Ishq hai sirf tumse - 1 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | ईश्क है सिर्फ तुमसे - 1

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ईश्क है सिर्फ तुमसे - 1

"सुलतान .... सुलतान मल्लिक नाम है मेरा!" २५ साल का लड़का अरमानी शूट में आंखे बंद करके! टेबल पर दोनो पाव रखकर आराम से बैठा हुआ था! उसके व्यक्तित्व से साफ साफ दिख रहा था की वह एकदम गुरुरी और आदर के साथ बुलाए जाने का धनी था! ना तो उसे पसंद आएगा की कोई उसकी बात की तौहीन करे!? और ना ही वह ऐसे लोगों को चैन से जीने देता है ।
"और एक बार मैं जो ठान लेता हूं! उसे मैं किसी भी कीमत पर हासिल करके रहता हूं! और ना तो यहां किसी में भी इतनी हिम्मत है की मुझे रोक सके और ना आगे भी किसी में हिम्मत होगी! तो बेहतर होगा तुम यह पेपर साईन करो! और दफा हो जाओ! ।"
सामने बैठा हुआ आदमी कांपते हुए हाथो से पेपर पर सिग्नेचर करता है।
"गुड वैरी गुड सुलतान खड़े होते हुए कहता है! । उम्मीद है की अगले चौबीस घंटो में ये होटल खाली हो जाएगी! ( चश्मे निकालते हुए ) अगर इसमें जरा सी भी देरी हुई तो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा और तुम तो जानते ही मुझे नाराज करना यानी मौत को पैगाम देने जैसा! । " सामने कुर्सी पर बैठा हुआ आदमी हो.... हो... जाएगा सर...! कल सुबह.... से पहले....! । सुल्तान... चश्मे पहनते हुए! ऑफिस से निकल जाता है! और बॉडी गार्ड भी उसके साथ पीछे पीछे भागते हुए कार का दरवाजा खोलते हुए जैसे ही सुलतान कार में बैठ जाता है तो दरवाजा बंद करते हुए! पीछे वाली गाड़ी में भागते हुए चढ़ जाता है! । सुलतान कार में बैठे बैठे अपनी सिगरेट पीते हुए कुछ काम कर रहा था की तभी उसका फॉन बजता है! ।

सुलतान: जी बड़ी अम्मा!? ।
बड़ी अम्मा: कहां हो अभी तक घर नहीं आए!? ।
सुलतान: बस रास्ते में हूं! कुछ काम आ गया था! मैं बस थोड़ी देर में पहुंच जाऊंगा! ।
बड़ी अम्मा: अच्छा सुनो! रास्ते से मिठाई भी लेते आना! तुम्हारे चाचा एक खुशखबरी सुनाने वाले है तुम्हे!? ।
सुलतान: ठीक है! ।

इतना कहते ही वह ड्राइवर को रास्ते में मिठाई लेने के लिए कहता है! और फिर से लैपटॉप में काम करने लगता है । थोड़ी देर बाद सुलतान की गाड़ी एक आलीशान बंगलों के गेट पर आकर रुकती है! । एक बॉडीगार्ड भागते हुए! उसकी कार का दरवाजा खोलता है! । सुलतान ऐसे रुआब से आ रहा था जैसे मानो! सारी दुनिया उसके कदमों के नीचे हो! वह तेज कदमों के साथ बंगलो में दाखिल होता है! । जैसे कदमों की आवाज आती है! हॉल में बैठे हुए! सभी के लोग चेहरा घुमाते है तो सुलतान को देखकर सभी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है! । सभी लोग खड़े होते हुए! सुलतान को गले लगाते है!

बड़ी अम्मी: सुलतान! मेरे बच्चे! ।
सुलतान: बड़ी अम्मी! ( मुस्कुराते हुए कसके गले लगा लेता है।) ।
दिलावर: अरे! बड़ी अम्मी हमे भी तो गले लगने दो,।
बड़ी अम्मी: हां! हां! सब्र रखो पहले मुझे तो जी भरके देखने दो! ( सुलतान के चेहरे पर हाथ फेरते हुए! सिर पर बोसा देते हुए । ) ।
दिलावर: ( सुलतान को गले लगाते हुए। ) कैसा रहा सफर! ।
सुलतान: बस! जैसा हमेशा ही होता है! ।
दिलावर: और बताओ! अब आए हो तो हमारे साथ ही रुकोगे ना!? ।
शायरा: अरे! पहले उसे चैन की सांस तो लेने दे! आप क्या वहां खड़े खड़े ही सारे सवाल पूछेंगे उससे!? ।
सुलतान: शुक्रिया चाची जान! ।
दिलावर: आओ! तुम्हारी चाची ने! सारा इंतजाम करके रखा है! ।
सुलतान: जी! ( सोफे पर बैठते हुए ) ।
दिलावर: अब आगे का क्या सोचा है!? ।
सुलतान: थोड़े वक्त के लिए हूं यहां पर! फिर इस बार यूएस जाने का सोच रहा हूं! ।
दिलावर: तुम अभी अभी तो आए हो यूके से कम से कम कुछ वक्त यहां गुजारो हमारे साथ! साल में बस कुछ दिन आते हो और वो भी कुछ घंटे रहते हो हमारे साथ और फिर चले जाते हो अपने विला पे!।
बड़ी अम्मी: सुलतान दिलावर बिलकुल सही कह रहा है! अब बस करो मेरी जान! ।
सुलतान: बड़ी अम्मी! आप जानती है की मैं क्या चाहता हूं! और अब बस यूएस मेरी कंपनी की ओपनिंग हो जाए फिर मैं यही वापस आने की सोच रहा हूं!... यहीं से सारे काम संभालूंगा ।
दिलावर: खैर! जैसी तुम्हारी मर्जी! वैसे मैं तुम्हे बताना भूल ही गया था की जो मेरी फैक्ट्री का काम कुछ मसले की वजह से ठहरा हुआ था! क्लियर हो गया है! अब पंजाब में भी हमारी फेक्ट्री जल्द ही शुरू हो जाएगी! ।
सुलतान: क्या बात है! आखिर कार आपने अरोरा'स को उसकी ओकात दिखा ही दी! ।
दिलावर: हां अब वो तो होना ही था आखिर कार उसने मल्लिक से पंगा लेने की जुर्रत जो की थी! ।
सुलतान: ( घमंड के साथ मुस्कुराते हुए ) हां! इसीलिए आपने मिठाई का डब्बा मगवाया था! ।
दिलावर: बिलकुल! इस बात का जशन तो होना ही चाहिए! ।
सुलतान: हां बिलकुल! लेकिन अभी मुझे थोड़े दिन आराम करना है उसके बाद आपको जो ठीक लगे! ।
दिलावर: तुम्हारा कमरा तैयार है! जाओ जाके फ्रेश हो जाओ! तब तक मैं तुम्हारी चाची को कहता खाना ऊपर भिजवा दे! ।
सुलतान: ( चाय का कप टेबल पर रखते हुए ) शुक्रिया! ।

इतना कहते ही वह वहां से उठकर अपने कमरे की ओर आगे बढ़ता है! । तभी जेब से फोन निकालते हुए किसी को फोन करता है! ।
सुलतान: अरोरा! पर नजर रखो! मुझे पंजाब में कोई इश्यू नहीं चाहिए! और अगर कुछ भी गड़बड़ लगे तो वहीं पर खत्म कर दो पूरे परिवार को! ।

इतना कहते ही वह! कॉल काट देता है! । और कमरे को लोक करते हुए! ब्लेजर को बेड पर फेकते हुए नहाने चला जाता है। थोड़ी देर बाद वह टावल लपेटकर बाथरूम से बाहर आता है! उसके आधे शरीर पर से पानी की बूंदे ओज की बूंदे जैसे सूरज की किरणों की वजह से चमकती है वैसे ही पानी की बूंदे! उसकी बॉडी पर बहते हुए! उसे और भी आकर्षक बना रही थीं । मानो जैसे कोई नायाब! अजूबा लग रहा था! । अपने बिजनेस में जो नाम कमाया है! उसके साथ साथ सुलतान अपने आकर्षक और हसीन नैन नक्श के लिए भी जाना जाता है! । कई मैगजीन सिर्फ उसकी खबरों की वजह लाखो की कमाई कर रही है! । सुलतान खुद भी इस बात से वाकिफ था! और उसे इस बात पे घमंड भी था की वह जिसे चाहे उसे अपना मुरीद बना सकता है! या तो अपने पैसों के दम पर या फिर अपने हुस्न के दम पर! । आज तक कोई ऐसा इंसान नहीं बना जो सुलतान मल्लिक को हिला सके! । क्योंकि सभी उसके सामने घुटने टेक ही देते हैं! और सुलतान को यह देखकर मजा भी बहुत आता है!। आखिर किस को यह बात अच्छी नहीं लगती की बाकी लॉग आपके ताबेदार है! आपसे डरते हैं या फिर आपके मुरीद है। लेकिन उनको करना तो वहीं पड़ता जैसा सुलतान चाहता है । बस! यहीं डर, शोहरत, सुलतान के ईगो को हवा देने का काम कर रहा था। और वह और भी मेहनत करता था ताकि ना तो कोई उसकी बराबरी कर सके और ना ही कभी सपने में भी करने की सोचे! और जो ऐसा सोचने की भी गलती करता! उसे ऐसी भारी कीमत चुकानी पड़ती थी की बाकी सारे लॉग डर से थर थर कांप उठते और ना चाहते हुए भी सुलतान की बात मानने पर मजबूर हो जाते! । क्योंकि वह सब जानते थे ना तो सुलतान को कोई रोक सकता है और ना ही कोई रोकने वाला पैदा होगा! होगा वहीं जो सुलतान मल्लिक चाहता है! तो अपनी और अपने परिवार की भलाई के लिए! वह हमेशा सुलतान जैसा कहता वैसा ही करते थे! क्योंकि वह बेहतर जानते थे! की सुलतान को नाराज करना यानी खुद के पांव पर कुल्हाड़ी मारना ।