Ek Bevkuf - 5 in Hindi Detective stories by Priyansu Jain books and stories PDF | एक बेवकूफ - 5

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एक बेवकूफ - 5

चौकी पहुँच कर दोनों कुछ देर आमने सामने बैठ जाते है। एकदम चुप बस एक दूसरे को घूरते हुए। विक्रम की आँखों में गुस्सा था और अभिमन्यु की आँखों में कौतुहल। फिर अभिमन्यु ने मौन तोड़ते हुए कहा " ये एम.पी. खुद को ज्यादा नहीं समझता?? खुद तो बैठा रहता है और बाकियों को अपना खरीदा हुआ नौकर समझता है। सच्ची बताऊं तो इन जैसे नेताओं को तो उल्टा लटकाने का मन करता है। विक्रम ये सुनते ही चौंक कर सीधा हो गया,वो अचरज से अभिमन्यु को घूरता जा रहा था।अभिमन्यु (मुस्कुराते हुए)" क्या हुआ दोस्त; मेरे सर पर सींग निकल आये हैं क्या??
विक्रम -"नहीं; मेरा मतलब कि मैं समझा नहीं। अभिमन्यु-" दोस्त, मैं भी तुम्हारी तरह ही हूँ मुझे भी इस तरह चमचागिरी पसंद नहीं।मैंने हमेशा देश के लिए काम किया है वहीँ आज इस बेवकूफ कि वजह से यहाँ पर्सनल किडनेपिंग का केस सॉल्व करने आना पड़ा है। ये लोग खुद तो कामचोर और भ्रष्ट है ही दूसरों को भी ईमानदारी से काम नहीं करने देते। खैर; आओ अब हम अपने काम में लगते है। मुझे इस केस की सारी जानकारी दो जो भी तुम्हे मालूम है। ताकि हम दोनों एक दिशा में मिलकर आगे बढे़।तुम ये मत समझना कि मैं कोई तुम्हारे काम में हस्तक्षेप करने आया हूँ, बल्कि तुम्हारा दोस्त बनकर तुम्हारे साथ इस मामले को निबटाने आया हूँ।
विक्रम-" सॉरी यार ;उस एम.पी. साले ने दिमाग ख़राब कर रखा था तो मैंने तुम्हे भी उसके ही टाइप का आदमी समझा था।पर तुमने मेरी आँखे खोल दी।आई एम एक्सट्रीमली सॉरी। आओ मैंने जो इन्वेस्टीगेशन की है मैं उसके बारे में तुम्हें बताता हूँ।
ऐसा कहकर विक्रम हवलदार से एक फाइल मंगाता है, जो उसने खुद बनायी थी।फाइल खोलते हुए विक्रम बोलता है" देखो; मैंने जो अब तक इन्वेस्टीगेशन की है, वो बताता हूँ।अब तक इस शहर में 3 लड़कियां गायब हुई है।उनमे से एक कोमल, जो इस शहर के बहुत बड़े रईस और धनकुबेर की बेटी है। दूसरी भावना, जो एम. पी. की भतीजी है पर उसका खुद का बाप भी बहुत पैसे वाला था जो दो साल पहले एक दुर्घटना में मारा गया था जिसकी होती-सोती ये भावना ही थी।तीसरी नूतन, वो इस शहर के जाने माने बिल्डर आनंद शर्मा की बेटी है। ये तीनो लड़कियों का आपस में एक गहरा कनेक्शन है कि ये तीनों एक ही म्यूजिक क्लास में, एक ही बैच में म्यूजिक सीखती थी। इनमें से पहली दो तो एक ही फ्रेंड ग्रुप की है। उस ग्रुप में दो और लड़कियां है, वो दोनो भी बहुत अमीर है। अमीर होने के सारे लक्षण इनमें है। घमंड तो इनमें समाये ही नहीं इतना भरा हुआ है। परन्तु नूतन के बारे में मिली जानकारी अनुसार वो काफी सिंपल है जिसको बाप के पैसों का कोई घमंड नहीं है। इस वजह से उन चारों और नूतन में अक्सर ठनी ही रहती थी।
अभिमन्यु-" और इनकी कोई लव लाइफ???
विक्रम-" हाँ, आजकल अमीरजादियों के बॉयफ्रेंड न हो ये तो हो ही नहीं सकता।इनमें से नूतन के बॉयफ्रेंड को मैं अच्छे से जानता हूँ। उसका नाम प्रियांशु है उसका बैकग्राउंड खास नहीं है।वो भी अपनी फ्रेंड के कहने से क्लास आता था सिर्फ बैठने के लिए।
अभिमन्यु-" अच्छा!!और टीचर अलाऊ कर देते थे??
विक्रम-"जो टीचर है वो इन पैसे वालों से कुछ प्रभावित ही है और ऊपर से लड़का एकदम अजीब सा बेवकूफ है।यहाँ तक कि टीचर को भी 3 महीने लगे ये जानने में कि वो गूंगा नहीं है।

अभिमन्यु थोड़ा सोच में पड़ जाता है।"ये प्रियांशु जो तुम कहते हो इतना अजीब है उसके बारे में क्या ख्याल है?"

विक्रम-"सच बताऊँ तो बहुत ही अजीब लगा, मेरे से यहीं चौकी में बहस हुई थी तो मैंने जम कर फेंटा पर वो एक शब्द नहीं बोला। अपनी फ्रेंड के खोने के बाद तो वो पगला कर शहर में लड़की को ढूंढता भटक रहा है।"

अभिमन्यु-" पर दोस्त हमारा काम है शक करना और इस मामले में और किसी पर शक जा भी नहीं रहा। हो सकता है कि अपनी दोस्त के लिए इसने ही कुछ किया हो??"

विक्रम (मुस्कुराते हुए) -" मेरे दोस्त रिश्वत देकर एस.आई. नहीं बना अपनी काबिलियत से बना हूँ ।मैंने अपने दो आदमी जो पुलिस में नहीं है, उनको उसके पीछे लगाया है। उसकी हर इन्फार्मेशन मुझ तक आ रही है।"

अभिमन्यु-"इस प्रियांशु पर ही नज़रें इनायत है या महफ़िल में और भी कोई है?? क्यूंकि मुझे लगता है कि कुछ और भी है जो तुमने अलग से बाँध कर रखा हुआ है।"

विक्रम(जोर से हँसते हुए)-" मेरे दोस्त नज़रें बहुत तेज़ है तुम्हारी। हाँ है ना, पता नहीं कि इसका सम्बन्ध क्या है पर फिर भी बताता हुं। जो ये भावना है न, इसके पिता की मौत काफी रहस्यमयी एक्सीडेंट में हुई थी।उनकी गाडी़ रोड़ के किनारे गढ्ढे में मिली और एक ट्रक खड़ा था रोड़ पर, जिस पर डेंट पड़ा हुआ था। साफ़ था की उस ट्रक से ही टक्कर हुई थी। परन्तु सड़क पर जो ब्रेक लगने से घिसने के निशान होते हैं वो थे ही नहीं।ऐसा लगता था कि टक्कर वहां हुई ही नहीं। पर कोई सबूत नहीं थे तो केस ठंडे बस्ते में चला गया और भावना अपने ताऊ को उनकी मौत का ज़िम्मेदार मानती है। वो एम.पी. साहब से नफरत करती है और सोचती है कि ये सारा लाड़-दुलार उसकी दौलत के लिए हो रहा है।एम.पी. साहब अब तक गार्डियन थे परन्तु भावना के 25 का होते ही वो अपनी संपत्ति कि मालकिन हो गयी।"

अभिमन्यु-" वाह, यानी यहाँ पर भी झोल है।अपने एम. पी. साहब का अगर बाकी लड़कियों से भी कोई लिंक निकले तो उन पर शक की ज़ोरदार वजह बनती है।"

विक्रम-"अरे दोस्त रुको,ज़रा ठहरो, अपने गुरूजी की लीला भी तो सुन लो। अपने गुरु जी भी काफी पहुंचे हुए है। थोड़े टाइम पहले उनकी क्लास में बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी गयी थी, पर गुरूजी डेढ़ स्याणे, साफ़ बच निकले और एक स्टूडेंट फंस गया था। सुनने में आया है कि गुरूजी भी पूरे रंगीले राजा थे। वो तो जिसको प्रेग्नेंट किया उसी से दबाव में शादी करनी पड़ी तो काबू में आये, वरना छुट्टे सांड ही थे।"

अभिमन्यु-" वाह दोस्त, मैं तो तुम्हे घोंचू ही समझ रहा था, पर तुम तो छुपे रूस्तम निकले।"

विक्रम-"अच्छा!!!तो साहब जी मुझे सर्टिफिकेट देंगे?? मेरी ही इन्वेस्टीगेशन का सहारा ले रहे है और मुझे घोंचू बोल रहे है।जरा मैं भी तो जानूं इंटेलिजेंस वाले क्या उखाड़ते है।"

अभिमन्यु-"(हँसते हुए) जनाब मैं यहाँ एकदम नया हूँ और दूसरी बात मैंने आपसे मिलने से पहले ही काम शुरु कर दिया था।"

विक्रम थोड़ा संजीदा होते हुए-" क्या पता किया??

अभिमन्यु-" ये जो कोमल का बॉयफ्रेंड है ये भी कोमल के पैसों के पीछे पड़ा हुआ है, कोमल के बाप ने अपनी बेटी को साफ़ मना कर दिया इस से रिलेशन रखने के लिए, पर जवान खून है, माने नहीं। तो उसने बेटी को बोला कि या तो इसको छोड़े या बाप की संपत्ति और बाप का शक सही भी है।वो इंदौर से आया हुआ है जहाँ इसने खूब काण्ड किये हुए हैं और एक किडनेपिंग में पकड़ा गया था जब लड़की ने इसके प्रपोजल को मना कर दिया। लोगों ने वहीं धुनकर पुलिस के हवाले किया था।6 महीने जेल में रहा फिर शर्मिंदा होकर माँ बाप ने यहाँ भेज दिया। पेइंग गेस्ट बन कर रह रहा है और किसी को इसकी हिस्ट्री पता नहीं।

विक्रम-" बाकी सब तो ठीक है पर इन बातों में लिंक क्या मिलेगा?? किसी एक का मामला होता तो मान लेते की सम्बंधित आदमी ज़िम्मेदार है परन्तु 3 अलग-अलग लड़कियां जिनमें से एक तो दोस्त भी नहीं थी, का अपहरण!! और फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं??? समझ नहीं आ रहा।

अभिमन्यु (मुस्कुरा कर)-" लिंक समझ आये तो केस नहीं सुलझ जाये?? पर कई बार गुनाह को होते देखना भी तो अगले गुनाह का कारण बनता है। क्या पता किसी ने कोई अपराध होते देखा हो और अपराधी गवाह को ही गायब करने की सोचे। अब लिंक तो हमें मिलकर ही ढूँढना है। चलो काम शुरु करने और हमारी दुश्मनी के दोस्ती में बदलने के नाम पर आज तुम मुझे पार्टी दो। चलो बोतल खोलते हैं।"

विक्रम-" अरे वाह, मान न मान मैं तेरा मेहमान? मेरा थाना तोड़ा मेरे हवलदारों को तोड़ा, मेरी इज़्ज़त को भी तोड़ा और अब मेरी जेब को भी तोड़ना चाहते हो?? ना भाई ना, बिल तुम पे करोगे।"

अभिमन्यु-" बोल तो ऐसे रहे हो जैसे पुलिस वाले बिल भरते ही हैं और तुम्हारे हवलदार मुझे कोई रईसजादा और आवारा लड़का समझ कर मुझसे बदतमीजी कर रहे थे।मैंने जब बताया कि मैं सेंटर से आया हुं तो मज़ाक उड़ाने लगे। एक ने तो डंडा ही उठा लिया मारने के लिए, तो तोडा सब कुछ। अब छोटे-छोटे शहरों में बड़ी-बड़ी बातें होती ही रहती है। चलो अब नाटक मत करो और बियर पिलाओ।"

दोनों की दोस्ती तो हो गयी, और इन्वेस्टीगेशन भी स्टार्ट हो गयी अब क्या ये सब सुलझा पाएंगे??
यहाँ तो सब के अंदर कोई न कोई हैवान छुपा हुआ है तो कैसे पता चले की लड़कियों को गायब करने में किसका हाथ है??
क्या अपराधी का काम 3 लड़कियां गायब करके पूरा हो गया था??
क्या होगा आगे जानने के लिए साथ बने रहें।