Poverty Compulsion - 2 in Hindi Moral Stories by आरोही" देसाई books and stories PDF | गरीबी मजबूरी - 2

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गरीबी मजबूरी - 2

रमनलाल और सविता मीना के ससुराल मैं उसके हाल चाल पूछने गए थे। मगर दोनों को ये बात पता चली की उसकी बेटी मीना अब ये दुनियां मैं नहीं रही कोई कारण वश उसकी मृत्यु हो गई। ये बात सुनके रमनलाल और सविता के पैरो तले जमीन खिसक गई। और वो रोते हुवे दोनों जमीन पे बैठ गए। वो रोते ही रहे । दोनों समझ नहीं पाए की ये सब क्या और केसे हो गया। वो दोनों अब क्या करे वो सोच रहे थे ।फिर दोनों उठे और अपने घर जाने के निकल गए।
घर पे मीना का भाई था जो १२ वी कक्षा में पढ़ रहा था । वो १२ की परीक्षा हुई थी उसका परिणाम भी आ गया था। और वो अच्छे मार्क्स के साथ पास हुवा था। अब वो आगे कुछ पढ़ने से अच्छा वो समझता था घर की परिस्थितियां इसलिए वो जीपीएससी और यूपीएससी गवर्मेंट परीक्षा की तैयारियां करता था।
रामलाल और सविता पुरे रास्ते में रोते रोते और दुःखी होकर अपने घर लोट आए। और अपने माता पिता को दुःखी और रोते देख के राजु ने पुछा की क्या हुवा आप दोनों ऐसे क्यूं रो रहे हो आप लोग तो बहन के घर गए थे ना क्या हुवा वहा पे बताओ। मगर दोनों कुछ बता नहीं रहे थे रोए ही जा रहे थे और दुःखी हो रहे थे। और मीना का अंतिम बार भी चेहरा देखने नहीं मिला था और उसकी हड़िया भी नहीं मिली थी।

राजु (दुःखी होके दो हाथ जोड़कर पूछा) बताओ क्या हुवा हैं। ऐसे क्यों रो रहे हो आप लोग । क्या हुवा बहन ठीक हैं। कुछ बोलते क्यों नहीं हो। वो भी थोड़ा दुःखी था।

रमनलाल : बेटा अब तुझे क्या कहूं कहने के लिए कुछ बचा ही नहीं हैं। तुम्हारी बहन अब इस दुनियां में नहीं रही हैं । चल बसी हैं। बस इतना बोल के फिरसे रोने लगे।

ये सब सुनके राजु के भी पैरो तले से जमीन खिसक गई। ओर वो भी रो पड़ा और पूछने लगा पिताजी ये सब कब हुवा कैसे हुवा और ये बात आप लोग गए तब पता चला ये सब जीजाजी ने क्यू नही बताया। हम अंतिम बार भी बहन को देख नहीं पाए।

रमनलाल ने बताया कि मीना की मृत्यु कोई कारण वश हो गई। बस इतना ही बताया जमाई राजा ने और कुछ नहीं बताया और उसके सास ससुर ने भी कुछ नहीं बोले।

ये सब बात राजु सुन के अब उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे । फिर थोड़े दिन ऐसे ही चला और फिर थोड़ा संभल के मीना के पिताजी फिर से कारखाने में काम करने जाने लगे और मीना की माता भी घरकाम करने लगी । और राजु भी अपनी परीक्षा की तैयारियां में लग गया मगर उसने मन ही मन नक्की किया की वो कठोर परिश्रम करेगा और यूपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण होके आईपीएस और पोलिस ऑफिस मैं नौकरी करेगा। और पता करेगा अपनी बहन के बारे में की उसके साथ वास्तव में क्या हुआ था।

राजु ने लगातार कठोर परिश्रम किया सारी किताबें वो रात दिन पढ़ता था । रात दिन वो हद से ज्यादा पढ़ता था । और अब थोड़े दिन में यूपीएससी से सब गवर्मेंट के फ्राॅम भरने की तारीख आई । और उसने २/३ अलग अलग परीक्षा के फ्रॉम भरे। और फ्रॉम भरने के बाद वो फिर से अपनी तैयारियों में जुड़ गया।

थोड़े दिन गए और सब अच्छा चल रहा था। एक दिन की बात हैं राजु पढ़ रहा था और उसके पापा अभी थोड़े दुःखी होके बैठे थे । रात्रि का समय था खाने का टाईम हो रहा था इसलिए सविता ने राजु को बुलाया और बोला की अपने पिता को कहो खाना खा ले और तुम भी आ जाओ खाना खाने बैठो। राजु अपने पिता को बुलाने गया मगर वो दु:खी बैठे थे। राजु ने उसके पिता को समझाया और खाने के लिए आग्रह किया। मगर उन्होंने मना कर दिया। फिर भी राजु ने अनुरोध करते हुवे कहा अब चलो भी पिताजी। फिर उन्होंने हा कहा। सब लोग खाना खाने बैठे। खाना खाया और बाते करते करते अब सोने ही जा रहे थे । उसकी माता ने कहा ये अचानक से हमारे परिवार को किसकी नज़र लग गई । क्या हो गया हमारे साथ ऐसे बाते करते हुए सो गए।

थोड़े दिन ऐसे ही पसार हो गए फिर अब राजु ने फ्रॉम भरा था उसकी परीक्षा की तारीख नजदीक आने लगी। वो बड़ी लगन से अपनी परीक्षा के लिए पढ़ रहा था। जोरो सोरो से तैयारियां कर रहा था। अब परीक्षा २ दिन में यूपीएससी की परीक्षा थी।
राजु अपने पिताजी से बात करते हुए कहा पिताजी अब दो दिनों में मेरी परीक्षा हैं। मुझे आशीर्वाद देना की में अच्छे नंबर से परीक्षा में उत्तीर्ण हूं । मुझे परीक्षा पास करनी हैं।
रमनलाल ने बोला हां बेटा हमारा आशीर्वाद हमेशा से तेरे साथ ही हैं।
२ दिन खतम होने वाले थे परिक्षा की अगली रात थी राजु पढ़ ही रहा था। फिर सुबह हुई राजु नहा धोखे एक दम तैयार हो गया परीक्षा देने जाने के लिए उसने फिर से अपने माता पिता के पैर छुए और आशीर्वाद मांगे। रमनलाल और सविता ने राजु को आशीर्वाद देते हुए कहा बेटा अच्छे से लिखना और पास होके की आना।
राजु घर से निकल गया परीक्षा देने के लिए और परीक्षा खंड में पहुंच गया। परीक्षा का टाईम हुवा सब अपनी सीट पे परीक्षा देने बैठे । और अध्यापक ने सबको उत्तर पुस्तिका बाटी और पेपर भी बात दिए।
सब लोग अच्छे से पेपर स्लॉव कर रहे थे । परिक्षा खतम हुई। अध्यापक ने सब के पास से उत्तर पुस्तिका वापस ले लिए।
थोड़े दिन बीते की अब राजु की परीक्षा का परिणाम आने वाला था । राजु खुश था बहुत अपने माता पिता के आशीर्वाद लेते कहा पिताजी आज मेरी परिक्षा का परिणाम हैं। फिर थोड़े समय के बाद उसी दिन परिणाम आया ।
राजु ने देखा और वो बहुत दुःखी हो गया की वो फर्स्ट अटेमैप में फेल हो गया था।
वो दुःखी होके अपने माता पिता को बताया कि वो पहली बार में ही फेल हो गया हैं। उसके माता पिता ने उसे समझाया बेटा कोई बात नहीं । फिर से मेहनत कर और पास हो जा।
राजु समझ गया और फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारियां करने लगा।
*क्रमश:*