Pyaar ka Zeher - 17 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 17

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प्यार का ज़हर - 17

राज : भाई ये क्या बोल रहे हो आप आपको मैने कितने सारे एसएमएस किए थे फोन भी किया था. लेकिन उठाया नहीं आपने भैया ऐसे मत जाओ यार.

राहुल : अरे छोटे अगर तुम्हे हमसे थोड़ा सा भी लगाव होता तो मेरे तक अपनी शादी की बात कुछ भी करके पहुंचाता लेकिन नहीं यहा तो बताने की तो दूर की बात है. शादी की बात चला कर शादी पक्की कि जा रही है. सब लोग आखिर इतने व्यस्त जो है. अपने अपने कामों में खैर कोई नी करते रहो में तो चला अब शायद वापस यहा पे आऊ भी ना.

हयाती : भैया में हयाती हूं. इस घर की बहू बनने जा रही हूं. हम आपसे और इस घर वालो से पहली बार मिल रहे है. लेकिन यकीन मानो अगर हमे आपके बारे में पता होता तो हम सबसे पहले आपको संदेशा भेज देते. पर हमें आपके छोटे भाई ने कुछ बताया नहीं लेकिन अब हम आपसे दो हाथ जोड़ कर निवेदन करते है. कि अगली बार आपको इस घर या मेरे घर से कोई भी आपको नाराज़ नहीं करेंगे. भैया इन सबके लिए नहीं पर हमारे लिए रुक जाओ. हमारी खुशी के लिए रुक जाओ ऐसे मत जाओ. आस पास के लोग रहने वाले क्या कहेंगे इस परिवार पे क्या बीतेगी जब आपके होते हुए भी आपको आपके छोटे भाई की शादी में हाज़िर नहीं हुए तो. बहुत बड़ी बदनामी होगी लोग तरह तरह की बाते करेंगे.

राहुल : ठीक है में एक शर्त पर यहा पे रहूंगा.

हयाती : जी भैया बताइए क्या शर्त है आपकी.

राहुल : यहा पर में सिर्फ आपसे बात करूंगा. और किसी से नहीं. और में यहा पे सिर्फ शादी तक रहूंगा. और शादी होती ही में वापस चला जाऊंगा. क्यू की जो अपने थे उन्होंने आज मुझे पराया कर दिया ये तो में यहा पे आग़या तभी पता चला वरना अभी भी में अनजान था. इस बात से इस सच से खैर आपसे मिल कर अच्छा. और जीते रही और खुश रहो.

हयाती : आपका बहुत बहुत धन्यवाद. भैया आपसे भी मिलकर खुशी हुए हमे.

रवि शंकर : महेश जी ये तो गलत बात है. ना आप अपने बड़े बेटे को अपने से. और अपने आप से दूर रखोगे तो भले ही वो आप से बात नहीं करता हो या फिर आपकी जो गुप्त तरीके से कि गए लड़ाई हो. पर आप और समदन जी को तो समझ ना पड़ेगा ना. ऐसे खुदके बचे को कैसे नाराज़ कर सकते है.

राहुल : कोई बात नही अंकल ये तो में शुरुआत से झेलता आ रहा हूं. लेकिन जिस दिन इसकी हद पूरी हुए मतलब सब ख़तम ये सारे रिश्ते ख़तम करके चला जाऊंगा देखना आप.

रवि शंकर : अरे नाजी बेटा ऐसे नहीं बोलते हो गए होगी अन्जानेमे गलती इंसान है. इंसानों से नहीं होगी गलती तो फिर किस्से होगी आप ही बताओ बेटा जी.

राहुल : लेकिन अंकल गलती कोई एक या दो कर सकते है. यहा तो तीन तीन लोग है घर में क्या मेरे बारे में किसीको नहीं पता था क्या.

रवि शंकर : हा ये भी है लेकिन हम भी आपको बता रहे है. कि महेरबानी करके आप कहीं जाएगा मत ठीक है. यही रहिएगा.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ