Towards the Light – Memoirs in Hindi Motivational Stories by Pranava Bharti books and stories PDF | उजाले की ओर--संस्मरण

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उजाले की ओर--संस्मरण

एक अविस्मरणीय पर्यावरण दिवस 

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नमस्कार स्नेही मित्रों 

    आज आप सबसे अपने जीवन का हाल का ही एक ऐसा दिन साझा करना चाहती हूँ जो मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा | आशा है, अप सब भी मेरे साथ इसको जानकार, पढ़कर आनंदित होंगे | 

   यह रिपोर्ट है, स्नेही मित्र इसे पढ़कर आनंद लें | 

    पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम हर दिन होते हैं लेकिन दिनांक 5 जून का एक ऐसा दिन था जो सदा अविस्मरणीय रहेगा | 

  कार्यक्रम था 75 वर्ष अपनी आज़ादी का महोत्सव, विश्व पर्यावरण दिवस, प्रख्यात साहित्यकार डॉ.प्रणव भारती के 75वें दिवस पर उनकी पर्यावरण से संबंधित 75 अछांदस रचनाओं के संकलन 'डैफ़ोडिल्स ! तेरे झरने से पहले ' पुस्तक के विमोचन का |  

  ICAC आर्ट गैलेरी के 'ओनर' डॉ. रविन्द्र मरडिया, थैंक्यू पब्लिशर्स की 'ओनर' सुश्री मन श्री के सम्मिलित तत्वाधान में इस शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया | 

    कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध दोहाकार एवं गीतकार श्री नरेश शांडिल्य जी (दिल्ली), सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं 'राही रैंकिंग के सूत्रधार श्री प्रबोध कुमार गोविल जी एवं गुजरात के मूर्धन्य साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई | 

  कार्यक्रम की ख़ूबसूरती इसमें रही कि डॉ.प्रणव भारती को अपनी स्नेहिल उपस्थिति से सराबोर करने वाले सभी उपस्थित महत्वपूर्ण रचनाकारों ने उनको दिल से शुभकामनाएँ प्रेषित कीं | 

   उपस्थित डॉ.अंजना संधीर, सुश्री मंजु महिमा, सुश्री मधु सोसि, प्रसिद्ध ग़ज़लकार, सुश्री जानकी पालीवाल, डॉ.प्रभा मजमुदार, सुश्री प्रीति 'अज्ञात', सुश्री नीरजा (हस्ताक्षर पत्रिका ) की सम्पादक, सुश्री कविता पंत, सुश्री निशा चंद्रा, मल्लिका मुखर्जी, प्रसिद्ध ग़ज़लकार डॉ.ऋषिपाल धीमान, आर्टिस्ट श्री अजीत पारेख, गिरीश बलूनी आदि अनेकों साहित्यकारों व साहित्य प्रेमियों ने डॉ. प्रणव भारती को स्नेहपूर्ण बधाइयाँ दीं | 

नरेश शांडिल्य जी ने सुन्दर दोहों व गीत से उपस्थित साहित्य प्रेमियों का मन मोह लिया |श्री प्रबोध गोविल ने डॉ.प्रणव भारती के लेखन व उनके स्नेहिल व्यक्तित्व के बारे में बात की | 

  इस कार्यक्रम में प्रणव भारती के परिवार-जन उनकी बेटी श्रद्धा, दामाद मनीष शर्मा, पुत्र श्रुतिन श्रीवाल, धेवता रुशील, पोती सुरभि व उनके जापानी भाई श्री तकाशी शिनोदा ने भाग लिया | 

दिल्ली से पधारे अशोक कौशिक व प्रमिला कौशिक दम्पति ने सुन्दर स्लाइड शो की प्रस्तुति की जिसे देखकर प्रणव भर्ती भावुक हो उठीं | | 

    साहित्यकार सुश्री श्रद्धा रमाणी द्वारा सुन्दर व सफ़ल संचालन व प्रमिला कौशिक द्वारा प्रणव भारती द्वारा लिखित माँ वीणापाणि की सुंदर प्रार्थना से प्रारंभ होने वाले इस सुनियोजित कार्यक्रम का धन्यवाद अर्पण सुन्दर शब्दों में डॉ.रविन्द्र मरडिया द्वारा किया गया | 

  अंत में केक कटिंग व स्वादिष्ट भोज से इस सुन्दर कार्यक्रम का समापन किया गया |सम्पूर्ण कार्यक्रम बहुत सुन्दर वातावरण में संपन्न हुआ और एक खूबसूरत संध्या यादगार के रूप में दर्ज हुई | 

मित्रों ! जीवन में अद्भुत संयोग कैसे हो जाते हैं ? कैसे स्नेह करने वाले लोग मिल जाते हैं | सब कुछ सुनिश्चित होता है | मुझे लगता है, हम बस स्नेह बांटने का व्रत ले लें और जीवन में आनंदित हो जाएँ | 

सबको मेरी स्नेहिल दुआएँ, नमस्कार 

आपकी मित्र 

डॉ.प्रणव भारती