Hotel Haunted - 17 in Hindi Horror Stories by Prem Rathod books and stories PDF | हॉंटेल होन्टेड - भाग - 17

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हॉंटेल होन्टेड - भाग - 17

'हेलो मैं ऊंटी के सिविल हॉस्पिटल से बोल रही हूं,आपकी पत्नी रिया की हालत बहुत खराब ह,आप जल्द से जल्द यहां आ जाईए' इतना कहने के बाद फोन कट हो जाता है। नर्स की बात सुनकर राज जैसे पत्थर का हो गया था। वह कुछ बोल नहीं रहा था उसके हाथ में फोन था। उसकी आंखें खुली की खुली रह गई थी। दोनों इस वक्त रोड के साइड पर खड़े थे, हवाएं इस वक्त बहुत तेज चल रही थी और ऊपर से बादलों के गरजने की भी आवाज आ रही थी। इन सब माहौल के बीच पास से गुजरती गाड़ियों के शोर के अलावा कुछ सुनाई नहीं दे रहा था।

मनीष राज की और देखते हुए पूछता है 'क्या हुआ राज तुम इतने shocked क्यों लग रहे हो किसका फोन था?' राज मनीष की और देखता है पर कुछ नहीं बोलता है। राज के कुछ ना जवाब देने पर मनीष राज के कंधों को पकड़कर हिलाते हुए जोर से बोलता है 'राज क्या हुआ कुछ बोलोगे'
'वो...... वो ऊंटी के सिविल हॉस्पिटल से फोन था, रिया तो मिल गयी है पर उन्होंने कहा है कि रिया की हालत बहुत खराब है।'


'तो फिर राज अभी तक यहां पर क्यों खड़े हो, हमें जल्द से जल्द सिविल हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए, तुम गाड़ी में बैठो मैं मिस्टर पाटिल को भी फोन करके इन्फॉर्म कर देता हूं।' मनीष राज को पकड़कर कार में बीठाता है, वह अभी भी कोई शौक से बाहर नहीं आ पाया था। मनीष जल्द ही कार स्टार्ट करता है और दोनों हॉस्पिटल की ओर निकल पड़ते हैं। कार इस वक्त रोड पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रही थी। थोड़ी देर में दोनों हॉस्पिटल पहुंच जाते हैं, कार साइड में पार्क करके दोनों दौड़ते हुए हॉस्पिटल के अंदर एंटर होते हैं। अंदर पहुंचते ही राज रिसेप्शन पर एक लड़की बैठी हुई थी उससे कहता है 'हेलो मैडम मेरा नाम राज है क्या आपने ही थोड़ी देर पहले मुझे कॉल किया था? मेरी पत्नी रिया कहां है? वह ठीक तो है ना?'

'हां सर मैंने ही आपको कॉल किया था, आप यहां से सीधा जाकर बाय मुड़ जाइए वहां पर इमरजेंसी वॉर्ड़ है वहीं पर आपकी बीवी को एडमिट किया गया है।'थैंक्स' इतना कहकर वह दोनों जल्दी से दौड़ते हुए वहां पहुंचते हैं। वहां पहुंचकर राज खिड़की से कमरे में देखता है तो रिया बेहोश होकर बेड पर लेटी हुई थी, उसके शरीर पर कई जगह पर घांव के बहुत गहरे निशान थे, जैसे किसी ने चाकू या किसी तेज हथियार से उस पर कई वार किए हो उसका खून बहुत वह चुका था। रिया की यह हालत देखकर राज की आंखों से आंसू निकल जाते हैं। वह चेयर पर बैठ कर रोने लगता है,मनीष उसके पास ही खड़ा था पर इस बार वो भी राज को रोने से नहीं रोकता है क्योंकि आप जिससे बहुत प्यार करते हो उसे दर्द में देखकर आपको भी अंदर से उतनी ही तकलीफ होती है, इसलिए ऐसी हालत में आंखों से आंसू निकल ना जायज़ है। मनीष राज के पास आकर बैठ जाता है तभी वहां राजीव और पाटिल भी पहुंच जाते हैं वह दोनों भीगे हुए थे क्योंकि बाहर अब बारिश शुरू हो गई थी।

वह सभी आपस में बातें कर ही रहे थे कि तभी 'डॉक्टर....डॉक्टर पेशेंट को होश आ गया' नर्स हॉस्पिटल के कमरे में से चिल्लाती हुई भागी। नर्स की बात सुनकर वह चारों तुरंत ही खड़े हो गए। राज खिड़की के पास जाकर अंदर देखने लगता है। वह देखता है तो रिया ने अपनी आंखें खोल दी थी और वह इधर-उधर देख रही थी तभी रिया की नजर राज पर पड़ती है और उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है। वहां राज की ओर अपना हाथ बढ़ाती है, जैसे वह उसे अपने पास बुलाने का इशारा कर रही हो। रिया को देखकर राज की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। वह अभी दौड़कर अंदर जाने ही वाला था कि तभी रिया की सांसे तेज चलने लगती है। उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही हो।

रिया की यह हालत देख कर राज दौड़ कर उसके पास पहुंचता है। उसके साथी पीछे-पीछे मनीष, राजीव और पाटिल भी अंदर चले जाते हैं। 'रिया....रिया...यह क्या हो रहा है तुम्हें? तुम्हारी यह हालत कैसे हुई?' वैसे तो इस वक्त राज के मन में कई सवाल थे पर रिया की हालत के चलते उसे किसी सवाल का जवाब नहीं मिल रहा था। रिया बेड पर पड़े पड़े जोर-जोर से सांसे ले रही थी कि तभी वहां पर डॉक्टर और नर्स पहुंच जाते हैं 'डॉक्टर देखिए ना रिया को क्या हो रहा है?' राज डॉक्टर की ओर देखते हुए कहता हैं।


रिया की धड़कन इस वक्त बहुत तेज चल रही थी, हैरानी की बात तो यह थी कि उसे ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था फिर भी उसे सांस लेने में इतनी तकलीफ हो रही थी। वह बेड पर पड़े बिना पानी की मछली की तरह छटपटा रही थी। उसके हाथ और पैरों के हिलाने की वजह से उसके स्टिचीस खुल गए थे और उनमें से लगातार खून बहता जा रहा था।
नर्स जल्दी इंजेक्शन लाओ डॉक्टर चिल्लाते हुए नर्स की ओर देखते हुए कहता है।नर्स तुरंत ही इंजेक्शन डॉक्टर के हाथ में रख देती है पर जैसे ही डॉक्टर रिया को इंजेक्शन लगाने वाला था कि तभी वह देखता है कि रिया को जो ब्लड की बोतल चड़ रही थी। वह खून पूरा काला हो चुका था और अजीब बात तो यह थी कि वह बॉटल खाली होने की जगह रिया के खून से भरती जा रही थी वहां इतनी भर जाती है कि खून के प्रेशर से वह बोतल पूरी फट जाती है और पूरा फर्श खून में लिपट जाता है।

रिया के शरीर की पूरी नसे उपसी हुई थी और सभी नसें पूरी काली पड़ गई थी। रिया का शरीर धीरे-धीरे पतला और सफेद हो रहा था,जैसे कोई अंदर से उसके शरीर का सारा खून चूस रहा हो, रिया इस दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। रिया का खून इतना बह चुका था कि वह अब बेड से नीचे टपक रहा था। उसका खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था। राज इस वक्त रिया का बस हाथ थामें खड़ा था
'आप लोग कुछ तो कीजिए......' चिल्लाते हुए राज बिलख कर रोने लगता है, उसकी यह चीख पूरे कोरिडोर में गूंजती है। डॉक्टर को भी रिया की हालत को देखकर समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें क्योंकि ऐसा केस उसने आज तक नहीं देखा था।

तभी रिया की बॉडी आगे से थोड़ी ऊपर होती है और जोर से ऐड पर पटकाती है, रिया की बॉडी को एक झटका सा लगता हैं, उसकी आंखों और मुंह से खून निकल रहा था और उसका पूरा शरीर ठंडा पड़ गया था क्योंकि रिया की मौत हो चुकी थी। तभी राज जोर से चिल्लाता है 'रिया..........' इस आवाज के साथ कमरे में पूरा सन्नाटा छा जाता है। बाहर पड़ रही बारिश और बादलों की गरजने की आवाज कमरे में सुनाई देती है।

To be continued.......