रहा। आप क्लियर कर दो न कि ये सब हो क्या रहा है?? यहाँ इस शहर में कोई फिल्म शूट चल रहा है क्या!!! अभी डायरेक्टर कट बोलेगा और सभी गायब लड़कियाँ एक साथ प्रकट हो जाएगी। आखिर आपको ये सब पता कैसे चला की कौनसी लड़की मानसी थी?? या उनमें से कोई मानसी थी भी या नहीं?? माफ़ करना, पर आप तो अंधे है तो आप को कोई बताएगा नहीं तो पता कैसे चलेगा??"

मेजर कार्तिक-" क्यूंकि जब मैं अपने बेवकूफ और अंधे होने का मातम मनाता लिफ्ट लेकर घर लौटा तब शकुंतला ने बताया कि एक आदमी एक लेटर देकर गया है। उसने मुझे पढ़कर सुनाया उसमें लिखा था कि 'मेजर साहब माफ़ कीजियेगा कि आप जैसे देशभक्त के साथ ये खेल खेला गया। मुझे इसका अफ़सोस है। पर आपकी भी गलती है कि आप एडवेंचरस् प्रकृति के हैं और आपकी आंखें न होने के बावजूद आप हीरो बनने की कोशिश करने लगे। इस चक्कर में आपने किसी की मदद लेना भी मुनासिब न समझा और अकेले ही कूद पड़े। खैर... कोई बात नहीं। आपके दिमाग में बहुत सारे सवाल हथोड़े की तरह बज रहे होंगे। आप जैसे देशभक्त को अगर इतना बुरी तरह से बेवकूफ बनाया जाए तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा। इसलिए मैं आपको संक्षेप में बताता हूँ। जिस लड़की को आपने बेहोश करके गाड़ी में डाला वो वही मानसी थी जो पहले दो-तीन बार आपसे मिली थी। वो एक अमीर बाप की बिगड़ी हुई घटिया लड़की थी जो एक ड्रग गिरोह में पैडलर भी थी। जब म्यूजिक क्लास के पास चेकिंग होने लगी तो उसने आप के जरिये ड्रग इधर-उधर की और काफी हद तक सफल भी रही। परन्तु एक फौजी को धोखा देना आसान नहीं होता। वो ये जान गयी थी कि आपको शक हो गया है और आप छानबीन करने लगे हो। उसने सबूतों वाली फाइल आपके बैग में रखने का नाटक किया और आपका ध्यान भटकाया जबकि वो एक सिंपल फाइल ही थी।
मैं आप सब पर गहरी नज़र रखे हुए था। मुझे उन लोगों को सबक सिखाना था, तो मैंने मौका देख कर अपनी एक साथी को मानसी बना कर भेजा। जनता था कि आप आवाज पहचान लेंगें इसलिए उसने घबराई हुई सी आवाज निकाली। आप इमोशनल हुए और शक होते हुए भी उसके साथ गए जहाँ असली मानसी ड्रग्स लेने गयी थी। असल में 'गोयल कंस्ट्रक्शन' भी इस धंधे में साझीदार है और एक बड़ा गोदाम वहांँ पर है।
आपके जरिये मानसी को किडनैप भी किया और चूँकि कभी न कभी आप तक पुलिस पहुंँचेगी और आप उनको उस क्राइम स्पॉट के बारे में बताओगे तो पुलिस के हाथ बड़ा सबूत भी वहांँ लगेगा और माल भी पकड़ा जायेगा।
मेजर साहब लड़की की फिक्र छोड़ दीजिये। वो एक देशद्रोही ही थी. उसको मैं वही सजा दूंगा जो एक देशद्रोही को मिलनी चाहिए। वो ऐसी जगह पहुंँचेगी जहाँ से उसका लौटना असंभव होगा। जब तक पुलिस उस स्पॉट पर नहीं पहुँचती तब तक मैं इसकी निगरानी रखूँगा। बस अब आप गिल्ट फील करना बंद कर दीजिये, क्यूंकि अनजाने में ही सही आपने अच्छा काम ही किया है।'
ये लेटर पढ़ कर भी मेरा मन शांत न हुआ क्यूंकि मैं कानून को हाथ में लेने के पक्ष में नहीं हूँ और इस लेटर के हिसाब से वो लड़की मर चुकी है इसका भी गम मुझे हो रहा है। उपर से कोई मुझे इतनी बुरी तरह बेवकूफ बना गया." इतना कहकर मेजर कार्तिक चुप हो गये।

To be continue.....