Junoon - ishq ya badle ka.. - 7 in Hindi Love Stories by Princess books and stories PDF | जुनून - इश्क या बदले का... - 7

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जुनून - इश्क या बदले का... - 7

आरव कि तंद्रा तब तुटती है जब रवी उसे पुकारता है।

सर हमे अब चलना चिहिए आपकी फैमिली आपका वेट कर रही होगी । आरव उसकी बात सुन के जाके अपनी दूसरी कार में बैठ जाता है । और रवी भी कार में आके ड्राइविंग सीट पर बैठ कर ड्राइव कर ने लगता है ।तो वही आरव कार कि खिड़की से बाहर देखने लगता है ।

सिमरन वहां से गुस्से मे निकलती है । वो एक पेड़ के पास जाके खड़ी हो जाती है । वो पहले अपने बिखरे हुए बालों को ठीक करती है।और अपने बैग से एक छोटा सा first aid box निकालती है। और अपनी लकी चोट को ठिक से बैंडेज लगा देती हैं।

उसे एक टैक्सी नज़र आती है । तो वो उस टैक्सी को रुकवाती है । और जाकर उस मे बैठ जाती है । ड्राईवर को एड्रेस बता के वो अपनी आंखे बंद कर लेती है। और अभी थोड़ी देर पहले जो कुछ भी हुआ उसके बारे मे सोचती है ।

जैसे ही आरव का उसे जबरदस्ती किस करना याद आता है । तो वो जल्दी से अपनी आंखे खोल देती है । उसकी आंखों में गुस्सा फिर से उतर आया था । वो गुस्से से अपने मन में बोलती है । ( I wish कि वो घमंडी , सनकी आदमी हमें दोबारा ना मिले वरना कहीं हमारे हाथों से उसका मर्डर ना हो जाए । जंगली भेड़िया कहीं का 😏 )

वही आरव की कार एक बड़े से गेट के पास आके रुकती है । जिस कि नेम प्लेट पर " रजावत पैलेस " लिखा हुआ था । ( आरव भी पूरे रास्ते उस के और सिमरन के बीच जो कुछ भी हुआ था उस के बारे में सोचता रहता है । उसे बार बार उसके और सिमरन की बीच हुई वो किस याद आ रही थी। ये पहेली बार था जब वो किसी लड़की के इतने करीब गया हो। और उसे अनकंफर्टेबल फील ना हुआ हो । )

वहा के गार्ड्स वो गेट को खोलते है । तो रवी ड्राइव कर के कार को अंदर ले जाता है । रवि लगभग तीन मिनट कार को चलाने के बाद कार को घर के सामने आके रोकता है । एक गार्ड आके कार के पीछे का डोर ओपन करता है । और आरव कार से बाहर निकलता है। रवि को वहां से जाने का बोल के वो घर के अंदर चला जाता है। गेट से लेके घर के अंदर तक सारे गार्ड्स और सर्वेंट उसे रिस्पेक्टफुली ग्रिट करते है ।

अरे मैने तो आपको आरव की फैमिली से तो मिलवाया ही नहीं । तो चलिए पेहले आरव की फैमिली से मिल लेते हैं ! फिर हम अपनी स्टोरी को आगे बढ़ाएंगे ।


Aarav's family:-💞💞💞

आरव कि फैमिली मे पांच लोग है । सबसे बड़ी और घर कि मुखिया आरव की दादी ( अनुराधा सिंह रजावत ) , डेड ( नरेन सिंह रजावत ), मोम ( प्रांजलि सिंह रजावत ) , भाई ( आरुष ) जिसने अपने बड़े भाई आरव के साथ कंपनी ज्वॉइन कि है । और अपने ऑफिस के प्रोजेक्ट के लिए US गया हुआ है। , छोटी बहन ( आरुषि ) जो के कॉलेज के लास्ट ईयर में पठ रही है ।

आरव अपने घर में सबसे ज्यादा प्यार अपनी दादी से करता है । और उनकी हर बात भी मानता है । लेकिन जब बात उस कि शादी कि आती है । तो वो कोई ना कोई बहाने से इस बात को टाल देता है । और इसी वज़ह से वो अपने घर और गरवालों से दूर रेहता है ।

आरव जैसे ही घर के अंदर दाखिल हुआ तो उसने हॉल में ही अपनी दादी , डेड , मोम और अपनी बहन आरुषि को देखा जो एक दूसरे के साथ बात करने में बिज़ी थे ।

जैसे ही आरुषि कि नज़र अपने भाई पर पड़ी । वो अपनी जगह से उठी और भागकर आरव के गले लग गई । आरव ने भी उसे गले लगा लिया । बाकी सब लोगो कि नज़रे भी उनकी तरफ चली गई ।

आरव ने भी उसे अपने गले से लगा लिया। और कहां , कैसी है तु ....?

तो वही आरुषि भी आरव से अलग होते हुए बोली...

में बिल्कुल ठीक हूं भाई और आप बताओ कि आप कैसे हो । मैने आपको बोहोत मिस किया ।

आरव भी उसकी खिंचाई करने के लिए उसे ऊपर से नीचे तक देखते हुए केहता है ।

हा , हा वो तो दिख ही रहा है । के तूने मुझे कितना मिस किया । मोटी .....और उसके बाल हल्के से खींच देता हैं ।

और वही आरुषि का तो मुंह बन जाता है । और वो आरव से चिड़ते हुए कहती है ।

मुझे तो आपसे बात ही नहीं करनी । आप ... आपना बोहोत बुरे हो भाई मे ना आपसे कभी बात नहीं करूंगी 😏 इतना बोल के वो अपने पैर पटकती हुई अपनी जगह पर वापिस जाके मुंह फूला के बैठ जाती है । और आरव उस को ऐसे जाता देख अपना सर हिला देता है ।

और उस के पीछे पीछे उनकी तरफ बढ़ जाता है । वो अपनी दादी , डेड और मोम को हग करता है । और अपनी दादी के पास जाके बैठ जाता है। वो अपनी दादी को देखते हुए पूछता है ।

क्या बात थी दादी जो आपने मुझे इतनी urgently यहां बुलाया ...?

क्यों मुझे तुझे यहां बुलाने के लिए कोई वज़ह कि जरूरत है क्या मे अपने पोते को मिलने के लिए यहां नहीं बुला सकती ।

कम ऑन गर्लफ्रेंड मे ने ये कब कहा के आप मुझे यहां नहीं बुला सकती । आज तक ऐसा कभी हुआ है कि मैं ने आपकी कोई भी बात न मानी हो मे तो बस .... दादी आरव की बात को बीच मे ही काटते हुए बोलती है ।

फ़िर ये बात तेय रही के तु कुछ दिन हमारे साथ ही रहेगा यहां। आरव फिर कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोलता है । लेकिन दादी फिर आरव की बात को बोलने का मौका दिए बिना अपनी बात को आगे कंटिन्यू करती हुई केहती है । बस अब इस बात पर और कोई बहस नहीं होगी ।

आरव भी अपनी दादी से हार मानते हुए केहात है ।

ठीक है दादी मे कुछ दिनों के लिए यहां रुकने के लिए तैयार हूं । लेकिन एक सर्त पर कि आप मुझसे शादी से रिलेटेड कोई भी बात नहीं करेंगी ।

दादी भी उसकी बात मान लेती है । क्योंकि इस बहाने सही कम से कम उनका का ये अड़ियल पोता उन सब के साथ इस घर में रुकने के लिए तो तैयार है।

आरव उनसे बात करने के बाद अपने कमरे मे चला जाता है। वो अपने कमरे आके सीधा फ्रेश होने चला जाता है।

तो वही हॉल मे आरू दादी को देख कर उनसे पूछती है ।

दादी आपने भाई को बताया क्यों नहीं । कि हमारे घर में रेहने कि लिए आपका कोई गेस्ट आ रहा है ...?

मुझे अपने घर में किसी को बुलाने के लिए किसी कि भी परमिशन की जरूरत नहीं है। दादी कड़क आवाज़ में बोलती है।

एक टैक्सी मेन गेट पर आके रुकती है । उस मे से एक लड़की बाहर निकलती है । वो टैक्सी का ड्राईवर उस का सामने निकालने में उसकी मदद करता है । वो अपना लगेज लेके उन गार्ड्स के आगे रुकती है । और अपना नाम सिमरन बताके वो अनुराधा सिंह राजावत को इन्फॉम करने को केहती है।

( जिहां ये सिमरन ही है । आरव की दादी और सिमरन की दादी बचपन कि सहेलियां है । सिमरन अपनी दादी के जरिए आरव की दादी अनुराधा जी को जानती है । लेकिन सिमरन अनुराधा जी के परिवार के बारे कुछ नहीं जानती । )

गार्ड घर के अंदर इन्फॉर्म कर देता है । दादी को जैसे ही पता चलता है कि सिमरन आ चुकी है । तो वो दो सर्वेंट को उसे लेने गेट पर भेजती है ।

वो सर्वेंट उस सिमरन के पास जाके उसे रिस्पेक्टफुली ग्रिट करते है । उस से उसका लगेज लेके उसे घर के अंदर ले जाते है । सिमरन जैसे ही घर के अंदर जाती है । दादी पहले से ही उसका बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी । जब दादी कि नज़र उस पर जाती है । उनके चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी ।

सिमरन उनके पास जाके उनके पैर छूती है । और उनके गले लग कर केहती है। कैसी है आप दादी ....?

दादी उससे अलग होते हुए कहती है । हम ठीक है बेटा फाइनली तुम आ ही गई । आओ मे तुम्हे अपने परिवार से मिलवाती हूं । इतना बोल दादी सिमरन का हाथ पकड़ कर घर के बाकी सदस्यों के पास लाती है । उनका आपस मे इंट्रोड्क्शन करवाती है।

सिमरन नरेन जी के पैर छूती है । तो नरेन जी भी प्यार से उस के सर पर हाथ रख कर उसका इस घर में वेलकम करते है ।

आरु सिमरन के पास जाती है । और उसे हग करके उसका वेलकम करती है।

सिमरन प्रांजलि जी के पास जाकर उनके पैर छूती है । लेकिन प्रांजलि उसे उसके दोनों कंधों से पकड़ कर उठाती है । और सीधे अपने गले से लगा लेती है । सिमरन को थोड़ा अजीब लगता है । लेकिन वो भी उन्हें गले लगा लेती है।

इस वक्त प्रांजलि की आंखे नम थी । बस वो ही जानती है कि उसके दिल में अभी क्या कुछ चल रहा था । सिमरन जब से घर के अंदर आई है , तब से ही प्रांजलि के चेहरे पर खुशी , दुख , दर्द , हैरानी , बोहोत सारे इमोशन एक साथ दिख रहे थे। सिमरन को देखते ही उनकी आंखे नम हो चुकी थी । लेकिन उन्होंने किसी के सामने जाहिर नहीं होने दिया था । लेकिन कोई था जिसने उनके चेहरे के बार बार बदलते हुए एक्सप्रेशन को देख लिया था ।

प्रांजलि अपने आप को संभालती है ।और सिमरन से अलग होती है । प्रांजलि प्यार से सिमरन के गाल पर एक हाथ रख कर उस से केहती है ।

इसे अपना ही घर समझना बेटा और तुम्हे कोई भी चीज़ कि जरूरत या कोई प्रॉब्लम हो तुम सीधा मेरा पास चली आना ।

सिमरन उनकी बात सुनके बस एक स्माइल कर देती है ।

तभी प्रांजलि की नज़र सिमरन के सर पर लगी बैंडेज पर जाती है । जो उसके बालों कि लटो के कारण छुपी हुई थी।

बेटा तुम्हारे सर पर ये चोट कैसे लगी ....? प्रांजलि घबराते हुए पूछती है ।

प्रांजलि का सवाल सुन सब का ध्यान भी सिमरन की लगी उस चोट पर जाता है । सब लोग सिमरन से पूछने लगते हैं । कि उसे ये चोट कैसे आई ।

सिमरन तो पहले उन्हें शांत कराती है । और उन्हें बताना शुरू करती है । वो उन्हे किस के अलावा सारी बात बता देती है । जो उसके और आरव के बीच हुआ था।

आरव फ्रेश होकर फोन पर बात करने के लिए रूम से बाहर आता है । तो उसे एक जानी पहचानी आवाज़ सुनाई देती है । तो वो सीढ़ियों से नीचे उतर ने लगता है । लेकिन वो बीच रास्ते में ही रुक जाता है। वो किसी लड़की को देखता है जो उसकी तरफ पीठ करके खड़ी थी । उस वो कुछ जानी पहचानी लगती है।

तो वही सिमरन भी उन सबको अपने और आरव के बारे में बताने मे बेजी थी । तब उसे किसी के कदमों कि आवाज़ आती है । तो वो पलटकर सीढ़ियों कि तरफ देखती है।

जब सिमरन पलटती है । तो आरव और सिमरन की आंखे एक दूसरे से मिलती है । और वो दोनो अपनी आंखे बड़ी बड़ी करके एक दूसरे को शॉक्ड होकर देख रहे थे।

उन दोनों के मुंह से एक साथ बस एक ही शब्द निकलता है । तुम .....?

To be continued........

*प्रांजलि ने सिमरन को देख ऐसा रिएक्ट क्यों किया ...?

* तो आपको क्या लगता है क्या करेगा अब आरव ....?