Haadsa aur Paheli - 1 in Hindi Fiction Stories by S Sinha books and stories PDF | हादसा और पहेली - 1

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हादसा और पहेली - 1

 

 


                                                                       कहानी -   हादसा और पहेली  

 

डोर बेल की आवाज सुन कर शांता ने अपनी कामवाली से कहा ¨ लक्ष्मी , जरा देख तो इस गर्मी की  दोपहर में कौन आया है ? जरा देख कर दरवाजा खोलना  . ¨


दरवाजा खोलते ही लक्ष्मी ने कहा ¨ छोटे बाबा आप , आईये  . ¨ 


¨ कौन नितिन आया है क्या ? “


¨ हाँ , मांजी छोटे बाबा ही हैं ¨   


नितिन ने पहले अपने सामान को अंदर रखा फिर माँ के पैर छूते हुए हंस कर कहा  ¨ मम्मा , इसे सिखाओ  .  मुझे छोटे बाबा न कहा करे  . ¨  


¨ ये क्या , फिर तू अपने सामान के साथ आया है ? इसका क्या मतलब है ? ¨


¨ इसका मतलब है मैं अब तुम्हारे पास रहूँगा मम्मा  . ¨


¨ वो तो ठीक है , इस बार  क्या हुआ ?  फिर कामिनी से झगड़ा हुआ है ? ¨ मैंने तो पहले ही कहा था  वह लड़की जरूरत से ज्यादा स्मार्ट और महत्त्वाकांक्षी है  .  तुम्हारी उससे ज्यादा दिन निभेगी नहीं  . ¨ 


¨ इस बार फाइनल ब्रेक अप हो गया  . ¨


“ अरे लिवइन रिलेशन में मेकअप और ब्रेक अप क्या ? तुमने नाहक  दो साल बर्बाद किये , पहले रागिनी और अब कामिनी के चक्कर में  . तेरे  लिए लड़कियों की क्या कमी है ? अब यह यायावरी छोड़ और शादी कर अपनी गृहस्थी बसा  . “


फिर  शांता ने लक्ष्मी कामवाली से कहा “ नितिन को शर्बत पिला और कुछ देर बाद दोनों का खाना लगा  . इसका सामान  ऊपर शुभ्रा के बगल वाले कमरे में रख देना  . “


शुभ्रा का नाम सुन कर नितिन सवालिया आँखों से माँ की तरफ देखने लगा  . 


¨ शुभ्रा  एक लड़की है ,  किरायेदार   . उसका  भी अपने ब्वॉयफ़्रेंड से ब्रेक अप हो गया है  . वह दो सप्ताह  पहले ही आई है  . वैसे मुझे रुपयों की नहीं , किसी के साथ की जरूरत थी  , तेरे पापा के निधन के बाद अकेलापन बहुत खल रहा था  . मुझे भली लड़की लगी सो मैंने उसे एक कमरा  दे दिया  . ¨


¨ वह अभी अपने कमरे में होगी ? 


¨ नहीं , वह सुबह आठ नौ  बजे  निकल जाती है तो रात आठ नौ बजे ही आती है  . पर अब तू आ गया है तो उसका किराया और एडवांस लौटा दूंगी और जल्द से जल्द उसे दूसरी जगह जाने को कहूँगी  . ¨ 


¨ हाँ , यही सही होगा  . जब तक उसे दूसरा मकान नहीं मिलता उसे रहने दें  . ¨


शांता खुद नीचे के कमरे में रहती थी  .  उसके दोनों घुटनों में आर्थराइटिस था , उसे सीढ़ियां चढ़ने उतरने में काफी दर्द होता  , इसीलिए नीचे ही रहती थी  . ,उसका एक छोटा सा डुप्लेक्स था , नीचे  एक कमरा , किचेन , ड्राइंग रूम और डाइनिंग स्पेस  और ऊपर दो कमरे   . उसी में एक कमरा उसने शुभ्रा को किराये पर दे दिया था  .  शुभ्रा बीस बाईस वर्ष की सुन्दर लड़की थी और पेशे से मॉडल  . शांता ने उसे पहले ही बता दिया था कि रात नौ बजे के पहले ही घर में लौट कर आना होगा वरना घर में नो एंट्री  . शुभ्रा सुबह अपने रूम में ही टोस्ट और चाय बना लेती , लंच और डिनर बाहर ही करती थी . 


रात के नौ बजने में दस मिनट रह गए थे , पर शुभ्रा अभी तक लौट कर नहीं आई थी  . शांता कुछ चिंतिति और कुछ क्रोधित थी  . तब तक एक टैक्सी से शुभ्रा उतर कर जल्दी  भागी भागी आयी  . नितिन अपने बेड रूम से लगे  बालकनी में खड़ा यह सब देख रहा था  . माँ की नींद न खुले यह सोच कर डोर बेल बजने के पहले ही नीचे आ कर उसने दरवाजा खोला तो शुभ्रा पूछी  ¨ आप कौन ? ओ , छोटे बाबा  . ¨

 

¨ आपको मैं छोटे बाबा नजर आ रहा हूँ ? ¨


¨ मैंने आपका फोटो देख कर लक्ष्मी से पूछा था तो उसने यही नाम कहा  था  . ¨

 

¨  मुझे  नितिन कहते हैं  . वैसे तुम सिर्फ दो मिनट से बच गयी वरना तुम अंदर नहीं आ सकती थी  . ¨


दोनों एक साथ ऊपर सीढ़ियां चढ़ रहे थे  तो शुभ्रा ने पूछा ¨ आप भी ऊपर आ रहे हैं ? ¨


¨  हाँ , दूसरा कमरा मेरा ही होगा  . वैसे तुम्हारे साथ टैक्सी में वो कौन था ? ¨


¨ वो एक फोटोग्राफर था , आज मेरा एक फोटो शूट था  . टैक्सी मिलने में देर हो रही थी तो उसने कहा मुझे ड्राप 

करता हुआ वह चला जायेगा  . देखिये न देर हो रही थी इसलिए मैं मेकअप भी नहीं हटा सकी   . ¨


¨   मुझे तुम कह सकती हो  . बहुत अच्छी लग रही हो इस मेकअप में  . मैं डिनर के बाद कॉफ़ी पीता  हूँ  . तुम भी पिओगी तो बना  दूँ ?  ¨  एक चेयर पर बैठते हुए नितिन ने कहा 


¨ आप पांच मिनट यहीं बैठिये  . मैं अपने रूम से बना कर लाती हूँ  . ¨


शुभ्रा अपने कमरे में गयी  . उसने  अपना मेकअप हटाया और  ड्रेस चेंज किया  . इस बीच कॉफ़ी तैयार हो गयी थी  . वह  दोनों हाथों में दो मग कॉफ़ी लेकर आयी  . एक मग नितिन को देते हुए वह  सामने वाली कुर्सी 

पर बैठ गयी  . 


¨ वाओ , तुम तो बिना मेकअप के और भी सुन्दर लग रही हो ¨


¨ क्या बात है , पहली ही मुलाकात में मेरे पीछे पड़  गए हो ? मेरे बारे में क्या जानते हो ? ¨


¨ यही कि हम दोनों अपने एक्स से अलग हो चुके हैं ?  जितनी अच्छी तुम हो उतनी ही अच्छी  कॉफ़ी भी बनाती हो  . ¨

¨ थैंक्स फॉर कॉम्प्लिमेंट्स  . वैसे मेरे बारे में आपको बहुत कुछ पता है  . आप किस प्रोफेशन में हैं  . ¨


¨ मैंने दो दोस्तों के साथ मिल कर एक स्टार्टअप कंपनी शुरू किया है  . कुछ ऑर्डर्स इंडियन कंपनियों से मिले हैं  .  अमेरिका से  बड़े आर्डर की कोशिश में हूँ  . वो मिलने से कम से कम  एक मिलियन डॉलर्स तो जरूर मिलेगा  . ¨


¨ दैट्स ग्रेट , बेस्ट ऑफ़ लक ¨


उस रात कॉफ़ी पीने के बाद दोनों एक दूसरे को गुड नाईट कर के अपने अपने रूम में चले गए  . 

 

दूसरे दिन सुबह  नितिन  बालकनी  में बैठा चाय पी रहा था  .  उसने देखा  सामने वाले स्टोर से लक्ष्मी एक पैकेट में कुछ सामान ले कर निकली और सीधे शुभ्रा के कमरे में गयी  . शुभ्रा पीने का पानी लेने नीचे आयी  . अकुआ गार्ड नीचे ही लगा था  . उसे देख कर शांता बोली ¨ बेटी , मुझे गलत नहीं समझना , पर अब मेरा बेटा यहीं रहेगा  . शायद तुम्हारा अब यहाँ रहना ठीक न हो  . जब तक कोई दूसरा घर नहीं मिलता , तुम यहाँ रह सकती हो  . ¨


¨ हाँ  आंटी , मैं आपकी परेशानी समझ सकती हूँ  . कोशिश करती हूँ एक महीने के अंदर  दूसरा इंतजाम करने को  . ¨


नितिन ऊपर खड़ा सुन रहा था  . जब शुभ्रा  पानी ले कर ऊपर आयी  तो वह बोला ¨ मेरी वजह से आपको परेशानी हो रही है , सॉरी  .  वैसे मुझे कोई परेशानी  नहीं है  . शायद आपको प्रॉब्लम हो  बगल के कमरे  में मेरे होने से  . ¨


¨ मेरा तो प्रोफेशन ही ऐसा है कि मर्दों के आस पास ही दिन भर रहती हूँ  . मुझे आपके चलते कोई  प्रॉब्लम नहीं है , फिर भी मैं जल्द  मूव करने की कोशिश करती  हूँ   . ¨


नितिन और शुभ्रा दोनों जब एक साथ ऊपर होते  , कुछ देर बातें अवश्य कर लेते थे  . कभी  साथ बैठ कर चाय कॉफ़ी भी पी लेते  . अगले दो तीन दिन ऐसे ही गुजर गया  . एक दिन शांता अपनी सहेली की बेटी की शादी में शहर के दूसरे छोर पर कहीं दूर गयी थीं  . जाते समय नितिन को बोल गयीं  कि रात में काफी देर हो सकती है  .  वहां जाने के बाद उन्होंने फोन कर बेटे को बताया कि वे रात में नहीं आ सकती हैं   .  


क्रमशः