Tere Ishq Me - 6 in Hindi Fiction Stories by Priyanka Taank Bhati books and stories PDF | तेरे इश्क में. - भाग 6

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तेरे इश्क में. - भाग 6

सोनल के रूम से जाने के बाद रूही भी सो गई थी, सुबह सोनल तो पहले ही अपने स्टूडियो के लिए निकल चुकी थी, लेकिन रूही को अपने स्टूडियो में कुछ जरूरी काम के लिए जाना पड़ा था इसलिए वह अपने स्टूडियो के लिए निकल गई थी.

रूही अपने केबिन में बैठ कर अपना काम कर रही थी की तभी अचानक उसका फोन बज उठा, सोनल का कॉल था, सोनल ने उसे अपने स्टूडियो बुलाया था, अभी लगभग दोपहर के एक बजे थे, सोनल ने रूही से पहले ही बोल दिया था की आज का लंच वे दोनो साथ में करेंगे, रूही ने भी फटाफट अपना काम खत्म किया और सोनल के स्टूडियो के लिए निकल गई.

सोनल के स्टूडियो पहुंच कर सबसे पहले रूही और सोनल ने पास ही के एक रेस्टोरेंट लंच किया, लंच के दौरान ही सोनल ने रूही को बताया की उसे एक मूवी के लिए कॉस्ट्यूम्स डिजाइन करने का ऑर्डर मिला है और इसीलिए एक घंटे बाद उसकी उस मूवी के डायरेक्ट और प्रोड्यूसर्स के साथ अप्वाइंटमेंट है, सोनल ने रूही से भी कहा था की वह उसकी मीटिंग में उसके साथ चले ताकि अगर उन लोगो को उस मूवी के लिए ज्वैलरी डिजाइनर की जरूरत हो तो हो सकता है रूही को भी इस प्रोजेक्ट के जरिए कुछ ऑर्डर मिल जाए, जाहिर सी बात है रूही के स्टूडियो को अभी ज्यादा टाइम नही हुआ था तो ये उसके लिए एक अच्छा मौका हो सकता है, रूही ने भी सोनल के साथ चलने के लिए हां कह दिया था.

जब रूही और सोनल स्टूडियो पहुंचे तब डायरेक्टर से उनकी मीटिंग में आधा घंटे का समय बाकी था इसलिए सोनल उसे अपने केबिन में ले गई और वहा उसने रूही को वो डिजाइंस दिखाए जो उसने रूही की शादी के लिए बनाए थे, रूही तो ये सब देख कर शॉक्ड ही रह गई थी.

भाभी..... ये सब क्या है??? ये डिजाइंस आपने कब रेडी किए.....?? और....और आपने मुझे बताया क्यू नही..?? और आपने ये डिजाइंस रेडी किए है तो आपने मॉम से क्यू नही कहा..?? उन्होंने मुंबई के किसी स्टूडियो में ड्रेसेज डिजाइन करवाए है, लेकिन भाभी आपके डिजाइंस तो अमेजिंग है... मैं तो मॉम से आज ही बोल दूंगी की मुंबई वाले डिजाइंस कैंसिल करवा दे..

अरे... रूही.. नही.. तुम मॉम से ऐसा कुछ मत कहना.. मैंने ये डिजाइंस पहले ही रेडी कर लिए थे, लेकिन राहिल की मॉम ने मम्मा से फोर्स किया की वो मुंबई के स्टूडियो से ड्रेस डिजाइंस करवाए, मॉम तो मुझसे ही शादी की ड्रेसेज डिजाइन करवाना चाहती थी लेकिन राहिल की मॉम के कारण ऐसा पॉसिबल नही हो पाया.

लेकिन कोई बात नही मेरे पास तुम्हारे लिए एक और सरप्राइस है अपनी आंखे बंद करो, बोलकर सोनल ने एक और फाइल निकल कर रूही के सामने रख दी...

उस फाइल में एक से एक कैजुअल वियर के डिजाइंस थे रूही तो उन सब डिजाइंस को खुले मुंह से देखती ही रह गई.... भाभी अब ये सब क्या है....??? रूही ने सोनल से चौंकते हुए पूछा...

तुम मेरे डिजाइन किए हुए ड्रेसेज शादी में नही पहन सकती तो क्या हुआ... मेने तुम्हारे लिए कैजुअल वियर का पूरा का पूरा कलेक्शन तैयार कर दिया है, ये पूरी १०० ड्रेसेज है इसमें सारी, सूट, जींस, टॉप्स, वन पीस, और बाकी भी कैजुअल ड्रेसेज है जो तुम्हे पसंद आयेंगे, ये मेरी तरफ से तुम्हारी शादी का छोटा सा तोहफा है..

छोटा सा तोहफा..?? भाभी ये तोहफा नही बल्कि तोहफों का भंडार है, रूही ने बेहद खुश होते हुए सोनल से कहा और उसके गले लग गई...

इसमें से आधे ड्रेसेज तो बन कर कंप्लीट भी हो गए है, तुम देखना चाहोगी??? सोनल ने रूही से पूछा.

जा भाभी क्यू नही..?? रूही ने खुश होते हुए कहा.

तभी सोनल के लैंड लाइन पर रिंग बजने लगी, उसकी असिस्टेंट का कॉल था, उसकी असिस्टेंट ने बताया की वे लोग आ चुके है तो आप मीटिंग रूम में आ जाइए.

सोनल और रूही दोनो मीटिंग रूम की तरफ बढ़ गए.
मीटिंग रूम में जाते ही रूही की नजर वहा बैठे दो शक्स पर पड़ी.... अरे... ये तो अमन सिंघानिया है.... रूही ने उसे पहचानते हुए धीरे से अपने आप से ही बात की.

सोनल और रूही अमन के सामने जाकर बैठ गए अमन के साथ ही उसका असिस्टेंट भी बेटा था.

हेलो अमन रूही ने कहा..

ओह... हाई मिस रूही... अमन ने जवाब दिया..

क्या तुम एक दूसरे को पहले से ही जानते हो..?? सोनल ने उन दोनो को तरफ आश्चर्य से देखते हुए पूछा..

हां भाभी मैने कल जिस मिस्टर सिंघानिया के बारे में बताया था ना आपको वो ये ही है.

ओह... अच्छा.. सोनल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.

मीटिंग खत्म होने के बाद रूही तो मीटिंग रूम से बाहर आ गई थी, लेकिन सोनल और अमन अभी मीटिंग रूम में ही थे, लगभग पांच मिनट बाद अमन भी वहा से चला गया था. रूही सोनल के केबिन में ही उसका वेट कर रही थी, अब तक शाम के पांच बज चुके थे, रूही ने भी अब सोनल से जाने का बोल दिया था क्युकी उसे भी कुछ जरूरी काम थे, सोनल को घर पर मिलने का बोल कर वो अपने स्टूडियो के लिए निकल गई.

रूही अपने स्टूडियो पहुंच कर सीधे अपने केबिन की तरफ चली, उसे रिसेप्शनिस्ट ने कुछ बताना चाहा लेकिन उस पर तो न जाने कोन सी ही धुन सवार थी उसने रिसेप्शनिस्ट की बात को अनसुना कर दिया और सीधे अपने केबिन में जा कर हाथ में पानी का ग्लास पकड़ा, पहले तो उसने पूरा का पूरा पानी एक सांस में ही पी लिया फिर अपने आप में कुछ बड़बड़ाने लगी- "है!! भगवान वो अमन सिंघानिया आखिर कल से मेरा पीछा क्यू नही छोड़ रहा है....??? ऐसे तो मैं पहले उससे कभी मिली नही हूं, लेकिन सिर्फ एक बार मिलने के बाद ही आखिर क्यों उसका ख्याल मेरे दिमाग से जाने का नाम ही नहीं ले रहा है..?? क्या करू मैं इस लड़के का अभी तो मैं एक महीने तक इससे पीछा भी नही छुड़ा सकती..

रूही की बाते सुन कर उसके पीछे रखे सोफे पर बैठे अमन को जोर से हंसी आ गई, अमन पिछले आधे घंटे से उसके केबिन में बेटा उसका इंतजार कर रहा था, यही बात बताने के लिए स्टूडियो की रिसेप्शनिस्ट रूही से बार बार कुछ कहना चाह रही थी लेकिन रूही ने उसकी एक बात भी नहीं सुनी.

अमन को देख कर रूही बुरी तरह घबरा गई, उसने कस कर अपनी आंखे बंद कर ली, उसके माथे पर पसीना आने लगा.

उसकी ऐसी हालत देख कर अमन को और हंसी आ रही थी.

अब तो रूही का दिल जोर जोर से धड़क रहा था, उसे ऐसा लग रहा था की कही उसका दिल साइन से निकल कर बाहर न आ जाए, फिर उसने हिम्मत कर के अपनी आंखे खोली और अमन से पूछा- तुम यहां क्या कर रहे हो मिस्टर सिंघानिया??

मिस्टर सिंघानिया नही अमन कहिए मिस रूही, मेरे दोस्त मुझे प्यार से अमन बुलाते है मिस्टर सिंघानिया नही..

लेकिन हम दोस्त कब बने मिस्टर सिंघानिया?? आप तो मेरे कस्टमर है, दोस्त नही..रूही ने थोड़ा हकलाते हुए जवाब दिया.

अब अमन ने आगे बढ़ते हुए रूही की आंखों में घूरते हुए कहा- अभी तो कोई कह रहा था की उसके दिमाग में मेरा ही ख्याल चल रहा है कल से.. और किसी अजनबी का ख्याल तो हमारे दिमाग में चल नही सकता ना मिस रूही, तो हम दोस्त हुए न??

अमन की बाते सुन कर रूही एक दम शॉक्ड रहे गई, अमन ना सिर्फ उसके केबिन में बेटा था बल्कि उसने उसकी कही हुई सारी बाते सुन ली थी, अब तो रूही को ऐसा लग रहा था मानो धरती अभी fat जाए और वो उसमे इसी वक्त समा जाए.
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