Rest of Life (Stories Part 8) in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | शेष जीवन (कहानियां पार्ट 8)

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 8)

फिर रमेश ने आगे बढ़कर उसका हुक बन्द कर दिया।रचना का गोरा गदराया अर्धनिर्वस्त्र मॉसाल देह देखकर वह अपने पर काबु नही रख सका।और वह रचना को बहो में भरकर वह .चूमने लगा।रचना ने रमेश की इस हरकत का कोई विरोध नहीं किया तो उसका हौसला बढ गया।
राहुल जब रचना के होंठ चूमता तो वह रोमंचित हो जाती।लेकिन रमेश ने उसके होठो को चूमा तो उसे ऐसा लगा मानो उसके होठो को गंदा कर दिया हो।
रचना,राहुल से बदला लेना चाहती थी।वह बताना चाहती थी कि अगर पति पत्नी से बेवफाई कर सकता है तो पत्नी भी ऐसा करके दिखा सकती है।रचना नारी स्वतन्त्रा की हिमायती थी और जैसे के साथ तैसा में विश्वास रखती थी।
रमेश,रचना के अंग प्रत्यंगों से छेड़छाड़ करने लगा।रमेश की हरकतों को सहन करते हुए वह विचारो की दुनिया मे खोई थी।और तभी रमेश ने रचना के शरीर से ब्रा अलग कर दी।और रमेश के हाथ रचना के गदराए बदन पर रेंगने लगे।वह उसके स्तनों को। और रमेश के हाथ पेटिकोट के अंदर उसकी जांघो को सहलाने लगे।वह उसके स्त्री अंगों को सहलाने लगा।और फिर रमेश ने रचना के पेटिकोट के नाड़े को खींच लिया और उसके हाथ रचना के शरीर से पेटिकोट को अलग करने के लिए बढ़े।लेकिन तभी रचना के मन मे आया अगर उसने भी पति जैसी हरकत की तो फिर उसमें और राहुल में फर्क क्या रह जायेगा।
अगर आज उसने रमेश के आगे समर्पण कर दिया।अपना तन रमेश को सौंप दिया तो वह पति की नज़रों में ही नही अपनी नज़रो में भी हमेशा के लिए गिर जाएगी।उसे आजीवन यह बात सालती रहेगी कि वह पतिव्रता धर्म का पालन नही कर पाई।वह पति को ऐसा मौका नही देगी की पति जीवन भर उसे ताने मारे।और यह विचार उसके मन मे आते ही वह शेरनी की तरह बिफर गयी,"यह तुम क्या कर रहे हो।मेरे बेड रूम में तुमने घुसने की हिम्मत कैसे की।"
"मैं मैं बहक गया।अपने पर काबू न रख सका"रचना के तेवर दखकर रमेश गिड़गिड़ाया था।
"तो परायी औरत के बीएड रूम में घुस आए।रिश्तों का लिहाज,शर्म कुछ है कि नही।"
"मुझे माफ़ कर दो
"कोई माफी नही।।उठाओ अपना सामान और निकलो यहां से।"
रमेश ने माफी मांगी पर रचना ने उसकी एक भी नही सुनी और उसे अपने घर से बाहर निकाल दिया।
राहुल आफिस के टूर से गया हुआ था।और अगले दिन वह वापस घर लौट आया था।रात को लंबे अरसे बाद रचना पति से सटकर बेड पर लेटते हुए बोली थी,'मैने रमेश को घर से निकाल दिया है।"
"क्यो?"पत्नी की बात सुनकर राहुल ने पूछा था।
"वह मेरी इज़्ज़त पर हाथ डालना चाहता था"
"कैसे?क्या किया उसने?"राहुल ने पूछा तो रचना ने पूरी घटना पति को बता दी थी।"।पत्नी की बात सुनकर राहुल बोला,"रचना इसमें उस बेचारे का क्या दोष है?तुम मुझ से बदला लेने के लिए उकसा तो तुम ही रही थी।"
"राहुल तुम ठीक कह रहे हो।मैं तुमसे बदला लेना चाहती थी।इसलिए रमेश से शारीरिक सम्बन्ध जोड़ना चाहती थी।लेकिन मैं ऐसा नही कर सकी।"
"रचना इसमें तुम्हारी गलती नही है।तुम्हारी जगह कोई और होती तो उसे भी पति की हरकत पर गुस्सा आता।मेरे से गलती हुई है।मुझे माफ़ कर दो।"और रचना ने पति को माफ कर दिया था।
"