Exploring east india and Bhutan... - Part 10 in Hindi Travel stories by Arun Singla books and stories PDF | Exploring east india and Bhutan... - Part 10

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Exploring east india and Bhutan... - Part 10

Exploring East India and Bhutan Chapter – 10

 

होटल से निकल कर हमारा पहला काम यही होता है, की महात्मा गांधी रोड यानी एमजी रोड पर आयें, थोड़ा पर्यटकों  से मिलें, चाय  काफी लें फिर आगे चलें. एमजी रोड गंगटोक शहर के मध्य में स्थित है, और गंगटोक का सबसे सुंदर व् दर्शनीय स्थल है.

 

अगर आप गंगटोक में हैं, और आप का स्टे 5-6 दिन का है ,तो लोकल या आसपास की Sightseeing तो आप  2-3 दिन में कर लेंगे, बाकी के दिन आप आराम से एमजी रोड की रोनक देखते हुए  बिता सकते हैं.

आप गंगटोक में कहीं भी ठहरे हों, यहाँ लोकल टैक्सी से पहुंच सकते हैं. टैक्सी शहर के एक किनारे से दुसरे किनारे तक लगातार चलती रहती है, (लोकल बस की तरह) और केवल 20 रुपार प्रति व्यक्ति किराया चार्ज करती  है.

एमजी रोड पर सड़क के दोनों ओर लकड़ी से बने सुंदर बेंचों पर बेठ कर रिलैक्स कर सकते हैं, साथ में सर्द धुप का आनंद ले सकते हैं. यहाँ धूम्रपान की अनुमति नहीं है, पूरा क्षेत्र कूड़े,धुएं और वाहन से मुक्त है. सरकार के निर्देश अनुसार इस सड़क के दोनों ओर की सभी इमारतों को हरे रंग में रंगा गया है, जिसके कारण यह बहुत ही सुंदर नज़र आता है. मार्ग के शुरुआत में महात्मा गांधी की एक मूर्ति है.

 

एमजी रोड पर पर्यटक आराम से टहलते हैं, सुंदर नजारों का आनंद लेते हैं  सड़क पर दोनों ओर शानदार दुकानें, रेस्तरां, कैफे और बार है. यहाँ कॉफी,पेस्ट्री,पैटी,मोमोजऔर अन्य स्नैक आइटम उपलब्ध हैं, व् एक शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां भी उपलब्ध है.

 

दिसंबर में एमजी मार्ग में वार्षिक गंगटोक फूड एंड कल्चर फेस्टिवल आयोजित किया जाता है, और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

 

एमजी मार्ग गंगटोक का मुख्य बाजार भी है, एमजी रोड पर लगभग 1 km तक कोई भी वाहन चलने की अनुमति नहीं है, तो टैक्सी आपको बाजार से एकदम नजदीक ड्राप कर देगी. यहाँ सभी प्रकार की दुकानें हैं, जिनमें दानिक प्रयोग की सभी सामान व् पर्यटकों के लिए स्मारिका और उपहार के आइटम्स उपलब्ध है. दुकानें सुबह 8 से शाम 7 बजे तक खुली रहती हैं, परन्तु मंगलवार को बाजार बंद रहता है.

 

एमजी मार्ग के एक छोर पर सिक्किम पर्यटन केंद्र है, जहां से आप अपने टूर को प्लान करने में मदद मिलती है .

 

हमने यहाँ चहल कदमी करते हुए, सर्द धुप का भरपूर सेवन किया व् कुल्हड़ वाली मसालेदार चाय पी.

आज हमारा इरादा चारों दिशाओं में फेले हुए व्यू  पॉइंट देखने का है, तो शुरू करें :

 

Today Itinerary: Denzong Shangrila Hotel & Spa -Ban Jhakri Falls Park, -Pal Karma Zurmang Shedup Chokhor Ling Lingdum Monastery (Ranka Monastery),

Other side-Enchey Monastery, - Flower Exhibition Centre,   India

Other side -Do Drul Chorten,

 

हमने आज ट्रिप का श्रीगणेश  Banjhakri Falls से किया जो की एमजी रोड से लगभग 8 km की दूरी  पर था, और  हम आधे घंटे में यहाँ पहुँच गये.

 

Banjhakri Falls, India

 यह गंगटोक एसएनटी बस स्टेशन से 7km की दूरी पर, और रांका मोनेस्ट्री के नजदीक स्थित है.

बान  का  अर्थ  होता  है  "वन",और  झकरी  का  अर्थ  होता  है  "मरहम  लगाने  वाला"(healer”.  झकरी  यानी  Traditional  shamanic  healer,  जो  गुफाओं  में  रह  कर  आत्माओं की  पूजा  करते  थे. स्थानीय  लोककथाओं  के अनुसार , झाकरी  या  शमन  ने  देवताओं  से  बुरी  आत्माओं  को  दूर  करने  की  शक्ति  हासिल  कर  ली  थी. कुछ  समुदाय  आज  भी  इन  बातों  पर  विश्वास  करते  हैं, और  वे  इसे  अपनी  संस्कृति  औरपरंपरा  का हिस्सा  मानते  हैं.

 

यह एक प्राकृतिक झरना है, जो लगभग 98ft की ऊंचाई से गिरता है, और बहुत ही आकर्षक लगता है. पार्क में तंग रास्ते पर चलते हुए चारों तरफ हरियाली  से भरपूर सुंदर दृश्य नजर आतें है. यहाँ Gazebos बनाये गए हैं, जहां से बाहर का नजारा देखा जा सकता है.

 

यहाँ जलपान के लिए एक रेस्टोरेंट है. इसके मनोरम वातावरण में आप 1-2 घंटे बड़े आराम से बिता सकते है. फोट शूट कर सकते हैं, खेर वो तो आप करंगे ही.

प्रवेश शुल्क: 50/- रु प्रति व्यक्ति है.

 

इसके बिलकुल नजदीक ही रंका मोनेस्ट्री है, चलो उसका भी नंबर लगा देते हैं.

 

 

Ranka Monastery,   India

Or pal karma zurmang shedup chokhor ling Lingdum Monastery (also Ranka Lingdum or Pal Zurmang Kagyud Monastery)

 

यह गंगटोक एसएनटी बस स्टेशन से 16 km की दूरी पर रंका रोड पर स्थित है. इसका अधिक्रत नाम Pal karma Zurmang shedup chokhor ling lingdum Monastery है. यह एक अपेक्षाकृत नयी मोनेस्ट्री है, जिसका निर्माण 1999 में पूरा हुआ था. मोनेस्ट्री में भगवान् बुध की एक विशाल स्वर्ण प्रतिमा स्थापित है. प्रतिमा के सामने लामाओं के प्राथना करने के लिए दोनों तरफ बेंच व् दीवारों पर सुंदर चित्र लगे हैं.

 

रांका मठ सिक्किम के सबसे सुंदर मठों में से एक है, और यह एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है.

इस मठ के चारों तरफ सुंदर जंगल है. प्रत्येक मठ की तरह यहाँ भी युवा लामा प्रशिक्षण लेते हैं, व् उनके निवास स्थान भी यहीं है. यहाँ का विशेष आकर्षण, लोसार,यानी तिब्बती नव वर्ष के समय बौद्ध भिक्षुओं द्वारा नकाबपोश नृत्य होता है. प्रत्येक शाम को प्रार्थना बौद्ध गीत संगीत वाद्ययंत्र के साथ की जाती है.

 

यहाँ आप के लिए फोटो खीचना मना है, परन्तु स्थानीय गाइड अपने कस्टमर्स को आराम से फोटो खीचने देते है.

 

मठ के साथ ही एक रेस्टोरेंट है, और रेस्टोरेंट वाला सब को यह बताना नही भूलता कि आमिर खान ने एक फिल्म की शूटिंग के दौरान यहाँ खाना खाया था.

 

यहाँ एक गिफ्ट भी शॉप है .

प्रवेश शुल्क नहीं है.

खुलने का समय: सुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक है. 

 

यहाँ से हमारा अगला व्यू पॉइंट “The Enchey Monastery”,  एक दम दुसरी दिशा में 18 km की दूरी पर स्थित है, और इस दूरी को तय करने में लगभग एक घंटे का समय लगेगा. आज पता लगेगा, जोर कितना पाँव में है, आप तेयार हैं, तो चलते हैं और देखते हैं, “The Enchey Monastery”.   

 

The Enchey Monastery, India 

एनचेई मठ : यह गंगटोक शहर से लगभग 3 km की दूरी पर गंगटोक-नाथुला रोड पर स्थित है यह मठ लगभग 200 साल पुराना है.

 

एनचेई मठ का अर्थ "एकान्त मठ" होता है. मठ शानदार प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है, जिसके चारों तरफ ऊंचे देवदार के पेड़ हैं व् पृष्ठभूमी में  कंचनजंगा पहाड़ियों के सुंदर दृश्य से है. मठ में धातु की छत वाला प्रार्थना हॉल है, जिसमे  भगवान, देवी और अन्य तांत्रिक चित्र लगे है. यह बौद्ध धर्म के वज्रयान स्कूल के निंगमा संप्रदाय से संबंधित है.

 

एक किंवदंती के अनुसार, गुरु पद्मसंभव ने यहाँ Khangchendzonga, Yabdean and Mahākāla की आत्माओं को अपने वश में कर लिया था, और उनके इसी प्रभाव के कारण इस मठ का धार्मिक महत्व है. एनचेई मठ आज लगभग 90 भिक्षुओं के लिए एक घर है जो निंगमा संप्रदाय से संबंधित है. जनवरी माह में यहाँ  Religious Masked Dance को आयोजन  किया जाता है

 

प्रवेश शुल्क नहीं है .

मठ रोज़ सुबह 6 से शाम 4 बजे तक खुलता है.

हमारा अगला पडाव Flower Exhibition Centre था, और अब हम थकान महसूस कर रहे थे .

 

Flower Exhibition Centre,India

पुष्प प्रदर्शनी केंद्र, यह एमजी मार्ग से पैदल दूरी पर स्थित है. यह सिक्किम की विभिन्न प्रजातियों के फूलों को एक ही स्थान साथ पर प्रदर्शित करता है, जो इसे सभी पुष्प प्रेमियों के लिए इसे मनपसंद जगह बनाता है.

 

यहाँ फूलों की प्रदर्शनी सारा साल लगी रहती है, पर अप्रैल से मई तक आयोजित होने वाले वार्षिक फूल शो के समय इसको देखने ही बनता है, उस समय पड़ोसी राज्य भी इसमे हिसा लेते हैं.

 

यहाँ फूलों की मनमोहक आप को तरोताजा कर देती है. यहाँ पर फूलों के पौधों की 5000 से अधिक प्रजातियों, जिनमें से कुछ दुर्लभ प्रजातियों पाई जाती हैं. सिक्किम से विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधों को दुनिया भर में निर्यात किया जाता है.

 

यह आप फूलों के साथ अपनी यादगार फोटो क्लिक कर सकते हैं.

प्रवेश शुल्क 20/- रु है.

 

“बस बाकी कल करेंगे, और अब बस एक आख़री मत बोलना”,  विनीता ने पहले ही सेफ गार्ड ले लिया था

“बिलकुल बोलूंगा, बस लास्ट“ में ढीठता से हंसा

और यहाँ से हमारा अगला व्यू पॉइंट Do-drul Chorten  एकदम विपरीत दिशा में है, आप चाहो तो मिस कर सकते हैं, पर मुझे तो दूसरों का भी ख्याल रखना है .

 

Do-drul Chorten,India

Or Chorten gonpa monastery

यह गंगटोक शहर से लगभग 2 km की दूरी पर देवराली क्षेत्र में एक पहाड़ी पर स्थित है. इसका  निर्माण 1945 में तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रमुख तल्लिक रिनपोछे ने करवाया था. प्रत्येक मठ की तरह यहाँ भी चारों ओर 108 प्रार्थना चक्र हैं, जिनमें से सभी पर तिब्बती में मंत्र, ओम मणि पद्म हम लिखे गए हैं. मठ तक जाने के लिए एक छोटा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला रास्ता है.

 

चोर्टेन स्तूप सिक्किम का सबसे बड़ा स्तूप है, जो नीचे से सफेद व् उपर से सुनहरा है. ऐसी कहानिया यहाँ प्रचलित हैं की, एक बार बुरी आत्माओं का साया इस स्थान पर पढ़ गया था और काफी लोग इसके शिकार हो गए थे, बाद में प्रतिष्ठित लामा रिनपोछे ने आत्माओं को भगाने के लिए इस स्तूप का निर्माण कराया था. चोर्टेन स्तूप के अंदर पवित्र पुस्तकें,और कई अन्य धार्मिक वस्तुएं राखी गई हैं . 

कोई प्रवेश शुल्क नहीं है. आप श्रधा से दान दे सकते हैं.

 

अब विनीता मुझे जिस नजरों से देख देख रही थी, मेने तुरंत वापसी का हुक्म दागा.

और कल कब, क्या, केसे, करना है, इसी बारे में सोचते हुए कब नींद आ गई , पता ही नही चला, और पता चलने का कोई तरीका भी नही है.

चलिए, आप भी सो जाए, या जो दिल में आये करें, आप की मर्जी.