Ansuni Kahaaniya - 3 in Hindi Horror Stories by karan kumar books and stories PDF | अनसुनी कहानियाँ - 3 - (किराड़ू मंदिर का इतिहास)

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अनसुनी कहानियाँ - 3 - (किराड़ू मंदिर का इतिहास)

हेलो दोस्तों कैसे हो उम्मीद करता हूँ
आप सब बढ़िया होंगे।
किराड़ू मंदिर का इतिहास और उसकी अनसुनी कहानी
उम्मीद करता हूँ की आप सबको बहुत पसंद आई होगी और दिलचस्प लगी होगी..

आज फिर में आपको एक ऐसे ही दिलचस्प और
interesting जगह के बारे में बताने जा रहां हूँ।
जिसका नाम भारत ही नही बल्कि दुनिया के सबसे भूतिया, डरावनी और रहस्मयी जगह में
शामिल है। जिसको लेकर बहुत सी कहानिया प्रचलित है।
जिनको जितना सुलझाने की कोशिश करे उतना ही उलझाने लगती है।
कहते है की सूर्य अस्त के बाद वहां जाना बहुत खतरनाक है। क्योंकि सूर्य अस्त के बाद वहां किसी इंसान का नही बल्कि भूतों का राज चलता है।
ये कितना सच और झूट ये तो वहां जाकर ही पता चल सकता ।

हम बात कर रहे है राजस्थान के जैसलमेर से करीब 14 किलोमीटर दूर स्थित ' कुलधरा गाँव ' की जो की पिछले करीब 200 वर्षो से वीरान पड़ा है फिर ऐसा क्या हुआ होगा की ये गाँव हमेशा के लिए वीरान हो गया।

आज वीरान दिखने वाला गांव कभी बहुत ही खुशहाल और आबाद हुआ करता था।कभी यहां भी बाकि गाव की तरह यहां चहल पहल हुआ करती थी।
फिर एक रात कुछ ऐसा हुआ की पूरे गांव के लोग रात को ही गांव खाली कर कहीं चले गए।
और आज स्थानीय लोगो का कहना है की ये गांव एक भूतिया गाँव जहां रात को भूतों का बसेरा होता है।

इस गाँव के वीरान होने की कहानी काफी दिलचस्प और रहस्मयी है
लगभग 200 साल पहले ये गांव खण्डर नही हुआ करता था। इसके आस पास के 84 गाँव पालीवल ब्राह्मणों से आबाद हुआ करते थे। फिर एक दिन इस गाँव को किसी की नजर लग गयी। जो उस रियासत का दीवान सालम सिंह जो कि काफी अय्याश किस्म का इंसान था।
एक बार वहां से गुजरते समय उसकी गंदी नजर गाँव की एक खूबसूरत लड़की पर पड़ गयी।

और वह उस लड़की पर मोहित हो गया था ।और इस लड़की के पीछे इस कदर पागल हो गया था की किसी वो किसी भी हालात में उससे पाना चाहता था।
उसने जब ये बात ब्राम्हणो से बोली तो उन्होंने साफ मन कर दिया था।

पर उस पर तो उस लड़की को पाने का भुत सवार था।
ब्राह्मणों ने मना करने पर वो बहुत क्रोधित हो गया।
और उस लड़की को पाने के लिए ब्राह्मणों पर अपनी ताकत से दवाब बनाने लगा।

पर ब्राह्मणों ने उसकी बात को बिल्कुल नही माना।
बहुत कोशिश के बाद भी जब गाँव के लोग इस बात से राजी नही हुए तब उसने सारी हद पार कर दी और सत्ता के नशे में चूर होकर उस दीवान ने उस लड़की के घर सन्देश भिजवाया की अगर पूर्णमासी की रात तक उस लड़की को दीवान को नही सौंप तो वह रात को हमला कर उस लड़की को जबरन उठा ले जाए गा।

एक तरफ ये लड़ाई दीवान की ज़िद और सनक की थी
तो दूसरी तरफ ये लड़ाई एक लड़की के सम्मान और ब्राह्मणो और गाँव के आत्म सम्मान की थी।

तब आस पास के 84 गाँव के लोग एक मंदिर में इक्कठा हुए और पंचायत ने लड़की और समाज के सम्मान के लिए लड़की को दीवान को न सौंपने का फैसला लिया

तब चौपाल पर गाँव 5000 परिवारों ने इस फैसले का सम्मान किया । तब उन्होंने उस रियासत और गांव छोड़ने का निर्णय किया।
और शाम होते ही सारे गाँव के लोग उस गाँव को छोड़ कहीं दूर चले गये।

और सुना है की जाने से पहले उन ब्राह्मणों ने उस गाँव और उस जगह को श्राप दे दिया की आज के बाद ये कभी भी आबाद नही रहेगा वीरान रहेगा उस रात के बाद ये गाँव पूरी तरह से वीरान और भूतिया हो गया। तब से लेकर आज तक ये गांव ऐसा ही है।

कुलधरा गाँव घूमने वाले और आस पास के स्थानीय लोगो का कहना है की यहां रहने वाली पालीवाल ब्राह्मणों की आहट आज भी यहां सुनाई देती है ।

और उन्हें महसूस होता है उनके अलावा और भी कोई है यहां जो उन्हें देख रहा है। उनके साथ खड़ा है उनके आस पास चल रहा है।

वहां की गलियों में बाज़ारों में आज भी चहल पहल की आवाजें आती है। महिलाओं के आपस में बात करने
उनके हँसने , उनकी चूड़ियों की खनखनाहट ,
उनकी पायल की आवाज आज भी लोग वहां महसूस करते है
बदलते वक्त के साथ आसपास के 82 गाँव तो दोबारा बनकर आबाद हो गए पर कुलधरा और खामा ये दो गाँव बहुत सी कोशिशों के बाद आज भी वीरान रहे है ।
जिनको अब पुरातत्व विभाग ने अपने अधिकार में ले लिए और अब उनकें सरक्षण में है। और इसकी सरहद पर एक फाटक लगवा रखा है।

जिसे दिन के उजाले में सैलानियों खोल जाता है और रात होते ही बन्द कर दिया जाता है

दिन में तो लोग यहां घूमते रहते है लेकिन रात होते ही
यहां कोई भी नही भटकता और ना ही किसी की हिम्मत होती इस फाटक को पार करने की।
आप कुछ तस्वीरों में इसे देख और समझ सकते है


अगर आप का भी कभी मन हो यहां घूमने का तो आप यहां जा सकते है। सुबह 8 से 6 बजे तक वहां घूम सकते है । वहां की प्रचलित कहानियों की महसूस कर सकते है।
और इस गाँव को अच्छे से देख सकते है


इस जगह और उससे सम्बंधित कहनी को पढ़ने के लिया
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद।
आप को कैसी लगी ये जानकरी कमेंट में जरूर बताएं

Thank you..




From :- Krn mahich