Teen Ghodon Ka Rath - 9 in Hindi Motivational Stories by Prabodh Kumar Govil books and stories PDF | तीन घोड़ों का रथ - 9

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तीन घोड़ों का रथ - 9

सदी बीत गई। इक्कीसवीं सदी अाई।
इस नई शताब्दी ने सबसे बड़ा पैग़ाम तो ये दिया कि अब ज़माना बदल गया है। तुमसे बेहतर कहने- सुनने और सोचने वाले आ गए हैं।
सदी ने जाते - जाते भारतीय सुंदरता का तोहफ़ा फ़िल्मों को दिया।
एक "मिस एशिया", दो "मिस यूनिवर्स" और कई "मिस वर्ल्ड" हिंदी फ़िल्मों को हीरोइनों के रूप में मिलीं।
जाहिर है कि अब इनके मुकाबले खड़े होने के लिए नए नायकों की ज़रूरतें भी बढ़ीं।
ऐसे में अक्षय खन्ना, सुनील शेट्टी, जॉन अब्राहम, अभिषेक बच्चन, बॉबी देओल आदि का पदार्पण भी फ़िल्मों में हुआ।
लेकिन इन सबके बीच अक्षय कुमार, ऋतिक रोशन और शाहिद कपूर की लोकप्रियता और सफलता ने नई ऊंचाइयों को छुआ।
लगातार सफल होती फ़िल्मों के खूबसूरत लंबे हीरो अक्षय कुमार ने शिखर का स्पर्श किया और वो एक समय के नंबर वन स्टार बने। अक्षय कुमार देखते देखते बॉलीवुड के बहुत लोकप्रिय और पसंदीदा नायक बनते चले गए। लंबे खूबसूरत जिस्म के इस नायक को लोगों ने केवल हिंसा और मारधाड़ ही नहीं बल्कि कॉमेडी और हल्की फुल्की गीत संगीत से सजी फ़िल्मों में भी काफ़ी पसंद किया। उन्हें सराहना के साथ साथ कई छोटे बड़े पुरस्कार भी हासिल हुए। उनकी फ़िल्मों ने केवल मनोरंजन ही नहीं दिया बल्कि कई अहम मुद्दों को भी उठाया। अपनी ही मैन छवि के चलते वो विश्व सुंदरियों के अच्छे जोड़ीदार भी साबित हुए। एक बार बॉलीवुड में लगातार छाई रहने वाली "खान तिकड़ी" के मुकाबले केवल अक्षय कुमार ही मजबूती से खड़े दिखाई दिए। सुनील शेट्टी के साथ उनकी ट्यूनिंग दर्शकों को खूब पसंद आई। सैफ अली खान की गिनती भी यद्यपि सफ़ल सितारों में होती रही थी किंतु जब सैफ अली अक्षय कुमार के साथ स्क्रीन शेयर करने आए तो बाज़ी अक्षय कुमार के ही हाथ रही। इस दौर की लंबी और मॉडल नुमा शख्सियत लेकर उतरी नायिकाओं ने भी अक्षय की मांग में इज़ाफा किया। और अक्षय कुमार ने भी नए नए विषय तथा सार्थक मुद्दे उठा कर पेश होने में कोई कोताही नहीं की।
अक्षय कुमार के साथ किसी समय के सुपरस्टार रहे राजेश खन्ना के दामाद होने का ग्लैमर भी जुड़ा हुआ था। सब मिल कर सोने पर सुहागा हुआ और अक्षय कुमार अपने दौर के केसरी बने रहे।
चुनिंदा मगर एक से बढ़ कर एक बेहतरीन फिल्मों से आए ऋतिक रोशन के रूप में दर्शकों को एक यूनानी देवताओं सा ख़ूबसूरत देहयष्टि वाला नायक मिला। कहो ना प्यार है, कोई मिल गया, से लेकर मोहनजोदड़ो तक के सफर को बड़ी से बड़ी यूनिटों और बड़ी से बड़ी नायिकाओं के साथ प्रस्तुत करते हुए ऋतिक रोशन ने भी अपने लिए एक जबरदस्त मुकाम बना लिया। उन्हें भी एक समय लोगों ने बेमिसाल मानकर अपने समय के सर्वश्रेष्ठ नायक का खिताब अता किया। नंबर एक क्लब में ऋतिक का प्रवेश भी हुआ। ऋतिक की फ़िल्मों ने लगातार ज़बरदस्त बिज़नेस किया। जिंदगी न मिलेगी दोबारा से लेकर बैंग बैंग तक कैटरीना कैफ ने भी उनका व्यावसायिक साथ दिया। एक समय में ये माना जा रहा था कि ऋतिक रोशन निदेशक के नायक हैं, उन्हें कुछ चुनिंदा निर्देशक ही उभार पाते हैं जिनमें उनके पिता का भी समावेश है। लेकिन जल्दी ही ऋतिक की सफ़लता भी उनकी अपनी सफलता बन गई और वो एक बड़े हीरो बन गए।
शाहिद कपूर फ़िल्मों में एक चॉकलेटी ब्वॉय के रूप में आये किन्तु जल्दी ही उन्होंने अभिनय के जौहर भी दिखाने शुरू किए। अपनी आरंभिक फ़िल्मों में किशोर लड़कों की पसंद बना ये शोहदों सा हीरो देखते - देखते एक दिन लड़कियों की दीवानगी भी बन गया। शाहिद कपूर ने कई बेहतरीन फिल्में दीं। हैदर, कबीर सिंह आदि फ़िल्मों ने उन्हें बड़ा नायक सिद्ध किया।