Junoon - ishq ya badle ka.. - 17 in Hindi Love Stories by Princess books and stories PDF | जुनून - इश्क या बदले का... - 17

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जुनून - इश्क या बदले का... - 17

आरव केबिन का डोर नॉक होता है , आरव जाके डोर खोलता है , तो सामने रवी था जिस ने अपने हाथ में एक बेग पकड़ा हुआ था । आरव उससे बेग लेकर उसे जाने को बोलता है । रवि के मन में बोहोत सारे सवाल चल रहे थे , लेकिन उसकी हिम्मत नहीं होती , अपने शैतान बॉस को कुछ भी पूछने कि , पता नहीं कब वो उसके गुस्से का शिकार बन जाए । इसीलिए वो वहां से खिसक लेता है ।

आरव वापस सिमरन के पास आके उसे वो बेग थमा देता है । और रूम से बाहर निकलकर उसका डोर बंद कर देता है , फिर किसी को कॉल लगाके अपने और सिमरन के लिए लंच मंगवाता है ।

जब सिमरन उस बेग खोलकर देखती है तो उस मे वैसे ही कपड़े थे जैसे उसने आरव से कहकर मंगवाए थे ।

सिमरन धीरे धीरे चल कर वॉशरूम मे जाके कपड़े बदलती है । तब तक उनका लंच भी आ गया था , आरव उसे लेके रूम के अंदर चला जाता है । कॉफी टेबल पर ले जाके वो दो प्लेटो में खाना सर्व कर देता है ।

तभी सिमरन वॉशरूम से बाहर आती है । आरव उसे खाने के लिए बुलाता है , वैसे भी आज सिमरन ने ढंग से ब्रेकफास्ट खाया नहीं था । तो वो भी बिना किसी आना कानी किए ही , कॉफी टेबल कि तरफ़ आकर सोफे पर बैठ जाती है। और दोनों अपना लंच करने लगते हैं..!

थोड़ी देर बाद ...💞💞💞

लंच हो जाने के बाद सिमरन घर जाने कि बात करती है । तो आरव उसे मना कर देता है , लेकिन सिमरन भी कहां मानने वाली थी वो भी जिद करते हुए केहती है ।

अब मे चल सकती हूं , तो फिर यहां रुकने का क्या मतलब ..? मुझे यहां से जाना है ..!

आरव गुस्से से ऑडर देते हुए :- तुम यहां से कहीं नहीं जाओगी ।

सिमरन चिढ़कर :- तो तुम क्या चाहते हो कि में यहां अपना घर बसा लू...?... इतना केहकर वो बेड पर से उठने कि कोशिश करती है ।

तो आरव अपने दोनों हाथों को बेड के दोनों साइड रख कर उसे बीच मे ही घेर लेता है । और उसकी तरफ झुककर उस कि आंखो मे आंखे डालकर अपनी कॉल्ड वॉइस मे केहता है ।

अगर तुमने यहां से एक इंच भी हिलने कि कोशिश कि तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा । सिमरन फिर कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोलती है , कि आरव उसकी बात को बीच मे ही रोककर अपनी बात आगे कंटिन्यू करते हुए केहता है।

अब मुझे इस टॉपिक पर और कोई बहस नहीं चाहिए । अगर तूमने अपना मुंह खोला तो , तुम्हारे मुंह को बंद करने के मुझे और भी बोहोत से तरीक़ आते है । जो तुम्हे शायद पसंद ना आए ...। ऐसा केहकर वो अपनी नज़रे सिमरन के गुलाबी होंठो पर ले जाता है , तो सिमरन उसका इशारा समझ जाती है।

और गुस्से से उससे केहती है । अगर तुमने फिर से मेरे साथ उल्टी सीधी हरकत करने कि सोची भी ना , तो मे तुम्हारे इस हैंडसम चेहरे का ऐसा नक्शा बिगाड़ूगी ना , कि तुम खुद अपनी शक्ल को आइने में पहचान नहीं पाओगे ।

वो तो बाद कि बात है , लेकिन उसके पहले जो में करूंगा उससे तुम कैसे बचोगी इसीलिए , जो मेने तुमसे कहां है , उसे एक अच्छे बच्चे कि तरह मानो , और चुप चाप यहां रेस्ट करो । वरना .... वो इतने में ही रुक जाता है और एक डेविल स्माइल करते हुए सीधा खड़ा हो जाता हैं।

तुम्हे पागलपन के दौरे पड़ते रेहते हैं क्या ...? , कल तक तो तुम मुझे काटने को दौड़ रहे थे , फिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि तुम इंसानों वाली हरकते करने लग गए...?... । सिमरन चीड़ कर कहती हैं ।

उसकी बात सुनकर आरव उसे घुर कर देखता है ।

ऐसे क्या घुर रहे हो , मे तुम्हारे ऐसे घूरने से डरती वरती नहीं हूं समझें , अब तुम्हारी हरकते ही ऐसी है तो इसमें मेरी क्या ग़लती । कब तुम रावण से सीधे राम और राम से सीधे रावण के अवतार आते जाते रहेते हो , मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आता।

सिमरन मासूमियत से बोलती है ।

सिमरन और कुछ आगे बोलती उससे पहले आरव irritate होकर केहता है ।

दादी कि वजह से ...! वरना मुझे भी कोई शोक नहीं है तुम्हे झेल ने का ...!

सिमरन उसे Confusion मे देखती है ।

आरव अपनी बात आगे कोंटीन्यू करते हुए केहाता है ।

क्योंकि तुम दादी से रिलेटेड हो , और मे अपनी दादी से बोहोत प्यार करता हूं , और उनके लिए में कुछ भी कर सकता हूं , उनकी खुशी के लिए किसी भी हद टक जा सकता हूं , अगर तुम्हे वो इस हालत में देखेंगी , तो सबसे ज्यादा तकलीफ उन्हे ही होंगी , और में ये बर्दास्त नहीं कर सकता । अगर तुम्हे समझ में आ गया हो , जितना केह रहा हूं उतना करो , बिना किसी और बेहेस के ..!

इतना कहकर आरव रूम से बाहर चला जाता है , और अपने केबिन में वापस आके अपना पेंडिंग वर्क कंप्लीट करने में लग जाता है । वही सिमरन दादी के लिए मन मार कर ही सही पर आरव की बात मानके बेड पर लेट जाती है । और अपना मोबाईल चलाने लगती है ।

अहमदाबाद ...💞💞💞💞

P.R. industries....

दिव्या ने आज डिसाइड किया था कि वो आज ऑफिस से ही डायरेक्ट अपने पैलेस वापस जाएगी , इसी लिए वो अपना थोड़ा बोहोत सामान जो उसके लिए जरूरी था , वोही वो अपने साथ लाई थी ।

लगभग ऑफिस आवर ख़त्म होने से एक घंटा पहले ही उसे ऑफिस से नीकल ना था , क्योंकि पैलेस पोहोंच ने में at least उसे तीन घंटे लगने वाले थे । इसी लिए वो कार्तिक , कियारा और अमय से मिलकर ऑफिस से नीकल जाती है ।

मुंबई...💞💞💞💞


आरव का ऑफिस...


अपना सारा पेंडिंग वर्क कंप्लीट कर लेने के बाद आरव अपनी चेयर से उठ कर रूम में जाता है । अबतक तो office hours ख़त्म हो चुका था । सारे इंप्लॉइज भी जा चुके थे । और आरव ने रवी को भी उसके घर भेज दिया था।


आरव रूमे जा कर देखता है , तो सिमरन गहरी नींद में सो चुकी थी । आरव को वो किसी मासूम से छोटे बच्चे कि तरह लग रही थी , आरव उसके पास जाता है । और उसके हाथ से मोबाइल लेके अपने कोर्ट की पॉकेट में रख देता है।


तभी उसकी नज़र उसके बेली बटन पर चली जाती है । जिस पे वो डायमंड पियर्सिंग बोहोत खूबसूरत लग रहा था।जो उसकी टी शर्ट थोड़ी ऊपर उठने के कारण दिख रहा था । उसके दिल कि धड़कने अपने आप ही बढ़ने लग जाती है ।


लेकिन अचानक ही उसकी आइब्रो आपस में जुड़ जाती है , जब उसकी नज़र उसके बेली बटन के आस पास उसकी लाल पड़ी हुई स्किन पर चली जाती है । उसे याद आता है कि उस पर गरम कॉफी गिरी थी ।


सिमरन ने उसे कुछ बतााया क्यों नहीं ये बात सोच कर ही उसे सिमरन पर बोहोत गुस्सा आ रहा था । लेकिन उससे भी ज्यादा गुस्सा उसे रवी पर आ रहा था । वो जानता था कि रवी ने ये जान बुच कर नहीं किया था , फ़िर भी उसे बोहोत गुस्सा आ रहा था । क्यों... वो बात तो वो ख़ुद भी नहीं समझ पा रहा था ....?


आरव जाके फर्स्ट एड बॉक्स में से एक ointment लेके सिमरन के पेट पर हल्के हाथ से लगा देता है । और उसकी टी शर्ट को सही करके उसे आरम से अपनी बाहों में उठा लेता है , ताकि उसकी नींद ना खराब हो ।


वो उसे लेके अपने केबिन से बाहर निकल जाता है , और सीधे अपनी प्राईवेट लिफ्ट में उसे ले जाके वो ग्राउंड फ्लोर का बटन प्रेस कर देता है। लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर आके रुकती है , तो आरव उसे अपनी कार कि तरफ ले जाता है।


ड्राईवर आरव को आता देख , कार का डोर ओपन करता है । आरव सिमरन को front passenger seat पर आरम से बैठा कर उसकी सीट बेल्ट लगा देता है । और खुद ड्राइविंग सीट पर आके बैठ जाता है । और कार स्टार्ट करके राजावत पैलेस के लिए निकल जाता है । पीछे पीछे उसके बॉडीगार्ड्स की भी कारे निकल पड़ती है।

❤️ मोहब्बत मै करने लगा हूं !


उलझनों मे जीने लगा हूं !


दीवाना तो मै था नहीं लेकिन


तेरा दीवाना बनने लगा हूं ! ❤️


To be continued.....