अकबर बीरबल की कहानियां....हमने तो बहुत सुनी है अपने दादा जी से...
हमारे दादा जी हमेशा हमे कहानियां भी सुनते और आखिर में हमे उनमें से मिली हुई सिख भी बताते।
हर एक कहानी के पीछे कोई न कोई हमारे जीवन से जुड़ी हुई समस्या का हल छुपा होता था...
या कोई बड़ी सिख मिलती थी हमे..
हम भी उनके कदमों पे चल रहे है..
आज कल तो बच्चे बस मोबाईल की दुनिया में ही ,जैसे खो गए है।।
हमारी ये सलाह है कि ...बच्चे अपने दादा दादी से कहानियां सुने ...और कुछ अच्छी सिख पाए..
अच्छा तो चलिए ...
जो हमने बचपन में अपने दादा जी से एक कहानी सुनी थी...वह हम आज लिख रहे है..
अकबर बीरबल की वैसे तो कई कहानियां मशहूर है...
तो चलिए ये भी शायद उनमें से एक हो...
पर हमने तो दादाजी से सुनी थी..
अच्छा तो चलिए ....चलते है एक और कहानी सुनने...या फिर यूं कहे की एक और जीवन की सिख को पाने ......
******"
बादशाह अकबर और बीरबल ...बहुत अच्छे दोस्त भी थे..
अकबर बीरबल हमेशा की तरह टहलने जा रहे थे।
रास्ते में एक तुलसी माता का पौधा दिखा, मंत्री बीरबल ने झुक कर उन्हे प्रणाम किया ।
अकबर ने पूछा कौन हे ये ?🤔
बीरबल ने कहा ,यह हमारी माता है।
अकबर ने तुलसी के झाड़ को उखाड़ कर फेक दिया और बोला , कितनी माता हैं ,तुम हिन्दू लोगों की ?🤨
बीरबल तब तो चुप रहे....पर जैसे की हम जानते है ...बीरबल की बुद्धिमानी को...so उन्हे उसका जबाब देने की एक तरकीब सूझी ।
आगे एक बिच्छुपत्ती (खुजली वाला) झाड़ मिला !
*बीरबल ने उसे दंडवत प्रणाम किया और , कहा -" मेरे बाप की जय हो🙏।"
अकबर को गुस्सा आया .....
वे दोनों हाथों से झाड़ को उखाड़ने लगा ।
इतने में अकबर को भयंकर खुजली होने लगी तो बोला: बीरबल ये क्या हो गया ?
बीरबल ने कहा :
*आप ने हमारी माँ का अपमान किया , इस लिए ये गुस्सा हो गए ।
अकबर जहाँ भी हाथ लगाता, वहाँ पर उसे खुजली होने लगती ।
अकबर बोला :*
बीरबल !जल्दी कोई उपाय बताओ ।😟
बीरबल बोला :
उपाय तो है लेकिन वो भी हमारी माँ है । उनसे आपको विनती करनी पड़ेगी ।😒
अकबर बोला : हां जो कहोगे करूंगा...पर इसका इलाज जल्दी बताओ। 🙏
आगे गाय माता खड़ी थी बीरबल ने कहा :
गाय माता से विनती करो कि हे माता!
दवाई दो ।🙏
गाय माता ने गोबर कर दिया ।
अकबर के शरीर पर उसका लेप करने से फौरन खुजली से राहत मिल गई ।
अब अकबर बोला :
"बीरबल ! अब क्या राजमहल में ऐसे ही जायेंगे ?😟
बीरबल ने कहा :
जी नहीं । बिलकुल भी नहीं ,बादशाह ।हमारी एक और माँ है ।
सामने गंगा माता बह रही थी ।
अब आप इनसे बिनती कीजिए और बोलिए " हर हर गंगे "🙏" गंगा मईया की जय हो ।
और फिर कूद जाइए ।
नहा कर अपने आप को तरोताजा महसूस करते हुए ,अकबर ने गंगा मैया को नमन किया।
तो बीरबल ने अकबर से कहा, "महाराज ये तुलसी माता, गौ माता, गंगा माता तो जगत जननी है सबकी माता हैं ,
जो बिना भेदभाव सबका कल्याण करने वाली हैं ।
इनको मानने वालों को ही "हिन्दू" कहते हैं ।
हिन्दू एक "संस्कृति" है, "सभ्यता" है ।
*सम्प्रदाय नहीं ।
गौ माता , गंगा माता ,गीता और गायत्री माता का सम्मान कीजिये .....
ये सनातन संस्कृति के प्राण स्तंभ है ।
जय श्री राधे कृष्ण
🙏🏼🙏🏼