Junoon - ishq ya badle ka.. - 19 in Hindi Love Stories by Princess books and stories PDF | जुनून - इश्क या बदले का... - 19

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जुनून - इश्क या बदले का... - 19

दिव्या अपने कान को हल्के हाथ से रब करते हुए मुंह बना कर दादी सा से , " आज तो आपने हमारे कान कि बैंड ही बजा दी ।"

लेकिन जल्दी ही उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है । और वो जट से दादी सा को गले लगा कर केहती है , " आप हमारे कान खींचो के थप्पड़ मारो लेकिन हम फिर भी घर में सब से ज्यादा प्यार आप ही से करते हैं , क्योंकि आप हमारी दादी सा से ज्यादा हमारी दोस्त हैं । मोम , डेड के जाने के बाद आप ही ने तो हम तीनों भाई बहनों को संभाला था । जब हम तीनों ही छोटे थे । ये कहते वक्त दिव्या का गला रूंध जाता है , और उसकी आंखे भी नम हो जाती हैं । यही हाल दादी सा का भी था ।

" हमे आज भी हमारे बेटे रघुवेंद्र और हमारी छोटी बहू प्रेरणा कि बोहोत याद आती है , लेकिन हम अपने आप को ये कहके समझा देते हैं , कि वो ना सही पर उनकी तीन तीन निशानियां के तौर पर आप तीनों बच्चे हमारे पास तो हो , यहीं हमारे लिए सुकून कि बात है। "

बड़े पापा माहौल को थोड़ा हल्का करने के इरादे से , " आप दोनों इस घर में गंगा - जमुना बहाके बाढ़ लाने कि सोच रही है क्या...? " बड़े पापा उन दोनों दादी - पोती कि तरफ देखकर केहेते है , जो इमोशनल हुई जा रही थी ।

दिव्या अपने आंखो के कोनों को साफ करके दादी सा से अलग होकर बड़े पापा कि तरफ़ मूड कर मुंह बनाके , " क्या बड़े पापा आप भी "

फिर वो जल्दी से टॉपिक को बदलते हुए अपने बड़े पापा और बड़ी मा को देखते हुए उनसे पूछती है...? , " By the way , आप लोग हमारे आने से पहले कौनसी सीरियस टॉपिक पर बात कर रहे थे...?"

दिव्या का सवाल सुन वो तीनों एक दूसरे को देखते हैं । और दिव्या उन्हे ऐसे करते देख वो उन्हे कंफ्यूज मे देखती है ।

बड़ी मा दिव्या को देखकर उसे केहती है , " वो दरसअल वीरेन यहां आ रहे हैं , तो हम बस उनके बारे में ही बात कर रहे थे ।"

वीरेन का नाम सुनते ही दिव्या के एक्सप्रेशन बदल जाते हैं , वो अपने मन में , " अब वो कमिना यहां क्यों आ रहा है "

लेकिन वो अपने चेहरे से ये दिखती नहीं है कि वो क्या सोच रही है , बल्कि वो फीकी सी स्माइल के साथ , "ओह "

उसे इस के आगे वीरेन के बारे में और कुछ भी जानने में कोई इंट्रेस्ट नहीं था । इसी लिए वो अपने आस पास देखकर , " अरे हम तो बातों बातों में पूछना ही भूल गए घर के बाकी मेंबर्स कहां है...?

तो बड़ी मा दिव्या को देखकर उसे से केहती है।

रणविजय , अनिका ( बड़े पापा के तीन बेटों में से सबसे बड़ा बेटा और बहू ) और अंगद bussiness trip के लिए ऑस्ट्रेलिया गए हैं । , अभिमन्यु अपने music album के लिए दिल्ली गए हैं । , प्रिया ( अभी कि वाइफ ) को कोई इमरजेंसी केस आने कि वजह से उन्हें हॉस्पिटल जाना पड़ा । , और रही बात आपके प्रेम भाई ( सिमरन और दिव्या का सगा भाई ) आपकी भाभी मुस्कान ( प्रेम कि वाइफ ) के साथ उनके मायके गए है।




दिव्या बड़ी मा की बात कि बात सुनकर ," ओह , तो इन शॉट के घर में आप तीन ही हो यही ना , ओके , तो हम जल्दी से जाके फ्रेश हो जाते हैं , तब तक आप डाइनिंग एरिया में जाके अपना खाना शुरू कीजिए , हम अभी गए और अभी आए " इतना केहकर दिव्या वहां से हवा कि रफ्तार से निकल लेती है ।

वो तीनो तो बस उसे जाता देखते ही रेह गए । वो इतनी स्पीड से भागी मानो उसे कोई ओलंपिक कि रेस जितनी हो । " दादी सा ने तो अपना सर पीट लिया । पता नहीं इस लड़की का क्या होगा ...? वो खुदसे ही बड़बड़ाते हुए कहती हैं।

और वो तीनों डाइनिंग एरिया कि तरफ चल देते हैं ।

" हम दी को बताए कि वीरेन आ रहा है... अ..नहीं अभी उनसे केहना सही नहीं रहेगा , हमे जब जरूरत लगेगी तब ही हम उन्हे बताएंगे " , दिव्या ऐसे ही बड़बड़ाते हुए अपने कमरे तक पोहोच जाती है । और अपने क्लोसेट रूम में जाके फटाफट अपने कपड़े निकालती है , और जल्दी से वॉशरूम मे घुस जाती है । उस अपनी दादी सा , बड़े पापा और बड़ी मा को डिनर पर ज्वॉइन जो करना था ।
मुंबई...💞💞💞💞

आरव पूरे रास्ते ना चाहते हुए भी उसकी नज़रे बार बार सिमरन के सोते हुए मासूम से चेहरे कि तरफ चली जाती थी , और जब भी सिमरन के बाल हवा के वजह से उसके चेहरे पर आ जाते तो आरव उसे बड़े आरम से उसके कान के पीछे कर देता। ताकि उसकी नींद ना खराब हो ।

आरव ने अचानक ही कार को ब्रेक लगाके रोक दिया , सिमरन जो अभी तक जो सो रही थी , कार के अचानक ब्रेक लगन के कारण थोड़ा आगे कि तरफ झुक जाती हैं । और उसकी नींद खुल जाती है।

सिमरन अपने आस पास देखती है , तो उसे रीलाईज होता है कि वो रूम में नहीं बल्कि कार में है । वो अपने बाजू में देखती है तो उसे आरव दिखता है ।

सिमरन आरव को देखकर थोड़ा हैरानी से , " मे तो तुम्हारे केबिन मे बने सीक्रेट रूम में थी ना , तो फिर में यहां इस कार में कैसे आई...?

" तो तुम्हे क्या लगता है ...? कौन तुम्हे यहां लेकर आया है ...?..." , आरव अपनी आंखे छोटी करके , अपनी बातों पर ज़ोर देते हुए केहता है ।

सिमरन उसके ऐसे अजीब ढंग से जवाब देने पर समझ ही नहीं पाती की वो अब क्या ही बोले , इसलिए वो फीकी सी स्माइल से , " ओह " केहकर जल्दी से कार से निकल जाती है।

सिमरन खुद से ही , " हमने ऐसा भी क्या पूछ लिया यार , जो ये पागल, सनकी आदमी ऐसे रिएक्ट कर रहा था । " वो ऐसे ही बड़बड़ाते हुए घर कि अंदर चली जाती है ।

आरव भी कार से निकल कर उसके पीछे घर के अंदर चला जाता है ।

दादी हॉल में बैठी टीवी देख रही थी , जब उन्होंने सिमरन और आरव को अंदर आते देखा , तो उन्होंने उन दोनों को अपने अपने कमरे में फ्रेश होने भेज दिया ।

आरव ने पहले ही घर में इन्फॉर्म कर दिया था , कि सिमरन उसके साथ ही office hours ख़त्म होने के बाद वापस आएगी । इसी लिए दादी ने उनसे कुछ नहीं पूछा ।

सिमरन सीधा अपने कमरे में चली जाती है , और आरव भी अपने कमरे कि तरफ चल देता है ।

To be continued.........