Jaadui Mann - 4 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | जादुई मन - 4 - बिन्दु त्राटक

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जादुई मन - 4 - बिन्दु त्राटक

अध्याय 3 के आगे --

बिन्दु त्राटक में अनुभूति –

जब हम बिन्दु त्राटक कर रहे होते हैं, तो हमें कैसे पता चले ? कि हम बिन्दु त्राटक सही कर रहे हैं।
अभ्यास में शुरू में हमें कठिनाई जरूर होती हैं, किन्तु धीरे धीरे अभ्यास बढता है तो त्राटक सही से होने लगता है, हमें वह बिन्दु सुनहरी रंग का दिखाई देने लगता है सुनहरी से कभी नीला दिखाई देने लगेगा, फिर वह नीले से हरा दिखाई देने लगेगा आगे चलकर वह बिन्दु शुभ्र वर्ण का सूर्य के समान चमकता हुआ दिखाई देने लगेगा । कभी कभार वह गायब हो जायेगा, कभी बिन्दु कई रंगों से जगमग करता दिखाई देगा । इस प्रकार ऊपर बताये क्रम से भिन्न भी दिख सकता है । ऐसा जब हो तो समझे हम सही रास्ते पर हैं । कभी कभार बिन्दु घूमता हुआ दिखाई दे तो, हमें यह समझ लेना चाहिए कि हमारी आंखों की पुतली स्थिर नहीं हुई, इस लिए वह बिन्दु घूम रहा है, हमें बिन्दु स्थिर दिखाई दे इसके लिए अभ्यास करना है । हमारी आंखे थक जाये तो पानी से धो लेना है । अभ्यास रोक देना है । हमें पूरे दिन में बिन्दु त्राटक का अभ्यास पांच बार से अधिक नहीं करना है । क्योंकि हमारी आंखें इससे अधिक साधना नहीं कर पायेंगी । यदि हम जल्दी से सफलता पाने की चाह बना रखे हैं तो यह अच्छी बात तो है पर हमारी आंखो में शक्ति अर्जित करने की क्षमता अब नहीं है, ऐसा मानकर कौतुहल बस आंखों पर साधना का भार ज्यादा नहीं बढ़ायेंगे वर्ना आंखों को हम नुकसान ही पहुंचाएंगे।

धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय । माली सींचे सौ घड़ा ऋतु आये फल होय ।।

इस उक्ति का ध्यान रखते हुए साधना में जल्दबाजी ठीक नहीं ।

बिन्दु त्राटक में अलग अलग अनुभव –

कुछ लोगों को बिन्दु त्राटक में बिन्दु बड़ा होता हुआ और छोटा होता हुआ भी दिखाई देता है ।
कुछ लोगों को बिन्दु में ऐसे दृश्य भी दिखाई देते हैं जो पहले कभी उन्होंने देखे होंगे । कुछ ऐसे दृश्य भी हो सकते हैं जो पहले कभी देखे नहीं होंगे ।
कुछ महिनों के अभ्यास के बाद कुछ को बिन्दु में आकृतियां भी दिखने लगती हैं, कुछ को देवी देवताओं की छबि भी दिखने लग जाती है । यह सब गलत नहीं है उसकी स्मृति में जो तस्वीर, जो भावना है, जो उसने श्रद्धा भावना अपने मन में की है वही परिलक्षित होने लगती है ।

बिन्दु में अपने मित्रों परिजनों को भी देखा जा सकता है । धीरे धीरे वह क्षमता विकसित की जा सकती है जो बिन्दु में हम देखते हैं वह सही में होता हो । बिन्दु त्राटक से भूतकाल की घटना या वर्तमान की स्थिति को देखा जा सकता है, अगर इसके साथ साथ अन्तर त्राटक का अभ्यास भी साथ साथ हम करते रहें ।

अन्तर त्राटक –
अन्तर त्राटक में बिन्दु त्राटक करते हुए जब बिन्दु सूर्य की तरह चमकता दिखने लगे तो आंखे बंद करके उसे भ्रकुटियों के मध्य में देखना, उस बिन्दु को नेत्र बंद के देखना । यह अन्तर त्राटक थोड़े से अभ्यास से भ्रकुटी के मध्य दिखने लग जाता है । अन्तर त्राटक को 32 मिनट तक करने का अभ्यास करना है …

क्रमशः -