रवि कि पूरी बात सुन कर , दादी सिमरन को एक नजर देखते हुए आरव से कहती हैं।
अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लम ना हो , तो क्यू ना तुम सिमरन को ही अपनी पर्सनल सेक्रेटरी बनालो ..?..
दादी कि बात सुन सिमरन जो खा रही थी , वो उसके गले में ही अटक जाता है। और वो जोर जोर से खांसने लगती है।
सिमरन को ऐसे खांसता देख सब लोग परेशान हो जाते हैं।
प्रांजलि जल्दी उठ कर उसे पानी का ग्लास देती है , और उसकी पीठ को सहलाने लगती है। ताकि उसे खांसी से आराम मिल सके । सिमरन फिर नॉर्मल हो जाती है।
तो दादी परेशान होते हुए उससे पूछती है। कि वो ठीक है के नहीं , सिमरन बस अपनी गर्दन हिलाकर हा मे जवाब दे देती है।
सिमरन अपने मन में ( क्या दादी आप भी हमें कहां फसा रहे हो । हम इस सिर दर्द (आरव) को घर में झेल रहे है , क्या वो कम है जो अब इसे जॉब के नाम पर ऑफिस में भी झेले । दादी को अब कैसे समझाए कि हमे इस सनकी के साथ काम नहीं करना चाहते । लेकिन हम उन्हे सीधे सीधे ना भी तो नहीं केह सकते , लेकिन कोशिश करने में क्या हर्ज है । )
ऐसा सोच कर सिमरन हिचकिचाते हुए दादी से केहती है।
दादी वो में... I mean ...मैने पहले से ही अपनी जॉब के लिए दो तीन जगह पर अप्लाई कर दिया है । मुझे लगता है कि I I meant to say that ( मेरे कहने का मतलब ये था कि ) मुझे कहीं ना कहीं तो जॉब मिल ही जाएगी । तो फिर मुझे.....
दादी सिमरन के हाथ पर अपना एक हाथ रखकर उसकी बात को बीच मे ही काट कर केहती है।
मुझे सब पता है बेटा कि तुम Indirectly क्या केहने कि कोशिश कर रही हो...! यही ना की तुम अपनी जॉब के लिए किसी का भी Favour नहीं लेना चाहती ।
दादी कि बात सुन सिमरन बस अपनी नज़रे झुका देती है।
दादी अपनी बात को आगे कंटिन्यू करते हुए कहती है।
मे समझती हूं बेटा , पर हमारी खुदकी इतनी बड़ी कंपनी है ।इस के बावजूद भी तुम अगर कहीं और जॉब करोगी । तो मुझे हमेशा तुम्हारी चिंता लगी रहेगी । पर तुम अगर आरव की कंपनी ज्वॉइन करोगी , तो मुझे भी तुम्हे लेकर तसल्ली रहेगी ।...
लेकिन अगर तुम ये जॉब नहीं करना चाहती , तो कोई बात नहीं । ये तुम्हारी लाइफ है बेटा और मे इस मे किसी भी तरह का कोइ interfere नहीं करूंगी । ये Decision सिर्फ तुम्हारा होगा , कि तुम कहां जॉब करना चाहती हो ,और कहां नहीं । दादी थोड़ी उदासी से कहती हैं ।
सिमरन अपना सर उठाती है , और दादी के उसी हाथ पर अपना दूसरा हाथ रख कर थोड़ा इमोशनल होते हुए केहती है।
आपसे ये किसने कहां की आप मेरी लाईफ का कोई decision नहीं ले सकती । मैने आपको सिर्फ दादी कहां नहीं है बल्कि पूरे दिल से आपको अपनी दादी माना भी है । आप को मुझे किसी भी बात के लिए explanation देने कि जरूरत नहीं है । आपको तो पूरे हक से मुझे बस ऑडर देने कि जरूरत है।
सिमरन की बात सुनके दादी कि आंखे नम हो जाती है। और वो बड़े प्यार से उसके फोर हेड पर किस कर देती है।
घर के बाकी सब लोग भी इमोशनल हो जाते हैं ।
नरेन प्यार से सिमरन के सर पर हाथ फेरते हुए केहते है।
आज इस घर को एक और बेटी मिल गई । और ख़बरदार अगर तुमने कभी भी इस घर को पराया समझा तो , ये घर जितना आरव , आरुष और आरुषि का है । उतना ही अब से तुम्हारा भी है । अगर तुम्हे इस घर में कोई कुछ भी कहेना बेटा तो बस सीधा मेरे पास चली आना , मे उसे अच्छे से सबक सिखाऊंगा ।
सिमरन बस एक प्यारी सी स्माइल के साथ अपनी गर्दन हिला देती है।
तो ठीक है आप आज ही ASR group of institutions आ जाइए फॉर्मलिटीज पूरी करने के लिए । फिर कल से आप ऑफिस ज्वॉइन कर ली जिएगा । रवि सिमरन को देखकर केहता है। तो सिमरन उसे हा केह देती है ।
कुछ देर बाद....
आरव और रवी ऑफिस के लिए निकल जाते हैं। तो वही सिमरन ऑफिस जाने के लिए रेडी होने अपने कमरे में चली जाती है।
सिमरन क्लोसेट रूम में जाती है। और अपने लिए एक " पिंक टी शर्ट और ब्लैक जींस " निकालकर चेंज करके चली जाती है।
चेंज करने के बाद वो ड्रेसिंग टेबल के सामने जाके , अपने बालों कि हाई पोनीटेल बना देती है । होंठो पर हल्की पिंक लिपस्टिक और आंखो पर चश्मा पहन लेती है।
और अपनी फाइल लेके कमरे से बाहर निकलकर सब को बाय बोलती है । और आरव के ऑफिस के लिए निकल जाती है।
सिमरन के जाते ही , आरुषि दादी के कमरे कि तरफ चली जाती है। और उन के कमरे का डोर नॉक करती है।
दादी जो बालकनी मे बैठ कर न्यूजपेपर पढ़ रही थी । आरुषि को देख उसे अपने पास बुलाती है। तो आरुषि दादी के पास जाकर उनके बगल मे बैठ ते हुए कहती है।
आरुषि :- दादी मुझे ना आपसे जरूरी बात करनी है ।
दादी एक स्माइल के साथ न्यूजपेपर पढ़ते हुए ही :- आरव और सिमरन की शादी के बारे में ना ..?..
आरुषि हैरानी से :- आपको कैसे पता कि में उन दोनों कि शादी के बारे में आपसे बात करने आई हूं ...?...
दादी :- बेटा मैने ये बाल ऐसे ही धूप मे सफेद नहीं किए । मझे बोहोत एक्सपीरियंस है इन सब बातो का मे एक नजर में ही पहचान जाती हूं , कि कौन किसके लिए सही है और कौन नहीं ।
सिमरन को आरव के साथ देखते ही मे समझ गई थी , कि मेरे इस नालायक , गुस्सैल पोते को कोई अगर संभाल सकता है , तो वो कोई और नहीं बल्कि सिमरन ही है। जो मेरे पत्थर दिल पोते को पिगला सकती है। और उसे सीधा कर सकती है। लेकिन....
आरुषि :- लेकिन क्या दादी...?....
दादी हताशा से :- लेकिन ये बेटा जी कि ये दोनों तो एक दूसरे से सीधे मुंह बात तक नहीं करते । एक east ( पूरब ) है। तो दूसरा west ( पश्चिम ) तो फिर ये दोनों साथ आएंगे कैसे...?... और सबसे जरूरी बात मेरा नालायक पोता , वो तो लड़कियों के नाम से भी दूर भागता है। शादी क्या ख़ाक करेगा...?...
आरुषि टेठी मुस्कान के साथ :- फिकर नोट दादी , मेरा ये खुराफ़ाती दिमाग़ कब काम आएगा।
दादी कंफ्यूजन से:- मतलब ..?
आरुषि :- मतलब ये दादी के मेरे पास एक plan है। अगर मेरा ये plan successful हो गया , ना तो भाई ख़ुद सिमरन दी से शादी करने कि पहेल करेंगे ।
दादी खुश होते हुए :- क्या सच मे ...? तो बताना तेरे पास क्या प्लान है... या मुहूर्त देखकर बताएगी ।
आरुषि :- अरे बताती हूं दादी , पर हमें इस प्लान मे रोहन भाई कि भी हेल्प लेनी होगी। तो मे पहले रोहन भाई को कॉल लगाती हूं ।
इतना केहकार वो रोहन को कॉल लगा देती है , और फोन को स्पीकर पर कर देती है ।
जैसे ही रोहन कॉल उठाता है , तो उसके बोलने से पहले ही आरुषि केहाती है।
रोहन भाई हमें ना आपकी एक हेल्प चाहिए ।
रोहन कनफ्यूज होकर :- हेल्प... पर कैसी हेल्प..?..
आरुषि रोहन का सवाल सुनकर उसे आरव और सिमरन के बारे में सब कुछ डिटेल मे बता देती है।
रोहन हैरानी से :- what... इतना सब कुछ हो गया ,और उस गधे ने मुझे अबतक कुछ बताया भी नहीं ।
आरुषि :- वो सब ना आप आरव भाई से बाद मे हिसाब किताब कर लेना । अभी आप मेरी बात सुनो ऐसा केहाकार वो अपना सारा प्लान रोहन को समझा देती है।
रोहन थोड़ा डरते हुए :- देख आरु तेरा प्लान तो अच्छा है बेटा , पर रिस्की भी बोहोत है । अगर तेरे शैतान भाई को ग़लती से भी ये पता चल गया ना , कि ये सब एक प्लान है तो वो तुम्हे और दादी को तो कुछ नहीं कहेगा , पर मेरे छोटे छोटे टुकड़े कर के चिल कौओ को जरूर खिला देगा ।
आरुषि :- अरे डोंट वरी भाई आई प्रोमिस आपको कुछ नहीं होगा ,और दादी भी तो है हमारे साथ क्यों दादी ... वो दादी को देखकर कहती है तो दादी भी उसकी हा मे हा मिलाते हुए उसे भरोसा दिलाती है । तो रोहन भी उनके प्लान मे शामिल हो जाता है l
To be continued.💫💫💫