Pyaar ka Zeher - 29 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 29

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प्यार का ज़हर - 29

" ठीक है वैसे भी इस दुनिया मे ना कुच भी हो सकता है और फिर हम इस बात के जिम्मेदार नही बन्ना चाहते की आपने ये नही मानी इस लिये शादी नही हो पाई तो शादी जल्द से जल्द करनी है तो इसमे कोई आप्पती नही है मुझे "
" ठीक है भैया शुक्रिया आपकी राइ के लिये अब आप सब बताईये ये शादी जल्द से जल्द हो जानी चाहिये ना "

" हा जिसमे तुम्हारी खुशी उसमे हमारी खुशी होगी लेकिन यहा पे कोई समश्या होने वाली है और हमने अभी से कुच नही किया तो फिर तो गडबड हो जायेगी इस लिये बहू के घर भी जानकारी देदो "

" अरे नही मम्मी वहा से भी फोन आ चुका था तो मेरि बात हो चुकी जब मे चोटी के कमरे से वापस यहा आ रहा तभी फ़ोन आया था तो मेने उनको सब बता दिया है आप फिक्र न करो वहा की "

《अग्ली सुबह और शादी का दुसरा दिन...》

" सुनो राहुल बेटा तुम ना अब बहू के घर वालो को आने को बोल दो ये सगाई जल्द से जल्द करवानि है और हमे ये शादी चार दीन नही लगाने है ठीक है क्यू की मुसीबत अपना वक़्त कभी पलट सकती है "

" हा मम्मी मे अभी फोन करके बता देता हू की वो आजाए अब "

" अरे भाई कोई राज को भी तो उठाओ वो उठा की नही अभी तक "

" और दिव्या नही नज़र आ रही है कहा गये मेने कल रात से नही देखा "

" मम्मी वो अपनी दोस्त के घर चली गये है वो बता रही थी की शादी से पहले यहा रेहना उसके लिये और मेरे लिये ठीक नही है इस लिये वो चली गये "

" भैया आपने ये गलत किया है अगर आप उसको सलामत देखना चाहते है तो वापस बुला लिजिये ठीक है "

" लेकिन इसे उसको क्या खतरा हो सकता है महेर बेटा "

" वो काला बादशाह कुच भी कर सकता है मम्मी और भैया आप को ये नही करना था वैसे भी घर मे शादी थी तो वो बिल्कुल रहने की सक्यता रखती थी इतना तो अपको पता रहना चाहिये "

" अरे हा हा बाबा माफ करदो अब हमे कुच शुजा नही उसकी जिद्द के आगे तो मेने मना नही किया अब ठीक है तो मे बुला लेता हू "

" रणजीत तुम ना सारे मेहमानो को सुचित करदो की आज सगाई है राज और हयाती की तो सब आजाए ठीक है "

" ठीक है बडी साहेबान हम सबको बता देते है "

《कुच देर बाद...》

" मम्मी राज को तैयार करो वो लोग निकल चुके है "

" हा बेटा वो भी अपने कमरे मे तैयार हो रहा है अब आ जायेगा "

" और तुम क्या कर रहे हो भाई सजावट थोडी जल्दी करो मेहमान आने वाले है सभी अभी तक तुमने ये हार और फूल नही रखे उसकी जगह पर "

" बस छोटे साहब ये बस इतना ही बाकी है फिर सजावट का काम पुरा हो जायेगा "

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ