The irony of a dead wife. in Hindi Short Stories by Rubi Shukla books and stories PDF | एक मृत पत्नी कि विडंबना ।

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एक मृत पत्नी कि विडंबना ।

एक मृत पत्नी ने अपने पति को दिए हुए कुछ सलाह जो कठिन हृदय रख के हर एक पति पत्नी को पढ़ना और समझना चाहिए।

नमस्कार दोस्तों,

कहा जाता हैं कि एक सफल पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है । हमारे सुख में सुखी और दुःख में दुखी होने वाली धर्मपत्नी ना हो तो इस दुनिया में कोई पूछता नहीं है ।

सिर्फ एक कल्पना कीजिए कि ४०–५० वर्ष की उम्र में धर्मपत्नी का अटैक से हो जाए और घर में बच्चे मम्मी मम्मी कर के रो रहे हो, और बाकी परिवार के लोग रोते रहे उस समय धर्मपत्नी का पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए रखा हो उस समय उसका पति घर के एक कोने मे छुप के रोता है उस समय धर्मपत्नी की आत्मा स्मशान जाते जाते ४०–५० वर्ष तक पति के साथ रहकर जो सुख– दुःख एक दूसरे से बांटे थे उस घर में रहकर जब पत्नी घर छोड़ स्मशान जा रही हैं तब पति को पत्नी का मृत देह सलाह के कुछ शब्द केहते है ।

१) पत्नी अपने पति से कहती है विवाह के समय जो हमने सात फेरे लेते हुए सात वचन लिए थे जिसमे साथ जीने और मरने का भी वचन था लेकिन मुझे स्वपन में भी नही पता था के एकाएक जुदा होना पड़ेगा । चलो मै चलती हूं।

२)मुझे पता है आपको डायबिटीज –बीपी दोनो है इसलिए मीठा खाना कम कीजिएगा क्योंकि अब आपके हाथ में जो मिठाई की थाली थाली होगी उसे जबरदस्ती छीन लेने वाला आपके पास कोई नही होगा इसलिए अपना ध्यान रखना।चलो मैं चलती हूं।

३) सुबह जल्दी उठ कर दवाई लेना मत भूलना। सायद चाय देर से मिले तो बहु पर गुस्सा मत होना क्योंकि में नही हुं यह समझ कर जीना.... चलो मै चलती हूं।

४) हा हो सकता है बच्चो को बहु डराए तो पर भी गुस्सा मत होना क्योंकि उस गुस्से को चुप चाप सुन लेना उस गुस्से को निगल जाने वाली मै नही रहूंगी आपके पास.... चलो मैं चलती हूं।

५) मेरा रुमाल कहा है, मेरी चाभी कहा है, ऐसी गलत आवाजे मत करना ये सब याद रखना है और इसे याद रखने की आदत डाल लेना ।बहु जो भोजन दे उसे शांति से खा लेना मुझे पता है मेरी गैर मौजूदगी आपको सताएगी पर क्या करू..... चलो मै चलती हूं।

६) बुढ़ापे मे लकड़ी लेना मत भूलना, अंधेरे मे धीरे धीरे कदम रखना , नीचे गिरोगे और हाथ पैर टूटेगा तो आपकी सेवा करने वाला कोई नही होगा इसलिए संभाल कर चलना.... चलो मैं चलती हूं।

७) बस आखिर में ज़िंदगी में आपसे एक बात छिपाई है हो सके तो मुझे माफ करना , आपने मुझे पूरे जीवन जो घर खर्च के पैसे देते थे, उसी पैसे मे से बचा के मेने बचत खाता खुलवाया है ।हमारे गांव के पोस्ट में मेरे बचत खाते में एक लाख रुपए जमा है उस एक लाख मे से २५ हजार बेटी को २५ बहु को और ५० आप अपने पास रखना क्योंकि बुढ़ापे मे काम आयेंगे ,लेकिन एक भूल कभी मत करना ।किसी मंदिर में दान देके मेरी तकती कभी मत लगाना क्योंकि मेने पूरे जीवन आपको भगवान माना है । मेरी याद आए तो मेरी मेरी तस्वीर देख लेना , मेरी पुरानी यादों को याद करना ........ । चलो अब मै चलती हूं.....।