Rest of Life (Stories Part 13) in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | शेष जीवन (कहानियां पार्ट13)

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट13)

रमेश गांव जाने लगा तब उमा उसे छोड़ने के लिए स्टेशन गयी थी।उससे विदा लेते समय रमेश बोला,"अपने रिश्ते की बात करके आऊंगा।"
रमेश एक सप्ताह की छुट्टी लेकर गया था।लेकिन लौटा था पुर्र एक महीने के बाद।रमेश के लौटने के बाद उमा ने उससे पूछा था,"पिताजी ने तुम्हे तार देकर क्यो बुलाया था?"
"माँ की तबियत खराब है"।रमेश ने उमा से झूठ बोला था।
"अब कैसी है माँ की तबियत?"
"अब तो पहले से ठीक है।माँ की तबियत खराब होने के कारण अपने रिश्ते की बात नही कर पाया।'
"जल्दी क्या है?पहले माँ को ठीक हो जाने दो।फिर बात कर लेना।"
और यह बात आई गई हो गयी।रमेश के लौटने के बाद उमा के दिन फिर हंसी खुसी गुज़रने लगे।कई महीने गुज़र गए।इन बीते महीनों में उमा न जाने कितनी बार रमेश के कमरे पर गयी थी।
लेकिन आज। उसके घर जाकर वह अचंभित रह गई थी।घर पर रमेश नही उसकी पत्नी मिली थी।रमेश पर वह कितना विश्वास करती थी पर आज उसका रमेश पर से विश्वास उठ गया था।रमेश उसे धोखेबाज नज़र आ रहा था।रमेश उसकी जिंदगी में आने वाला पहला मर्द था।रमेश से उसने प्यार किया और उस पर विश्वास करके समर्पण भी कर दिया।पर वह धोखेबाज निकला था।
उमा दिन भर बिस्तर पर पड़ी न जाने क्या क्या सोचती रही।शाम को रमेश उसके घर जा पहुंचा।
"आज आफिस क्यो नही आयी?"
"वैसे ही"।उमा अनमनी सी बोली थी।
"क्या बात है।क्या तुम्हारी तबियत खराब है?"
"मेरी तबियत से तुम्हे क्या लेना देना।मैं जिउ या मरु?"
"उमा आज तुम केसी बहकी बहकी बाते कर रही हो।तुम्हारी चिंता अगर मुझे नही होगी तो फिर किसे होगी?"रमेश उसकी बात सुनकर बोला,"मैं तुम्हे चाहता हूँ।तुमसे प्यार करता हूँ।और तुम्हे अपनी जीवन संगनी बनाने का वादा तुम से कर चुका हूँ।"
"रमेश मुझे तुम्हारी दूसरी पत्नी बनने में कोई रुचि नही है।",रमेश की बात सुनकर उमा बोली थी।
"दूसरी पत्नी,"उमा की बात सुनकर रमेश चोंकते हुए बोला," क्या मतलब।"
"मतलब तुम्हारी सीमा से शादी हो चुकी है।"
"कौन सीमा?"
",तुम्हारी पत्नी सीमा।मैं सुबह तुम्हारे घर गयी थी।अगफ तुम्हे सीमा से ही शादी करनी थी तो मेरे साथ प्यार का नाटक क्यो खेला?मेरे तन मन से क्यो खेलते रहे?,मुझे धोखा क्यो दिया?'
"उमा मैने तुम्हे धोखा नही दिया है।मैं सीमा से शादी करना नहीं चाहता था।फिर भी मुझ पर दबाव डालकर मेरी शादी सीमा से करा दी गयी।"
"पढ़े लिखे समझदार और बालिग होकर ऐसी बात कर रहे हो।तुम नही चाहते तो तुम्हारी शादी सीमा से कैसे हो जाती।"
"उमा मैं तुमसे झूठ नही बोल रहा।सच कह रहा हूँ।"और रमेश के सामने अतीत के पन्ने खुलने लगे।
रमेश अपने पिता का तार मिलने पर गांव पहुंचा था।गांव पहुचने पर उसे अचानक गांव बुलाने का कारण पता चला।श्याम लाल के जिगरी दोस्त मोहन को कैंसर था।मोहन की तबियत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी।मोहन अपनी इकलौती बेटी सीमा की शादी मरने से पहले करना चाहता था।श्याम लाल ने सीमा का रिश्ता रमेश से तय कर दिया था।रमेश को अपने रिश्ते के बारे में जानकर आश्चर्य हुआ था।उसे उम्मीद नही थी कि उसके साथ ऐसा होगा।
श्याम लाल पुराने विचारो के थे।इस बदले जमाने मे भी वह बेटा बेटी की शादी करना अपना विषेशाधिकार समझते थे।