Junoon - ishq ya badle ka.. - 22 in Hindi Love Stories by Princess books and stories PDF | जुनून - इश्क या बदले का... - 22

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जुनून - इश्क या बदले का... - 22

आरव का ऑफिस...💞💞💞

सिमरन ऑफिस पोहॉच कर सीधा रवी के केबिन में चली जाती है , तो रवी उसे अपने साथ आद्या के केबिन कि तरफ ले जाता है । जो कि आरव के केबिन के सामने वाला केबिन था , और जल्द ही सिमरन का केबिन होने वाला था ।

आद्या के केबिन में पोहोच कर रवी उन दोनों का आपस में इंट्रोडक्शन करवाता है , और आद्या से सिमरन को सारा काम समझाने को केहता है । कि तभी उसके मोबाईल पर आरव का कॉल आता है ।

रवि कॉल उठाता है , तो आरव उसे सिमरन और आद्या को अपने केबिन मे लेके आने को बोलता है ।

आरव ने पहले ही अपने केबिन के ग्लास विंडो से सिमरन और रवी को आद्या के केबिन में जाते हुए देख लिया था।

रवि सिमरन और आद्या को अपने साथ आरव के केबिन में ले जाता है ।

आरव अपने लैपटॉप पर अपनी आंखे गड़ाए हुए ही अपनी कॉल्ड वॉइस मे सिमरन से , " कल से तुम सिर्फ मेरी पर्सनल सेक्रेटरी ही नहीं , बल्कि मेरी पर्सनल असिस्टेंट के तौर पर भी मुझे ज्वॉइन करोगी ।"

आरव की बात सुन वहा खड़े तीनों लोग अपनी आंखे बड़ी बड़ी करके हैरानी से उसे देखने लगते हैं ।

सिमरन उसी ही हैरानी से , " लेकिन तुम्हारा तो...वो इस के आगे कुछ बोलती उससे पहले आरव अपनी नजरे लैपटॉप से हटा कर उसकी तरफ घुर कर देखता है । तो सिमरन को अपनी ग़लती रियलाइज होती है , तो वो अपनी बात को करेक्ट करती हुई , आई मीन आपके पास तो पहले से ही पर्सनल असिस्टेंट रवी है ना , ( वो रवी की तरफ एक नजर देखते हुए ) तो फिर मुझे एक साथ दो दो पोजीशन संभालने की क्या जरूरत है । वो तो रवी के साथ ग़लत हो जाएगा ना , क्या आप रवी को उसके असिस्टेंट कि जॉब से निकाल रहे हो ...? "

आरव अपने एक्सप्रेशन लेस चेहरे से ही सिमरन को देखते हुए अपनी कॉल्ड वॉइस मे , " तुम्हे रवी की चिंता करने कि जरूरत नहीं है , तुम्हे जो करने को कहा गया है ना , बस उस पर ध्यान दो , और तुम्हे किसने केह दिया कि रवी मेरा असिस्टेंट नहीं है , क्या मे अपने लिए दो असिस्टेंट नहीं रख सकता , और वैसे भी रवी के पास और भी बोहोत काम है करने के लिए , और तुम्हे मेरी पर्सनल असिस्टेंट और सेक्रेटरी दोनों के तौर पर तुम्हारी सैलरी पे की जाएगी !

सिमरन गुस्से से अपने मन में , " अरे बेवकूफ़ इंसान तुम्हारी सैलरी कि किसे पड़ी है , हम तो जॉब इस लिए करना चाहते थे , ताकि हम कभी भी किसी के भी नजरों में ना आए , लेकिन अगर तुम्हारी वज़ह से हमारा काम बीच मे ही लटक गया ना , तो हम तुम्हे किसी दिन जंगल मे ले जाके , किसी पेड़ से उल्टा लटका देंगे ।

वो गुस्से से अपने मन में आरव को पता नहीं क्या क्या बोले जा रही थी । , लेकिन वो अपने चेहरे से ऐसा कुछ भी जाहिर नहीं होने देती है ।

आरव अपनी बात को आगे कंटिन्यू करते हुए , " अगर इस के सिवा और भी कोई सवाल हो तो तुम पूछ सकती हो , "

आरव की बात सुनते ही वो वापस अपने सेंस मे आती है , और अपनी गर्दन को ज़ोर से ना मे हिलाकर हड़बड़ाते हुए , " नो...नो सर "

" Ok Then you can go. " , आरव वापस अपनी नज़रे लैपटॉप स्क्रीन कि तरफ़ करते हुए केहता है ।

सिमरन एक फीकी सी स्माइल के साथ " ओके सर " केहके आद्या के साथ केबिन से बाहर चली जाती है ।

रवी भी अपने बॉस के ऐसे अचानक डिसीजन लेने की क्या वजह है , वो उन्हे पूछना चाहता था , लेकिन उसकी हिम्मत नहीं होती कुछ भी पूछने कि। क्यों कि वो अपने बॉस को अच्छे से जानता था , कि अगर इस शैतान को गुस्सा आ गया तो यहां तो क्या उसे इस पूरी कंट्री मे कहीं जॉब नहीं मिलेगी । तो वो भी उन दोनों के पीछे निकल ने में ही अपनी भलाई समझता है।

उन तीनों के केबिन से बाहर चले जाने के बाद , आरव अपनी चेयर से टिक कर बैठ जाता है । और किसी गहरी सोच मे चला जाता है , वो क्या सोच रहा था वो तो वोही जाने ।

सिमरन का आज का पूरा दिन तो काम सीखने और समझने में ही निकल जाता है। आद्या और रवी ने उसे उसका काम अच्छी तरह से समझा दिया था ।

उसे आरव के टाइम के अकॉर्डिंग उसके पूरे दिन का शेड्यूल तैयार करना , इंपॉर्टेंट प्रोजेक्ट , क्लाइंट्स , इंपॉर्टेंट फाइल्स etcetera etcetera ( वगैरा वगैरा ) सारा काम उसे समझा देते हैं ।

सिमरन भी बोहोत अच्छे से सारा काम सीख लेती है । उसकी मेमोरी बोहोत शार्प है । इसीलिए वो कोई भी काम या बात easily सीख और समझ लेती थी ।

office hours ख़त्म हो चुका था। और सारे इंप्लॉइज भी जा चुके थे । सिर्फ चार लोगों को छोड़कर ।

आरव अपना काम ख़त्म कर के , अपने केबिन से बाहर निकलता है । उसी वक्त सिमरन और आद्या भी अपने केबिन से बाहर निकलते है । तो वो दोनों भी आरव के पीछे पीछे लिफ्ट कि तरफ़ जाने लगते हैं ।तो आगे जाके रवी भी अपने केबिन से बाहर निकलकर उन्हे साथ मे ज्वॉइन कर लेता है।

वो चारों ही आरव की पर्सनल लिफ्ट से ग्राउंड फ्लोर पर पोहोंच जाते है । और ऑफिस कि बिल्डिंग से बाहर निकल जाते हैं ।

तभी आरव का ड्राइवर ( श्याम ) उसकी कार लेके आ जाता है । तो आरव अपनी कार कि तरफ़ बढ़ जाता है ।

रवि , सिमरन और अध्या को देखकर , " तुम दोनों कहां अभी टेक्सी करके घर जाओगी , चलो मे तुम दोनों को छोड़ देता हूं। आद्या और सिमरन को भी रवी की बात सही लगती है । तो वो दोनों भी " हा " केह देती हैं । "

लेकिन आरव ने ये बात अपनी कार कि तरफ़ जाते हुए सुन लि थी ।

सिमरन और आद्या रवी की कार के पास पोहोचे ही थे कि श्याम उनके पास आके सिमरन से , " मेम सर ने आपको हमारे साथ आने को कहा है । वो आपका कार मे वेट कर रहे है । "

श्याम कि बात सुन सिमरन का बिल्कुल भी मन नहीं था , उस पागल इंसान के साथ घर जाने का , लेकिन वो आद्या और रवी के सामने उसे मना कर देती तो उन्हे लगता कि वो अपने ही बॉस कि disrespect ( अनादर ) कर रही हैं ।

इसीलिए वो मन मारकर रवी और आद्या को बाय बोल श्याम के साथ आरव की कार कि तरफ़ चल देती है।

सिमरन के जाने के बाद रवी और आद्या कार मे बैठते हैं , और वहां से निकल जाते हैं ।
To be continued....❤