Ishq hai sirf tumse - 2 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | ईश्क है सिर्फ तुम से - 2

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ईश्क है सिर्फ तुम से - 2

बाबा ..... बाबा रुकिए....! ऐसी आवाज देती हुई लड़की! दौड़ते हुए आ रही थी! । जब तक वह करीब ३६ साल के आदमी के पास पहुंचती दौड़ने की वजह से वह हाफ रही थी । तभी वह आदमी कहता है! ।

रहमान: नाज कितनी बार कहां है की ऐसे पागलों की तरह भाग के मत आया करो!? और तुम आगे पीछे भी देखती नहीं! बाइक या कार से टकरा जाती तो! ।
नाज: अरे! बाबा लेकिन बात तो सुने मेरी! आप... अपना फ़ोन और पर्स घर भर ही भूल गए थे और कब से कॉल पे कॉल आए जा रही है ।
रहमान: हां तो जब मैं दुकान से वापिस आता तब ले लेता या फिर फिरोज या शकील को भेज देता! अगर जरूरी होता तो! ।
नाज: अरे! कोई मसला नहीं है! मैं कॉलेज जा ही रही थी तो सोचा! आपको देती जाऊ! ।
रहमान: ठीक है! और संभाल के जाना और इधर उधर घूमने मत चली जाना सीधा घर आ जाना! ।
नाज: मैं कहां जाती हूं घूमने बाबा वो तो आमिना है जो मुझे! इधर उधर अपने साथ ले जाती है! ।
रहमान: ठीक ठीक है! अब सफेद जूठ बोलने की जरूरत नहीं है! अब जल्दी जाओ थोड़ी देर में क्लास शुरू हो जाएगी! ।
नाज: ठीक है! खुदा हाफ़िज़! ।
रहमान: खुदा हाफ़िज़! ।

नाज तेज कदमों के साथ आमिना की घर पहुंचती है! फिर दोनो वहां से सीधा कॉलेज के लिए निकल पड़ते है । चलते चलते दोनो बाते कर रहे थे की तभी आमिना कहती है ।

आमिना: अच्छा सुन ना! मेरी फुफो की लड़की ना थोड़े ही दिनों पहले! हिंदुस्तान जा के आई! यार क्या तारीफ कर रही थी वो! और फिर कितने सारे फोटोज भी खिंचवाए है उसने! और ताजमहल भी देख के आई! चुड़ैल कहीं की ।
नाज: वाह! क्या बात है! एक उसकी कॉलेज वाले है और एक हमारी कॉलेज वाले इस्लामाबाद के अलावा कुछ नजर ही नहीं आता ।
आमिना: हां यार वहीं तो! पता नहीं कब में जाऊंगी और कब ताज महल देखूंगी! और तो और अरिजित को भी तो मिलना है ।
नाज: हां जैसे अरिजित जैसे तुम्हारे लिए फारिग ही बैठा है! की जैसे तुम जाओगी वह तुम्हारे साथ फोटो खिचवाएगा।
आमिना: यार! ऐसा कह के मेरा दिल मत तोड़! तू जानती है मैने वो कितना पसंद है! ।
नाज: अच्छा ठीक है! खुदा करे तेरी ख्वाहिश पूरी हो बस! ।
आमिना: आमीन! ।
नाज: वैसे तूने अगले हफ्ते का असाइनमेंट का सोचा कुछ! मुझे तो सब ऊपर से ही जा रहा है! । लगता है इस बार पक्का फेल होने वाले है हम! ।
आमिना: हाए! तुम्हारे मुंह में घी शक्कर! ।
नाज: ( आमिना की ओर देखते हुए ) ये क्या बोल रही है!? ।
आमिना: मेरी अम्मी ने कहां अगर इस बार में फेल हो गई तो मेरा रिश्ता तय कर देगी! ।
नाज: हां वैसे भी तुझे शादी के अलावा और कुछ दिखता भी कहां है! ।
आमिना: हां ना! देख अब पढ़ाई करके भी शादी करनी है और ना करके भी तो बेहतर है पहले शादी कर ले बाकी का काम बाद में! ।
नाज: तू ना एक नंबर की झल्ली है! चल अब जल्दी से वर्ना आज हमारी खैर नहीं! एक वैसे ही पता नहीं सर को कौन सी बला आ जाती है हमे देखकर ।
आमिना: हां बात तो सही है! ।
नाज: हां तो फिर चल जल्दी से घंटी बजने में एक मिनिट का वक्त ही बाकी है और तू वैसे भी मेरा वक्त जाया कर चुकी है।

इतना कहते ही दोनो क्लास रूम में चली जाती है। जब दोनों लंच ब्रेक के दौरान मिलते है तो! नाज की शक्ल थकान की वजह से मायूस सी हो गई थी । और आमिना बैठे बैठे नाश्ता कर रही थी...! । तभी नाज भी बैठते हुए कहती है।

नाज: यार तेरा तो पता नहीं पर मेरी सारी ताकत इस पहले क्लास में ही जा चुकी है! इतना पकाया है की मेरी तो रूह निकलने ही वाली थी वो तो शुक्र है खुदा का की घंटी बज गई... वर्ना आज अस्पताल में मिलती ।
आमिना: नाश्ता कर ले! और तुम्हे बड़ा शोख था की डाक्टरी करनी है! और मुझे भी साथ में घसीट लिया! अब जेलना तो पड़ेगा ही ।
नाज: हां पर मैने थोड़ी पता था कि ये लोग जब तक सफेद बाल नहीं आते तब तक पढ़ाते रहेंगे।
आमिना: ओय! मैंने बताया था पर मेरी तो बात तूने सुननी ही कहां है! ।
नाज: मेरे पास इसके अलावा और कोई रास्ता भी तो नहीं बचा था! मेरी फूफी तो जैसे चमगादड़ की तरह बैठी है की कब मेरी कॉलेज खत्म हो और वह रिश्ते की बात करे।
आमिना: हां! तो तेरी कॉलेज खतम होने तक अगर सलीम का रिश्ता नहीं हुआ तो!? ।
नाज: तो क्या! मैने यूएस आगे की पढ़ाई के लिए सोचा है! लेकिन मैं शादी तो नहीं करने वाली ।
आमिना: एक बात बता बुराई ही क्या है! अच्छा खासा दिखता है; अच्छी जॉब है! और तुझे पसंद भी करता है।
नाज: बस मुझे पसंद नहीं वो! मैं ऐसे शादी नहीं करना चाहती यार! जहां बस घरवालों ने रिश्ता जोड़ दिया! । मैने तो उसी से शादी करनी है जिसके साथ मेरा जोड़ हो! और वो भी प्लानिंग के साथ! ।
आमिना: और अगर ऐसा लड़का ना मिला तो!? ।
नाज: पता नहीं कही तो होगा ही वो! अगर ना हुआ तो मैंने डाक्टरी में ही जिंदगी बिता देनी है लेकिन ऐसे तो शादी नहीं करनी।
आमिना: ठीक है! देखते है कब तक तुम मुतमईन रहती हो! अभी तो चाचा भी साथ है! लेकिन जब सारे खानदान प्रेशर करना शुरू करेंगे तब देखना ।
नाज: अरे! बैचेन ना हो! बस अल्लाह का साथ रहा तो जैसे मैने सोचा है वैसा ही होगा ।
आमीना: इंसाहल्लाह! ।
नाज: चल अब! आखिर लेक्चर में मिलते है।
आमिना: ठीक है! ।

नाज अपने क्लास की ओर जा रही थी की तभी किसी से टकराती है! जब सामने देखती है! तो एक लड़का था वह माफी मांगते हुए, वहां से अपने क्लास की ओर चली जाती है।


हां भाई तो पहली बात अगर किसी शब्द का प्रयोग या लिखने में थोड़ी बहुत गलती हुई हो तो इग्नोर करना क्योंकि उर्दू के साथ मेरा इतना तालमेल नहीं है पर जब की अब दो अलग अलग जगह की स्टोरी लिख रहीं हूं तो जाहिर सी बात है थोड़ी बहुत वहां की झलक भी दिखनी चाहिए! अब देखते है कैसे होगी इनकी मुलाकात जहां एक इंडिया में है तो दूसरा पाकिस्तान में... लेट्स सी ।