Junoon - ishq ya badle ka.. - 4 in Hindi Love Stories by Princess books and stories PDF | जुनून - इश्क या बदले का.... - 4

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जुनून - इश्क या बदले का.... - 4

सिमरन घर पोहोंचति है । तो उसे दादी जान कहीं नहीं दिखती , तो वो एक मेड को बुला के पूछती है। तो मेड उसे बताती है , कि दादी जान किचन मे खाना बनवा रही है। मेड की बात सुन उसे ओके केहके वो अपने कमरे में चली जाती हैं !

मेड भी किचन में जाके सिमरन के घर आने कि बात दादी जान को बता देती है ।

वही सिमरन कमरे में आके अपने लिए एक टी शर्ट और शॉट्स निकालती है । और फ्रेश होने वॉशरूम मे चली जाती है !

फ्रेश होकर बाहर आने के बाद वो अपना फोन लेके बालकनी मे चली जाती है। वो फोन को देख ते हुए सोचती है , कि इतनी रात को फोन करना सही रहेगा या नहीं !

फिर वो अपने विचारों को जटक देती है , और कॉल लगा देती हैं ।

दो रिंग मे ही फोन रिसीव कर लिया जाता है।

सिमरन केहती है । हैलो " दादी सा कैसी है आप "...?

तो फाइनली आप को हमारी याद आ ही गई !

दुसरी तरफ से सिमरन की दादी ( मृणाली देवी राठौड़) केहती है !

याद तो आप की रोज आती है दादी सा लेकिन , टाइम ही नहीं मिलता के हम आपसे आरम से बैठ के बात कर पाए । अभी भी तो हम आपको इतनी रात को कॉल कर रहे है!

सिमरन बालकनी की ग्लास रीलिंग से टिक कर केहती हैं !

दादी बच्चों के जैसे मुंह बनाके शिकायत करते हुए कहती है !

हा हा हमे पता है , कि कितना याद करती है आप हमे , महिनो घर से दूर रहती है । और अगर हम मे से कोई आप को कॉल करे या आपको घर आने को कहे , तो आप हमेशा यही केहती है कि हम बिज़ी है।

आपकी बेहेन भी आप ही के नक्शे कदम पर चल रही है । आप का तो समझ में आता है। कि आप दूसरे शहर या कंट्री में रहेती है । लेकिन आपकी बहन दिव्या तो एक ही शहर में रेहने के बावजूद भी मेहमानों कि तरह घर आती जाती रहती हैं।

हमे तो अब ऐसा लगता है , कि आप दोनों बेहने पूनम का वो चांद है , जो पंद्रह दिन में एक बार दिखता है।

अरे नहीं पूनम का चांद तो फिर भी पंद्रह दिन के बाद दिखता है । लेकिन आप दोनों तो तब भी नहीं दिखती ।

हमेशा एक शेहेर से दूसरे शेहेर जाती रहती है । लिकिन ये नहीं कि कभी कबार अपने घरवालों को भी अपना मुखड़ा दिखा दिया करे ।

सिमरन भी अपने होठों का पाउट बनाके कहती है।

क्या दादी सा आप भी , ये नहीं कि आप अपनी पोती का हाल चाल पुछ ले , उल्टा आप अपनी शिकायतों का पिटारा खोल के बैठ गई। इतना कहके वो अपना मुंह फूला लेती हैं !

हमे आपका हाल चाल जान ने कि जरूरत नहीं है , बल्कि हमे तो उनका हाल चाल जान ने कि जरूरत है । जो आपके गुस्से का शिकार बनते होंगे बिचारे ।

हमे पता है , की आप अपना ख्याल खुद रख सकती है । क्यों कि आप किसी शेरनी से कम थोड़ी ना है । आप हमारी पोती है । और हमे आप पर पूरा भरोसा है, कि ना आप कुछ ग़लत करेंगी और नाहीं कभी किसी के भी साथ कुछ ग़लत होने देंगी।

दादी सा की बात सुनते ही सिमरन के चेहरे पर एक स्माइल आ जाती है !

दादी सा अपनी बात आगे कोंटिन्यू करते हुए कहती है । ...

लेकिन आप ने हमे अभी तक बताया नहीं बेटा , के आपने हमे इतनी रात को कॉल क्यू किया था । आपको कहीं कोई परेशानी तो नहीं है ना वहां पे...? दादी सा चिंतित होते हुए पूछती है !

अब जाके सिमरन को याद आया , कि उस ने दादी को कॉल क्यों किया था।

वो अपने सर पर एक चपत लगाते हुए केहती है !

हम तो बातों बातों में भूल हि गए थे , कि हम ने आपको कॉल क्यों किया था ।

Actually दादी सा हम ने आपको ये बताने के लिए कॉल किया था , कि हम इंडिया वापस आ रहे है !

सिमरन की बात सुन दादी सा खुश हो जाती है। उनकी आंखो मे अपनी पोती को इतने महीनों के बाद देखने की खुशी साफ दिखाई दे रही थी ।

हम अभी से ही आप के आने कि तैयारी या शुरू करवा देते हैं। आप हमे बता दीजिए कि आप की इंडिया की फ्लाईट कब की है । हम घर में से किसी को आपको लेने एयरपोर्ट पर भेज देंगे । दादी सा खुशी से केहती हैं।

लेकिन उनकी खुशी पल भर में ही गायब हो गई , जब उन्होंने सिमरन की आगे की बात सुनी ।

दादी सा हम इंडिया तो आ रहे है । लेकिन हम " राठौड़ पैलेस " नहीं बल्कि " मुंबई " जा रहे है।

हमे मुंबई में जरूरी काम है , जिस के लिए हमे मुंबई रेहना होगा पता नहीं कितने दिन या महीनों के लिए । I am sorry दादी सा लेकिन हम अभी घर नहीं आ सकते ।

सिमरन गिल्ट के साथ केहती हैं।

( उसे पहले से हि पता था , की उसकी दादी कितनी खुश होंगी । उस के वापस आने कि बात सुन के , वो उन्हें हर्ट नहीं करना चाहती थी । इसी लिए वो उन्हें फोन करने से कतरा रही थी । लेकिन वो जानती थी के अगर उस ने खुद अपने इंडिया वापस आने कि बात उन्हें नहीं कही । तो आज नहीं तो कल उन्हें पता चल हि जाता तो वो ये जान के और हर्ट हो जाती जो कि वो बिल्कुल नहीं चाहती । इसी लिए उस ने खुद ही अपनी दादी को उसके इंडिया आने कि बात बता दी। )

दादी सा ये सुन के उदास हो जाती हैं। लेकिन वो जानती है कि एक लड़की को खुद के पैरो पर खड़े रहना कितना जरूरी है । ताकि उन्हें लाईफ में कभी किसी के भी सहारे कि जरूरत ना पड़े ।

इस लिए तो उन्हों ने कभी अपने घर में बेटों और बेटियों मे फर्क नहीं समझा । अपनी पोतियों को भी वो ही आजादी दी जो उन्होंने अपने पोतों को दी है !

दादी सा खुद को नॉर्मल करके केहती है। ठीक है बेटा लिकिन कभी कबार तो आप हम सब से मिलने आएगी ना...?

अफकॉर्स दादी सा हम आपसे मिलने जरूर आएंगे ! सिमरन केहती हैं।

लेकिन मुंबई शहर तो आप के लिए नया है । तो आप वहां अकेली कैसे रहेंगी । क्यों कि हम जानते हैं कि आप अपनी दादी जान को तो अपने साथ लेके जाएंगी नहीं । उस अनजान शहर में अकेला रहेना सैफ नहीं हैं। दादी सा चिंतित होते हुए कहती है !

डोंट वरी दादी सा आप खामखा टेंशन ले रही है। हम बच्चे थोड़ी ना है । हम लंदन मे भी तो पहले अकेले रहते थे ना । सिमरन उन्हें समझाते हुए कहती है।

लंदन की बात और है बेटा वहां आपने अपनी पढ़ाई अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट किया है । वहां आपके दोस्त है । अक्षय है और उनकी फैमिली भी तो वही है ।

लेकिन मुंबई में तो आप किसी को भी नहीं जानती । तो आप वहां अकेली सब कुछ कैसे मैनेज करेंगी ।

हम ने सोच लिया है । अगर आप मुंबई जाना चाहती है , तो आप को हमारी एक शर्त माननी होगी। वरना आप को " राठौड़ पैलेस " वापस आना होगा । दादी सा स्ट्रिकली केहती है।

लेकिन दादी सा .... सिमरन आगे कुछ बोलती उस से पहले दादी सा उस कि बात बीच मे ही काटते हुए कहती है।

लेकिन - वेकिन कुछ नहीं हम ने जो आप से कहा है । वो आपको मान ना होगा । दादी सा ऑडर देते हुए केहती हैं !

( सिमरन जानती है। कि उसकी दादी सा को उसकी कितनी चिंता है । वो उनकी चिंता और नहीं बढ़ाना चाहती , और नाही वो पैलेस अभी वापस जा सकती हैं। वो अपनी दादी सा की बात मानना ठिक समझाती है । )

ठीक है दादी सा हम आपकी शर्त मानेंगे । बताइए क्या शर्त है आपकी ...? सिमरन पूछती हैं।

सिमरन कि बात सुन दादी सा अपनी शर्त बताती है।

जिसे सुन कर सिमरन केहती है । हमे आपकी शर्त मंज़ूर है। लेकिन आप को भी हमारी एक कंडीशन माननी होगी ....

सिमरन अपनी कंडीशन बताती है । जिसे सुन के दादी सा भी उस कि बात मान लेती हैं । दोनों कुछ देर बात कर लेने के बाद फोन रख देती हैं।

डाइनिंग एरिया....💞💞💞

सिमरन नीचे आ जाती हैं । तो देखती है , कि दादी जान उसी का वेट कर रही थी , डिनर के लिए ।वो डाइनिंग टेबल के पास जाके अपने लिए चेयर खींच के उस पे बैठ जाती हैं। और दादी जान को लेट आने के लिए सॉरी केहति है।

दादी जान भी स्माइल के साथ बस अपना सिर हिला देती है । और सिमरन के लिए और अपने लिए खाना सर्व करती हैं। दोनो खाना सुरु करती है।

सिमरन खाना खाते हुए हि दादी जान से केहती है ।

दादी जान पेकिंग सुरु कर दीजिए । हमे इन दो दिनों में ही इंडिया वापस जाना है । आप हमारे साथ मुंबई तक चलेंगी बाद मे आप दुसरी फ्लाईट से " राठौड़ पैलेस " चली जाइएगा ।

दादी जान खाते खाते रुक जाती हैं । और सिमरन को देख उस से पूछती हैं।

अगर हम " राठौड़ पैलेस " चले जाएंगे , तो तुम उस अनजान शहर में अकेली कैसे और कहां रहोगी ।

डोंट वरी दादी जान हमारी अभी अभी दादी सा से सारी बात हो चुकी हैं । तो आप हमारे लिए परेशान ना हों ।

दादी जान भी उस कि बात मान लेती हैं । और दोनो अपना डिनर करके , एक दूसरे को गुड नाईट बोलके अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं।

सिमरन अपने कमरे में आके अपने रूम कि सीलिंग की लाइट्स ऑन करती हैं ।जो कि छोटी छोटी लाइटिंग से पूरी सीलिंग को डिजाईन किया गया है। जिस के कारण पूरे कमरे में तारों से भरा आसमान बोहत खूबसूरत दिख रहा है। और बाकी कि लाइट्स वो ऑफ कर देती हैं।

वो अपने किंग साइज बेड पर लेट जाती है । और तोरों से भरे आसमान को देखने लगती है ।

तारों को देख स्माइल कर ते हुए वो खुद से कहती है ।

पता नहीं हमारी तूफान मेल ( दिव्या ) क्या कर रही होगी ।

फिर वो अपने टेडी बियर को हग कर के सो जाती हैं।

दूसरी तरफ....💞💞💞💞💞

India मे ( अहदाबाद )

रात के 2:00 बजे......

एक सुनसान सड़क पर एक ब्लैक मर्सडीज आके रुकती है।जिस मे चार लोग बाहर निकलते हैं। ( दिव्या , कार्तिक , काव्या , अमय )

उन चारों ने ब्लैक कलर के कपड़े , हैंड ग्लोव्स , और अपने चेहरे को मास्क से कवर कर रखा था ।

दिव्या ने अपनी आंखों पे कांटेक्ट लेंस लगाए हुए है। जिस के कारण उसकी काली गहरी आंखे ब्राउन कलर की दिख रहीं हैं !

वो लोग अपनी कार को वही छोड़ , उस सुनसान सड़क पर चलने लगते है।

अमय अपनी नजरें सड़क पर इधर - उधर दौड़ाता हैं। लेकिन उसे दूर दूर तक कोई नज़र नहीं आता ।

तो वो मुंह बनाके केहता है।

क्या यार ...? यहां तो दूर दूर तक इंसान तो छोड़ो जानवर तक कि आवाज़ नहीं आ रही है । हम यहां करने क्या आए है ...? ये खाली सुनसान सड़के देखने ।

दिव्या अपनी गर्दन को थोड़ा टेढ़ा कर के उसे घुर कर देखती हैं ।

जैसे केहना चाह रही हो । कि क्या हम तुम्हे बेवकूफ़ नज़र आ रहे है , जो तुम जैसे नगीनों को लेके , आधी रात को हम यहां सैरसपाटा करने निकलेंगे ।

जब अमय की नज़र दिव्या पर जाती है , जो उसे ही घुरे जा रही थी । तो वो सकपका जाता हैं , और अपनी नजरें इधर उधर करने लगता है।

तो वही अमय की ऐसी हालत देख काव्या और कार्तिक कि हसी छूट जाती हैं। और अपना मुंह दबाकर हसने लगते है ।

वो लोग चलते चलते एक पुरानी बिल्डिंग के सामने आ जाते है । जो कि किसी खंडर से कम नहीं लग रही थी । जिस का मेन गेट भी टूटा फूटा था ।

वो बाहर से ही उस बिल्डिंग के अंदर झांकने कि कोशिश करते है । लेकिन उन्हें आसपास कोई नज़र नहीं आता ।

तो अमय फिर बोल पड़ता है । ...यार यहां तो कोई नजर नहीं आ रहा । कहीं हम ग़लत जगह तो नहीं आ गए ।

क्यों कि अगर यहां कोई भी गेर कानूनी काम हो रहा होता , तो यहां कोई तो होता ही ना पहरेदारी करने के लिए।

कार्तिक घुर कर उसे देख कर केहता हैं।

मेरी इंफॉर्मेशन कभी ग़लत नहीं होती ,समझे । मुझे पक्की इंफॉर्मेशन मिली है , कि यहां से ज़हरीली शराब को दूसरे शहर और दूसरे countries ( कंट्रीज ) में भेजा जाता हैं।

अब बाते छोड़ो और जो करने आए हो , उस पर ध्यान दो । दिव्या उनकी बहस को बीच में ही काट कर केहती है।

काव्या तुम और अमय लेफ्ट साइड से पीछे कि और जाओगे । और तुम कार्तिक राइट साइड से जाओगे । और हा जो भी मिले वो बचना नहीं चाहिए । एक दूसरे से ब्लूटूथ के जरिए कनेक्ट रहिएगा । और हम मेन गेट से अंदर जाएंगे । दिव्या उन तीनो को डायरेक्शन समझा देती है ।

वो लोग अपने अपने डायरेक्शन कि और बढ़ जाते हैं।

दिव्या धीरे धीरे उस बिल्डिंग की अंदर जाती है । थोड़ी दूर जाते ही उसे एक आदमी दिखता है !

तो दिव्या पीछे से उस के मुंह पर हाथ रख के , उस कि गर्दन को एक जटके मे दुसरी साइड घूमा देती हैं । जिस से वो आदमी वही ढेर हो जाता हैं। दिव्या उसे घसीट कर एक पिलर के पीछे छुपा देती हैं । और आगे बढ़ जाती हैं।

ऐसे ही काव्या , अमय और कार्तिक को जो भी अपने सामने मिलता वो उसे वही मार देते और आगे बढ़ जाते ।

काव्या ब्लूटूथ के जरिए उन सब से केहती है । कि यहां पीछे कुछ लोग एक ट्रक में बॉक्ससेस भर रहे है। दिव्या ने भी देख लिया था कि वो लोग बॉक्स मे शराब को भर के उसे पीछे कि और ले जा रहे है । कार्तिक और दिव्या भी बचते बचाते पीछे के एरिया में पहोंच जाते हैं ।

दिव्या उन्हें कुछ समझाती है । वो सब अपनी गर्दन को हिला के हा का इशारा कर देते है । और वो चारों उन लोगों पर फायरिंग शुरू कर देते है।

अचानक फायरिंग शुरू हो जाने के कारण वो लोग संभल नहीं पाते और तीन चार लोगों कि तो वही बली चढ़ जाती है ।

वो लोग भी छुप जाते हैं और फायरिंग शुरू कर देते है। अब तो दोनो तरफ से फायरिंग शरू हो गई थी ।

लेकिन इसी बीच एक ट्रक मे ब्लास्ट हो जाता है ।

To be continued..........

*** तो आपको कैसी लगी दादी - पोती की ये स्वीट कन्वर्सेशन और कोन सी सर्त और कंडीशन रखी है दादी - पोती ने एक दूसरे से .....?

***क्या दिव्या खुद को और अपनी टीम को बचा पाएगी इस ब्लास्ट से ....?