Wo Tum the ??? - 2 in Hindi Horror Stories by Darshana books and stories PDF | वो तुम थे??? - 2

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वो तुम थे??? - 2

खौफ़ की रात में अगर अपनों का साथ हो तो वो आसानी से कट जाती है। पर सोचिए अगर किसी का नाता ही इस खौफ की रात से हो तो क्या होगा???

इस कहानी में अब दस्तक दे रहा है इस कहानी का साया
समीर........।

हवा के झोंके के साथ जब समीर आता है तो उसके आने पर पेड़ो से पत्ते गिर जाते है। पंछी भी अपने घोसलो में अपना मुंह छिपाते है, सांप भी अपने बिल में वापिस लौट जाते है। लेकिन?? जब वो शिवल्या की जिंदगी में आने को है तो शिवल्या की जिंदगी कैसे उथल पुथल से भरेगी इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।

एक जंगली इलाका और उसमें एक बड़ा किला। जिसे सालो से लोग ढूंढ रहे है। पर अब तक कोई उसे ढूंढ नहीं सका। लोग कहते है वहां की रियासत में करोड़ों का सोना दफन हो गया। पर आज तक उसे कोई ढूंढ नहीं पाया और जो ढूंढने गया वो वापिस नहीं आया। वहां से कभी पचपन साल पहले आए कुछ लोगो की चित्रकारी न्यूज़ में
आज भी दिखाई जाती है। और ताज्जुब यह है कि उसी जगह रहता है खौफ का एक साया समीर, जिसके मन में कुछ ख्वाहिशें है जो उसकी जुबान की शायरी में झलकते है। और उसकी आवाज़ अंधेरे में और भयानक सी लगती है। वो कहता है.................

चांद से मेरी नाराजगी
नहीं दुनिया में जाहिर
जग में मेरी मौजूदगी
नहीं दुनिया में जाहिर
जिससे मेरी दिल्लगी
नहीं दुनिया में जाहिर....
कमी की उसने बना दिया
मुझको दुनिया में शायर....
आएगी वो लौट के
करता है दिल दायर.........
जल्द ही...

तुम आ गई हो। मुझे एहसास हो रहा है शिविका। तुम यहीं कहीं मेरे पास हो।।।।।
बस इंतजार तुमसे मिलने का है! सुना तुम सब ने वो आ रही है.....!!! समीर ने तन्हे मन से कहा।

दूसरी ओर शिवल्या चांद को निहार रही थी। विक्रम को अपने जज़्बात बताने के बारे में सोच रही थी.......।


अगला भाग

एक तरफ शिवल्या मन में विक्रम को अपने जज़्बात बताने की सोच रही है तो दूसरी तरफ समीर का साया उसके दिल के दरवाज़े खटखटाने को तैयार है। किसकी मुराद मुक्कमल होगी ये तो ऊपर वाला ही जाने?????

शिवल्या चांद को देखते ही विक्रम के सामने कहने लगी:- आई लाइक यू।

विक्रम हंसते हुए कहने लगा:- रियली तुम्हे चांद पसंद है!!

शिवल्या मन ही मन:- कितना डफर है ये लड़का। मै इसके बारे में कह रही हूं और ये चांद के बारे में सोच रहा है।

विक्रम:- अरे किस सोच में फसी हो??

शिवल्या:- तुम कहां समझ पाओगे। मुझे तो ये चांद समझता है ना!!

विक्रम:- अरे ये क्या बात हुईं। अगर ऐसा है तो मै चांद से नाराज़ हू क्योंंकि बचपन से लेकर अब तक मुझसे ज्यादा तुम्हे कोई नहीं जानता।

शिवल्या :- अच्छा जी। तुम्हारी बात को तो मान गए। पर सोचो अगर मुझे कोई ऐसा मिल जाए जो मुझे पिछले जनम से जानता हो और वो यही कहीं किसी जगह हमें मिल जाए तो??? तो क्या करोगे तुम??

विक्रम:- prank मत कर यार। It's not possible. और तू हमेशा ये imaginary बाते क्यों करती है?? अगर कोई तुझे पिछले जनम से भी जानता होगा ना तो भी मेरी गारंटी है कि तो भी मेरे जैसा दोस्त तो वो नहीं होगा।।

शिवल्या:- तुम sure हो ना!!

विक्रम:- sure नहीं hundred percent sure हूँ मैं।

शिवल्या मन ही मन:- तुम्हारा दिल भी जानता है कि तुम मेरे लिए क्या feel करते हो तो तुम क्यों अपने जज्बातों को समझ नहीं पा रहे हो। और तो और मेरे दिल के हाल से भी अनजान बने हुए हो। आखिर कब तक ??

विक्रम चुटकी लेते हुए:- ओह मिस यूनिवर्स कहा खो गई तुम। तुम्हे पता है ना कि हम यहां काम से आए है। हमारा स्पेशल चैनल जो हमने लॉन्च किया है, उसके लिए हमें मिस्टर एंड मिसेज खन्ना का इंटरव्यू लेना है। उनके यहां ग्रैंड collaboration party है।

शिवल्या:- मै जानती हूं कि हम काम से निकले है। लेकिन यार इन बड़े लोगो का मुझे ना कुछ समझ नहीं आता। देर रात को पार्टी करना वगेरह। और देखो ना मौसम भी कितना खराब है। अगर चैनल की बात ना होती तो शायद मैं आज नहीं आती।

विक्रम:- मैं हूं ना। तुम चिंता मत करो। चलो अब कार में चलते है। कार ठीक हो गई है। अब हम इस ढाबे से चलते है।

शिवल्या:- ओके।

दोनों कार में बैठ जाते है और कार धीरे धीरे गति पकड़ती है। कार की बढ़ती गति के साथ साथ दूसरी और समीर के दिल की गति भी और बढ़ जाती है। उसे ऐसा लगता है कि उसकी शिविका उसके बेहद करीब है। और ऐसा ही होता है। रास्ते के पास में सुनसान जंगल का बोर्ड दिखता जिस पर लिखा होता है यह खतरे का इलाका है अंदर जाना मना है। विक्रम जब वहां से गाड़ी आगे बढ़ाता तो समीर फिर बेचैन हो जाता है पर संयोग से गाड़ी वही खराब हो जाती है ............

शिवल्या विक्रम को खूब खरी खोटी सुनाती है कि तुम अच्छे ड्राइवर नहीं हो। फिर से गाड़ी खराब कर दी तुमने। अब टाइम पर कैसे पहुचेंगे वगैरा।

पर दूसरी तरफ समीर की उम्मीदें और खोई हुई सांसे जैसे फिर से वापिस आने लगती है। वो चीखकर कहता है:- देखा शिविका कायनात भी नहीं चाहती की इस बार तुम मुझसे जुदा हो। तुम और मै आज जरूर मिलेंगे। मिलेंगे नहीं मिलकर ही रहेंगे। क्योंकि मेरी आज़ादी देना सिर्फ तुम्हारे हाथ में है शिविका......... सिर्फ तुम्हारे हाथ में.........