Rohit..... 2 in Hindi Classic Stories by Lotus books and stories PDF | रोहित.... - 2

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रोहित.... - 2

में चाहता तो अपने पापा की सहकारी नौकरी BHEL में कर सकता था मगर मे नहीं कर सकता क्योंकि मे आजाद ज़िन्दगी जीना चाहता हूं
अपने मॉ बाप का एकलोता हू और वो जितना कर के गये हैं मेरे लिए मुझे काम करने की जरूरत नहीं फिर भी मे एक अच्छी जोब करता हूँ सब कुछ है मेरे पास किसी चीज की कोई कमी नही मगर मे ये सोचकर परेशान रहता हूँ कि मेरी मोहब्बत मे क्या कमी थी जो वो मुझे छोड़कर चली गई आज 6महिने हो गये उससे बात नहीं होती आज मुझे उसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी कल्पना को मेने आज इतने महिने बाद फोन किया मगर उसने उठाया नही ना दुबारा कॉल किया कल्पना आखिर वजह क्या है क्यो ऐसा कर रही हो मेरा दिल अटका है पगली तुम पर नहीं तो भगवान ने सुरत इतनी अच्छी दी है अभी इस जिस लड़की से भी कह दू मना नही कर सकती अगर नहीं है तो बोल दो में इंतजार छोड़ दू मुझे लिखने का कोई शौक नही है ये तो तेरे लिए अल्फाज बुनता हू मे मुझे किसी से कोई मतलब नही है और जो मतलब रखते हैं मे उसे ब्लॉक कर देता मुझे तुम्हारे सिवा कोई अच्छा नही लगता सब कुछ अधुरा है तुम्हारे
बीना.. पागल समझती क्यो नही है 🍁🍁🍁 मेने शादी के लिए sadi dot com भी join kiya he देख लेना कितनी लड़कियों ने रिक्वेस्ट भेजी है पर मेने किसी को भी जवाब नहीं दिया सिर्फ़ तुम्हारे लिए मेरी पहली मोहब्बत हो तुम मे इंतजार करूगा जब तक तुम्हारी शादी नही हो जाती तब तक उसके बाद ही सोचुगा किसी और के बारे में मर्जी आपकी है इंतजार हमारा है मे श भी नहीं जानता था मगर आज इसी श को पुरा समझ गया हूँ अब हर सवाल का जवाब दे सकता हूँ और लिख भी सकता हूँ और सुनो मेने आपका शहर छोड़ दिया है अब मे सुरत गुजरात में हू 4 महिने हो गये हैं मुझे यहॉ एक घर यहॉ भी लिया है मेने नासिक की तरह मे ये सब इस लिए लिख रहा हूँ ताकी कीसी भी तरहा आप तक मेरी बात पहूच जाए बाकी तो आपने सब ब्लॉक कर दिया है मेरे पास दुसरा कोई रास्ता नही और घर में आपके नही आऊंगा ना आपके शहर आऊंगा कभी तुम जिद कर सकती हो तो मे भी कर सकता हूँ 🍁🍁🍁🍁 अब मोहब्बत कम तभी होगी
जब मौत होगी.... आईने पर एतबार तो मे आज भी नहीं करता आईना बीता वक्त नही बताता ना आने वाला.. और तुम्हारी फ़ितरत भी आईने जैसी ही है ..अपनी पहचान जानते हुए भी मुझे अनदेखा कर रहे हो ... माटी कभी बारिश से शिकायत नहीं करती वो जानती है .. बारिश की फ़ितरत जैसे ऑखे जानती है ऑसू की फ़ितरत ज़िन्दगी हर किसी से जुड़ी हैं मगसत सभी का एक ही है मगर ये कलयुग है कुछ और भी हो सकता है सवाल एक मतलब हजार शायद आप समझ पाऔ मेने जो लिखा है गलत है या सही ये मे नहीं जानता मगर जो समझेगा वो समझ जाएगा