Sapne - 16 in Hindi Fiction Stories by सीमा बी. books and stories PDF | सपने - (भाग-16)

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सपने - (भाग-16)

सपने........(भाग-16)
 
अगली सुबह सबने एक साथ नाश्ता किया, नवीन भी स्टूडियो के चक्कर लगाया करता है तो वो भी तैयार हो रहा था......"नवीन मुझे तुम अपनी मम्मी या बहन का एकाउंट नं. देना यार"! आदित्य ने नवीन को कहा तो नवीन थोड़ा हकलाते हुए बोला, "क्यों, क्या हुआ"? रिलैक्स यार कुछ हुआ नहीं है, पर कल रात को तुम परेशान थे कि बिना पैसों के घर कैसे चल रहा होगा तो मैं सोच रहा हूँ," जब तक तुम ढंग से कमाने नहीं लगते तब तक हर महीने 10,000 उनके एकाउंट में डाल दूँगा......जब तुम्हारे पास पैसे आ जाएँगे तो सब वापिस ले लूँगा"। नवीन उसकी बात सुन कर हैरान हो गया, उसे लगा कि वो सपना देख रहा है, "आप लोगो ने मुझे रहने की जगह दी है और अब पैसे भी ले लूँ तो अच्छा नहीं लगता, फिर आप तो मुझे जानते ही नहीं, फिर भी मुझ पर इतना विश्वास कैसे"? आदित्य उसकी इस बात पर मुस्कुरा दिया और बोला," यार पैसों के बिना तुम्हारी मम्मी और बहन को दिक्कत होती होगी, रही बात विश्वास की तो दोस्ती पर हम सबको पूरा यकीन है तभी तो हम सब साथ हैं".....!इसके बाद नवीन ने कोई आनाकानी नहीं कि और एकाउंट नं. बता दिया......! आदित्य की इस पहल ने सभी दोस्तों का दिल जीत लिया था। आस्था के नाटक की रिहर्सल अब हफ्ते में तीन दिन हो गयी थी......सब अपना रोल अच्छे से समझ गए थे, या यूँ कहा जाए कि सब अपने किरदार में पूरी तरह से उतर गए थे.......नचिकेत दत्ता को न सिर्फ आस्था का काम अच्छा लग रहा था बल्कि उसे आस्था अच्छी लगने लगी थी......रोज घर जा कर अपनी बहन अरूणा दत्ता को कुछ न कुछ आस्था के बारे में जरूर बताते......अरूणा ने कई बार कहा भी कि," किसी दिन वो आस्था को घर पर बुलाए वो उससे मिलना चाहती है"! नचिकेत ने कहा , "दीदी किसी दिन आप ही स्टूडियों आ जाओ और सबसे मिल लो, हमारी रिहर्सल भी देख लेना आप......घर पर आस्था को किसी खास दिन बुलाते हैं, जिससे वो मना भी न कर पाए"....। अरूणा नचिकेत की बात सुन कर चुप हो गयी। उसने अपने भाई को बहुत सालों बाद किसी लड़की की इतनी तारीफ करते सुना था.....वरना एक लड़की ने उसे प्यार में धोखा दे कर किसी और पैसे वाले लड़के से शादी कर ली थी, ये बात तब की है जब नचिकेत कॉलेज में था.........उसके बाद बस अपने काम में ही डूब गया। आस्था अपने खाली टाइममें भी खूब प्रैक्टिस कर रही थी, वो जानती थी कि ये जो मौका उसे मिला है, अपने आप को साबित करने का यही आखिरी भी साबित हो सकता है, अगर वो अच्छा नहीं कर पायी।देखते ही देखते फाइनल रिहर्सल का भी दिन आ गया........स्टेज तैयार था, सब अपनी अपनी कॉस्टयूम पहन कर आखिरी रिहर्सल कर रहे थे.....सब बहुत खुश थे, जब नचिकेत ने सबकी मेहनत को सराहा.....नाटक का दिन आ गया.....शाम 4 बजे से नाटक शुरू होना था.......आस्था ने अपने दोस्तों को पास देना चाहा पर आदित्य ने मना कर दिया ये कह कर कि उसने पहले ही टिकट ले ली हैं। नचिकेत दत्ता का नाम बहुत फेमस था तो शो की सारी टिकट्स बिक गयींं.......तीन दिन अलग अलग टाइम पर ये नाटक होने वाला था। तीनों शो हाउस फुल होने वाले हैं, इसका विश्वास नचिकेत को था....कुछ मीडिया के लोगो को भी इंवाइट किया गया......पहला शो बहुत शानदार रहा.......नचिकेत की बहुत खुश था.......आस्था के काम की चर्चा अगले दिन के एक पेपर में आयी तो दोस्तों ने उसे बधाई दी और साथ ही पार्टी की डिमांड भी कर दी.......पर अभी दो शो बाकी थे तो किसी को भी घर नहीं जाने दिया गया.......! सब को स्टूडियों के बिल्कुल पास एक बहुत बड़े हॉल में रोका गया.......सब इंतजाम थे तो किसी को भी मुश्किल नहीं हुई। 2 दिन ठंडा और खटास वाली चीजें खाने को सख्त मनाही थी..........अगले दो शो भी काफी शानदार गए....! सब ने अपना काम बखूबी से किया। आस्था नाटक की हिरोइन थी तो उसको कवरेज भी ज्यादा मिली....!! नचिकेत ने सब के लिए पार्टी रखी.....पूरा थियेटर ग्रुप खूब मस्ती में था, आखिर महीनों की मेहनत सफल जो हुई थी। पार्टी एक होटल में थी। ड्रामा की हिरोइन यानि आस्था के लिए नचिकेत ने उसे लाने के लिए गाड़ी भेजी........रात को पार्टी देर तक चली तो नचिकेत ने ड्राइवर पहले ही घर भेज दिया था और उसने खुद ही आस्था को ड्रॉप किया। रास्ते में उसने आस्था को अपने दिल की बात भी कह दी, "Aastha I love you, will you marry me"? आस्था उसकी बात सुन कर हैरान हो गयी। "सर ये आप क्या कह रहे हैं ? मैंने अभी कुछ ऐसा सोचा नही"! कोई बात नहीं आस्था, कोई जल्दी नहीं है। "आराम से सोच कर बताना पर तुम मुझे सर मत बोला करो.....हम फ्रैंडस तो बन ही सकते हैं,अगर तुम्हें मेरे प्रपोज करने से कोई दिक्कत नहीं हुई हो तो"? "Yes sir, we are friends". आस्था हम दोस्त तो हैं ही, तुम्हारा जवाब कुछ भी हो उसका हमारी दोस्ती पर कोई फर्क नहीं पडेगा".....! "थैंक्यू सो मच नचिकेत ", नचिकेत की बात सुनकर आस्था ने कहा........नचिकेत उसको ड्रॉप करके चला गया....अब आस्था तब तक फ्री थी जब तक दूसरे नाटक की रिहर्सल शुरू नहीं होती। नचिकेत को बॉय बोल कर ऊपर पहुँची तो सविता ने दरवाजा खोला, पूरा हॉल सजा हुआ था.........सब उसका इंतजार कर रहे थे। सबने आस्था को बधाई दी और केक कटवाया.......नवीन गिटार बजा रहा था। सब खाना खा कर उसका ही इंतजार कर रहे थे। सबने मिल कर बीयर पी कर आस्था की Success को सेलिब्रेट किया.....! इस बार आस्था ने पूरी बॉटल ही पी ली......!! आदित्य ने सविता ताई को उसके कपड़े बदलवा कर सुलाने को भेज दिया.......!!
क्रमश: